हरियाणा के वरिष्ठ पत्रकार पवन कुमार बंसल की नई किताब ‘गुस्ताखी माफ हरियाणा‘ विमोचन से पहले ही विवादों में घिरती दिखाई दे रही है। हालांकि लेखक के अनुसार पुस्तक में उन्होंने हरियाणा से जुड़ी हर तरह की कथाओं को जगह दी है। वहीं कई ऐसी घटनाओं का भी खुलासा किया है जो कभी अखबारों में नहीं छपीं। इन दिनों वरिष्ठ नेता नटवर सिंह की पुस्तक के विस्फोट ने हर किसी को चौंका रखा है। ऐसे में पवन बंसल की पुस्तक में किए गए खुलासों के भी हरियाणा में भी मायने निकाले जा रहे हैं।
सोनिया गांधी ने अपनी आत्मा की आवाज पर प्रधानमंत्री पद ठुकरा दिया था। उनकी मर्जी से सरदार मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था। करीब दस साल बाद सोनिया गांधी के त्याग को नटवर सिंह की पुस्तक ने नकार दिया। इस बात पर बवाल मचा हुआ है। 1980 में सोनिया गांधी की सास इंदिरा गांधी ने भी हरियाणा में जनता पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल को पूरी पार्टी समेत कांग्रेस में आने के लिए संकेत दिया था। भजन लाल ने उनकी बात मानने में ही भलाई समझी थी अन्यथा उनकी सरकार को कभी भी गिरा दिया जाता। 1980 में जनता पार्टी की सरकार रातोंरात कांग्रेस पार्टी की सरकार में बदल दी गई थी। इस घटना का उल्लेख हरियाणा के पुराने पत्रकार पवन कुमार बंसल की नई पुस्तक गुस्ताखी माफ हरियाणा में किया गया है।
पवन कुमार का मानना है कि पूरी सरकार के पार्टी बदलने की देश की राजनीति में यह संभवत: अब तक की पहली घटना थी। बेशक भजन लाल मुख्यमंत्री बने रहे लेकिन पार्टी बदलने के तरीके पर उनकी काफी आलोचनाएं भी हुई लेकिन इस प्रकरण में इंदिरा गांधी का कहीं नाम नहीं आता। चार दशक से पत्रकारिता कर रहे पवन कुमार बंसल ने कहा कि राज्य के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शमशेर सिंह सुर्जेवाला ने तो भजन लाल की उक्त सरकार को अनैतिक करार दिया था और मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था। लेकिन इंदिरा गांधी के निजी सचिव आरके धवन ने उन्हें कहा था कि ये मैडम का आदेश है और फिर उस आदेश का पालन करते हुए सुर्जेवाला भजन लाल सरकार में शामिल हुए थे।
दो साल बाद 1982 में हुए हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भजन लाल ने इंदिरा गांधी का नरवाना दौरा रद्द करवाने की असफल कोशिश की थी। शमशेर सिंह सुर्जेवाला नरवाना से चुनाव लड़ रहे थे। जींद के उपायुक्त एचसी दिसोदिया ने भजन लाल के कहने पर मजबूरी बयान कर दी कि हैलीकॉप्टर उतारने के लिए हैलीपैड नहीं बन पा रहा है। सुर्जेवाला भी मंजे हुए खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी से शिकायत कर दी कि यह भजन लाल की उनके खिलाफ साजिश हैं। इसके बाद इंदिरा गांधी कार से नरवाना पहुंची थीं।
1977 में जनता पार्टी की सरकार आने पर हरियाणा के कांग्रेसी नेता रनबीर सिंह इंदिरा गांधी का साथ छोड़ गए थे। तब रोहतक के सेठ श्रीकिशन दास ने दिल्ली जाकर इंदिरा गांधी को रूपयों से भरा एक थैला दिया था और कहा था कि आप संघर्ष करो पैसे की कमी नहीं आने दी जाएगी। वक्त बदला और उन्हीं रनबीर सिंह के पुत्र भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस में इतने ताकतवर हो गए कि 2009 के चुनाव में उन्होंने सेठ श्रीकिशन दास के पुत्र मनमोहन गोयल को रोहतक विधान सभा क्षेत्र से टिकट नहीं लेने दिया।
हरियाणा की राजनीति और अफसरशाही में ऐसे सैंकड़ों घटनाएं होती रही हैं। संयोग से बहुत सी ऐसी घटनाओं का विवरण गुस्ताखी माफ हरियाणा में है। पवन बंसल को आश्चर्य है कि नटवर सिंह की किताब की एक बवाल खड़ा कर रही है। अब वे अपनी किताब को लेकर कौतूहल में है। बंसल कहते हैं कि वैसे सब कुछ लिखने से पहले और बाद में उन्होंने– गुस्ताखी माफ तो लिख ही दिया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पवन बंसल दो पुस्तकें लिख चुके हैं। इस पुस्तक का विमोचन जल्द होने वाला है।