गोदी मीडिया की रिपोर्टिंग में जानबूझ कर तृणमूल के विकल्प के रूप में बीजेपी को पेश किया जा रहा!

Girish Malviya : बहुत से लोग तर्क देते हैं कि मोदी जी का नोटबन्दी का निर्णय इतना ही खराब होता तो क्या 4 महीने के अंदर हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत से जीतकर आती? चलिए मान लिया… पर अब यह तर्क पश्चिम बंगाल की तृणमूल काँगेस के साथ भी अप्लाई …

जी ग्रुप का डूबना सिर्फ शुरुआत समझिए…

Girish Malviya : सुभाष चंद्रा के जी समूह पर संकट के बादल मंडरा रहे है. एक दिन पहले जी का शेयर 26.43 प्रतिशत टूट गया. बताया जा रहा है कि जी के शेयरों में यह गिरावट उस मीडिया रिपोर्ट के बाद आई जिसमें दावा किया गया है कि सरकारी संस्था सीरीयस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) …

मोदी सरकार का सबसे ताकतवर कैबिनेट मंत्री अपनी ही जांच एजेंसी की खुलेआम आलोचना कर रहा है!

आखिरकार चन्दा कोचर के मामले में किसे बचा रहे है अरूण जेटली? आपने ऐसा कितनी बार सुना है कि सरकार का सबसे ताकतवर केबिनेट मंत्री अपनी ही जांच एजेंसी की खुलेआम आलोचना कर रहा हो? साफ बात यह है कि मामला जो नजर आ रहा उससे कही अधिक पेचीदा है! धोखाधड़ी के मामले में ICICI …

जेट एयरवेज के सौदे की सच्चाई देश के सामने लाने की हिम्मत किसी मीडिया हाउस में नहीं है!

Girish Malviya : अब तक मोदी सरकार प्रत्यक्ष रूप में देशी उद्योगपतियों पर मेहरबानी दिखा रही थी लेकिन अब वह खुलकर विदेशी उद्योगपतियों पर भी मेहरबान हो गयी है. एक विदेशी कम्पनी का एक भारतीय एयरलाइंस पर कब्जा हो जाए, इसके सरकार सेबी के नियमो को भी मोल्ड करने को तैयार हो गयी है.

धतकरम करने के लिए अखबार अपने पाठकों को ‘नो निगेटिव न्यूज़’ जैसी मीठी गोलियां खिलाता है!

Girish Malviya : दैनिक भास्कर में हर सोमवार ‘नो निगेटिव न्यूज डे’ होता है. भास्कर गर्वपूर्वक कहता है कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी दैनिक भास्कर के ‘नो निगेटिव न्यूज’ कैम्पेन की तारीफ कर चुके हैं. इस सोमवार को नो निगेटिव न्यूज कैम्पेन के तहत भास्कर ने अपने मुख्य पृष्ठ पर देश की सबसे साफ मेघालय …

अगर आरोप लगना ही हटाने का आधार है तो CVC चेयरमैन केवी चौधरी सबसे पहले हटाए जाएं!

Girish Malviya  सीवीसी : एन इनसाइड स्टोरी…. अरुण जेटली ने जो सीबीआई में चल रहे मौजूदा विवाद के बारे में कहा कि, सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को हटाने का निर्णय केंद्र सरकार ने केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) की सिफारिशों के आधार पर लिया है.