प्रबंधन द्वारा लगातार किए जा रहे वादे से परेशान सहाराकर्मियों का धैर्य टूटता नजर आ रहा है। पहले तो नोएडा कैंपस के सभी पत्रकार गौतम सरकार के पास चले जाते थे। लेकिन बात बनते नहीं देख कर्मचारियों ने मालिक के पास ही जाने का मन बनाया। बीते दिनों सैकडों की संख्या में कर्मचारी जेबी राय के दफ्तर पहुंचे। जेबी राय के सुरक्षा गार्ड ने कहा कि साहब लंच कर रहे हैं। पत्रकारों के वहां पहुंचते ही प्रबंधन के कान खड़े हो गए। दो तीन चैनल हेड फटाफट मौके पर पहुंचे। पत्रकारों से कहा गया कि साहब लंच करने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जाएंगे। वहां से लौटने के बाद शाम साढे छह बजे के बाद आपसे मिल सकते हैं। इसके बाद सभी पत्रकार अपने काम पर लौट आए। उसके बाद शुरू हुआ प्रबंधन का कवर अप का खेल।
इस बार गौतम सरकार की जगह न्यूज़ फ्लोर पर आये सीबी सिंह और अनिल राय। उन्होंने कहा कि इस माह के लास्ट तक सीनियर अफसर की आधी सैलरी आ जाएगी। अब कंपनी के दिन सुधरने वाले हैं। आप लोग ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे चैनल बंद होने की कगार पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सहाराश्री ने मार्च तक का समय मांगा है उसके बाद स्थिति सुधर जाएगी। उन्होंने पत्रकारों से ये भी कहा कि इसके बाद भी अगर आप साहब से मिलना चाहते हैं तो मिल सकते हैं।
लेकिन पत्रकार इससे संतुष्ट नहीं थे। इसके पहले भी उन्हें कई वादे दिए जा चुके हैं। वे शाम को जेबी राय के दफ्तर पहुंच गए। लेकिन वो नदारद थे। तब कहा गया कि साहब रात साढे नौ बजे आएंगे आप मिलने आइए। पत्रकारों ने कहा कि साढे नौ बजे तक अधिकांश लोग तो चले जाएंगे। फिर अगले रोज मिलने का समय तय किया गया।
सहारा मीडिया नोएडा से मिली जानकारी के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए जेबी राय ने अधिकारियों की बैठक ली.. सूत्रों की माने तो बैठक में वेतन सहित मजीठिया वेतन आयोग और परिलाभ को लेकर लम्बी चर्चा हुई… बताया जाता है कि कर्मचारियों में उठ रहे विरोध के स्वर को दबाने के लिये यह बैठक हुई थी.. प्रबंधन ने सारे महारथियों, रथियों ही नही सारथियों को भी रणभूमि मे उतार दिया है. बड़े अधिकारियों को हर यूनिट में भेजा जा रहा है कर्मचारियों की नब्ज टटोलने के लिये… कुछ दिनो पहले सहारा टीवी के लोगों ने अपने मुखिया गौतम सरकार और फिर जेबी राय का वेतन को लेकर घेराव किया था.
Comments on “सहाराकर्मियों का गुस्सा भड़क रहा, जेबी राय को घेरने पहुंच गए”
दोगले हैं सहारा के मालिकान और उच्च अधिकारी, सिर्फ अपना पेट भरने के अलावा लोगों और अपने कर्मचारियों को मूर्ख बनाना आता है..लेकिन अब पाप का घड़ा भर चुका है,फूटना बाकी है..सहारा को गर्त में डुबोने वाले उपेंद्र राय और रमेश अवस्थी जैसे चिरकुट्टे भूमिगत हो गये हैं…
ऐसा नहीं हो सकता।
सहारा मैं बेईमान और चापलूसों का ही बोलबाला है. ईमानदार कर्मचारीओ को तो तरह तरह से तंग किया जाता है…