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इस फ़ेसबुक पोस्ट से कली पुरी का पारा हुआ हाई, नार्थ ईस्ट के बिजनेस हेड को किया बर्खास्त! देखें मेल

नीचे प्रस्तुत फ़ेसबुक पोस्ट स्क्रीनशॉट के जो लेखक हैं वो इंद्रनील चैटर्जी हैं। स्क्रीनशॉट में इनका नाम भी चमक रहा है। इंद्रनील इंडिया टुडे के नार्थ ईस्ट के बिजनेस हेड हैं। पहले पोस्ट पढ़िए-

इंद्रनील के इस पोस्ट की खबर कली पुरी तक पहुँची जो इंडिया टुडे group के मालिक अरुण पुरी की बेटी हैं। उन्होंने फ़ौरन आदेश दिया कि इसे बर्खास्त करो। बर्ख़ास्तगी का आदेश जारी हो गया। देखें लेटर-

इंद्रनील ने अपनी बात रखी। सभ्य शब्दों में। उनके विचार से हम असहमत हो सकते हैं। इंद्रनील की Fb पोस्ट वैसे भी पब्लिक नहीं थी, फ़्रेंड ओनली थी। स्क्रीनशॉट में प्राइवसी सेटिंग देखने से ये स्पष्ट है। तो फिर उन्हें बर्खास्त करना ग़लत कदम है।

हम लोकतंत्र में रहते हैं। हमारे निजी विचार, तौर तरीक़े अलग हो सकते हैं। इस भिन्नता / विविधता के आधार पर किसी को नौकरी से निकाल देना अलोकतांत्रिक के साथ साथ गैर क़ानूनी है। भले किसी कम्पनी की सोशल मीडिया पॉलिसी चाहें जो हो। इंद्रनील को ये प्रकरण हाईकोर्ट में ले जाना चाहिए और फ़ौरन स्टे ऑर्डर लेना चाहिए।

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वैसे वरिष्ठ पत्रकार सत्येंद्र पीएस अपनी टिप्पणी में कली पुरी के ऐक्शन का दिल से स्वागत कर रहे हैं, पढ़ें…

मीडिया और मीडिया मालिकों पर लिखने से अमूमन बचता हूँ। तमाम लोग लिखते ही रहते हैं। खुला खेल फर्रुखाबादी है। आज कली पुरी को सैल्यूट करने का मन किया, उन्होंने अपने एक कर्मचारी को निकाल दिया है।

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मुझे नहीं पता कि अछूतों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, गे, लेस्बियन आदि को लेकर वह कितनी संवेदनशील हैं। लेकिन अगर उनके कर्मचारी ने फेसबुक पर जो लिखा है, सचमुच उसकी वजह से उन्होंने उस कर्मचारी को टर्मिनेट करने का फैसला किया है तो मेरे मन में उनके प्रति इतना सम्मान है कि उनके पैर छू लूं, वो भी कम है।

मैंने कली पुरी को नहीं पढ़ा, उनके विचारों को नहीं जानता। शायद एकाध डाक्यूमेंट्री वगैरा देखी है उनकी। सच कहूं तो मीडिया में काम करने वाले 90% लोग चटर्जी ही हैं। बेहतर तरीका यह होगा कि इन चटरजियों को खुलकर लिखने दें, जिससे ऐसे लोग पहले से चिह्नित रहें और पॉलिसी के तहत आप इनसे दूर रहें। यह भारत में बेहतर मनुष्य बनाने की दिशा में एक अच्छा कदम होगा। अभी तो इन सज्जन ने आपसे करोड़ों सेलरी टान ली है और भविष्य में यह भाजपा के नेता बन जाएंगे! जातीय, क्षेत्रीय, धार्मिक, भाषायी कुंठा में डूबे बंगाल में भाजपा को ऐसे लोगों की सख्त जरूरत है!

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1 Comment

1 Comment

  1. Chaudhary

    July 22, 2022 at 10:57 pm

    मुझे नहीं पता इस न्यूज़ वेबसाइट का ओनर कौन है लेकिन इतना जरुर पता है कि देश की राष्ट्रपति का अपमान करना उसे बहुत पसंद आया, वो इंदरनील चटर्जी को खुलेआम बचाने लग गया, एक जनर्लिस्ट के विचार, पर्सनल विचार नहीं होते हैं।।

    मुझे समझ नहीं आ रहा है, एक पत्रकार, जो आदिवासियों को खुलेआम नीचा दिखाते हुए एक आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने पर उसका अपमान कर रहा है, और इस न्यूज़ वेबसाइट का ऑनर बेवकूफों की तरह उसका पर्सनल विचार बता रहा है।।

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