Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

जेट एयरवेज के सौदे की सच्चाई देश के सामने लाने की हिम्मत किसी मीडिया हाउस में नहीं है!

Girish Malviya : अब तक मोदी सरकार प्रत्यक्ष रूप में देशी उद्योगपतियों पर मेहरबानी दिखा रही थी लेकिन अब वह खुलकर विदेशी उद्योगपतियों पर भी मेहरबान हो गयी है. एक विदेशी कम्पनी का एक भारतीय एयरलाइंस पर कब्जा हो जाए, इसके सरकार सेबी के नियमो को भी मोल्ड करने को तैयार हो गयी है.

हम बात कर रहे हैं जेट एयरवेज ओर एतिहाद के सौदे की. जेट एयरवेज की हालत बहुत खस्ता है. जेट में पहले से ही 24 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद चुकी एतिहाद ने निवेश के बदले जेट के सामने कड़ी शर्तें रख दी हैं. एतिहाद ने नरेश गोयल से अपनी हिस्सेदारी 51 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी के आस-पास करने को कहा है.

नियम के हिसाब से एतिहाद को भारतीय कंपनी के शेयरहोल्डर्स के लिए ओपन ऑफर लाना चाहिए लेकिन एतिहाद ऐसा नहीं चाहती. वह जेट के लिए कोई गारंटी देने के लिए भी तैयार नहीं है. मोदीं सरकार यह शर्त भी मानने को तैयार है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पब्लिक सेक्टर बैंक के एक आला अधिकारी ने बताया, ‘सरकार चाहती है कि बैंक विदेशी कंपनी को यह ढील दे। इसकी वजह या तो अबू धाबी के साथ राजनयिक रिश्ते हो सकते हैं या सरकार किंगफिशर के बाद एक और एयरलाइन कंपनी को बंद होते नहीं देखना चाहती। हमें स्थिति की गंभीरता का अंदाजा है। हालांकि, ये बातें लिखित में हमसे नहीं कही गई हैं.’

सबसे कमाल की बात तो यह है कि एतिहाद जेट को आधी कीमत में खरीदना चाहता है. एतिहाद एयरवेज (Etihad Airways) ने कर्ज में डूबी भारतीय कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) को 49 फीसदी डिस्काउंट पर उसके शेयर खरीदने की पेशकश की है। इसके बावजूद भी मोदी सरकार चाहती है कि कैसे भी यह सौदा हो जाए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

आपको शायद याद होगा कि 2013 में जेट के मालिक नरेश गोयल ने अबूधाबी की कंपनी एतिहाद एयरवेज को 24 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी. यह हिस्सेदारी 2058 करोड़ रुपए में बेची गई थी.

जेट-एतिहाद के इस सौदे पर सबसे पहले माकपा सांसद सीताराम येचुरी की अध्यक्षता वाली परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति मामलों की संसदीय समिति ने आपत्ति उठाई थी। गुरुदास दासगुप्ता (भाकपा), जसवंत सिंह (भाजपा), दिनेश त्रिवेदी (तृणमूल कांग्रेस) और सुब्रह्मण्यम स्वामी (जनता पार्टी) आदि ने इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था.

Advertisement. Scroll to continue reading.

जेट-एतिहाद एयरवेज के बीच विवादास्पद सौदे को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र द्वारा इस सौदे को दी गई मंजूरी को खारिज करने की मांग की थी. उस समय अपुष्ट सूत्रों से यह खबरे भी आई थी कि जेट एयरवेज में दाऊद ओर तत्कालीन काँगेस अध्यक्ष का पैसा भी लगा हुआ है.

लेकिन आज जब जेट पूरी तरह से विदेशी हाथों में जा रहा है वह भी आधी कीमत में, तब किसी विपक्षी दल किसी मीडिया हाउस की यह हिम्मत नहीं है कि इस सौदे के पीछे की सच्चाई को देश के सामने लेकर के आए..

Advertisement. Scroll to continue reading.

इंदौर निवासी गिरीश मालवीय आर्थिक मामलों के विश्लेषक हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement