नई दिल्ली : इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट (IFWJF) का 68वां स्थापना दिवस समारोह मनाने नई दिल्ली के जंतर मंतर पहुँचे कार्यक्रम के संयोजक उपेंद्र नाथ मिश्र और वरिष्ठ पत्रकार एवं यूएनआई बचाओ अभियान के मुख्य समन्वयक डॉ समरेंद्र पाठक सहित कई पत्रकारों, साहित्यकारों एवं समाजसेवियों को पुलिस ने 28 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार व्यक्तियों को संसद मार्ग थाने में रखा गया।
गिरफ्तार व्यक्तियों में मिथिला राज्य संघर्ष समिति के संयोजक प्रोफेसर अमरेंद्र झा, राजपूत गान परिषद् के अध्यक्ष सनद सिंह, अखिल भारतीय पंचायत परिषद् के विजय पांडेय, पत्रकार एवं समाजवादी नेता सुल्तान कुरैशी, पत्रकार अरविन्द दास, समाजसेवी डॉ महेंद्र कुमार सिनेआजकल एवं cmindia टीवी के संपादक कुमार समत, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटी के सदस्य जे पी सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता के पी सिंह एवं नेशनल पीपुल डेमोक्रेटिक फ्रंट के उपाध्यक्ष मुन्ना सिंह मुख्य हैं।
डॉ पाठक ने कहा कि ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आज़ादी पर कुठाराघात है उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सूचना आई ऍफ़ डब्ल्यू जे ऍफ़ के सचिव ने पुलिस को पहले ही दी थी इसके बावजूद पुलिस ने कार्यक्रम को रोकने के लिए आनन् फानन में गिरफ्तारियां की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के अंत में महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाने थे जिसकी सूचना सरकार को पहले ही लग गयी और इसलिये इसे दबाने के लिए ही गिरफ्तारी की गयी। जो प्रस्ताव पारित किए जान थे उनमें प्रमुख ये हैं…
1. पत्रकारों की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए ‘पत्रकार सुरक्षा एवं संरक्षा’ कानून लाया जाये।
2. केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों की तर्ज पर पत्रकारों को पेंशन दी जाये।
3. केंद्र एवं राज्य स्तर पर पत्रकारों के प्रत्यानायन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाये तथा इसमें व्याप्त नौकर शाही को तत्काल खत्म किया जाए।
4. पत्रकारों के निःशुल्क चिकित्सा एवं निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था की जाए।
5. गरीब एवं आम जनों की आवाज देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया (UNI) की रक्षा था सुव्यवस्थित सञ्चालन के लिए रिसीवर नियुक्त किया जाए।
श्री पाठक ने कहा इन मांगों को लेकर देश भर में अभियान चलाया जायेगा। उपेन्द्र मिश्र दिल्ली इकाई के IFWJ के अध्यक्ष हैं। के. विक्रम राव जी ने सरकार की दमनात्मक नीति की निन्दा की है। ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि वे देश के 12 लाख बिजली कर्मचारियों और इन्जीनियरों की ओर से पत्रकारों को पूरा समर्थन देता हूँ और सरकार के कदम की कड़ी भर्त्सना करता हूँ।