हिमांशु यादव-
वैसे तो पूरे उत्तर प्रदेश का हाल बुरा है लेकिन मैनपुरी जिले की स्थितियों की अगर बात की जाए तो भगवा सरकार में इंसानियत के साथ जितना बुरा हो सकता है उतना बुरा मैनपुरी जिले के अधिकारी कर रहे हैं…ट्वीटर पर सब अच्छा-अच्छा का राग अलापा जा रहा है लेकिन हकीकत में न तो लोगों को इलाज मिल पा रहा है और न ही लोगों की जिंदगी बच पा रही है…मैं एक पत्रकार हूं और हर जानकारी रखता हूं उसके बावजूद न तो मैं अपनी मां को इलाज दिलवा सका और न उनकी जान बचा सका…लेकिन जो लोग जानकारी का अभाव रखते हैं ग्रामीण तबके से ताल्लुक रखते हैं उनका क्या हाल होगा…ये सोचकर ही मैं सिहर जाता हूं…
बात 4 मई की है जब मेरी मां का ऑक्सीजन लेवल 70 था और मुझे जिला अस्पताल मैनपुरी के आपातकाल विभाग में मां को लेकर जाना पड़ा…मैं विकलांग हूं और ऐसे में मेरी सबसे बड़ी समस्या थी मां को संभालना और इलाज करवाना…
अस्पताल पहुंचने पर न तो व्हील चेयर मिला और न ही किसी डॉक्टर ने मेरी मां को देखने की जहमत उठाई…70 ऑक्सीजन लेवल होने के बाद भी मेरी मां पैदल चलकर जहां कहा जा रहा था वहां मेरे साथ-साथ चल रही थी…लेकिन किसी ने कोई तरस नहीं खाया…सुबह 11 बजे मैं अस्पताल पहुंचा और शाम के 7 बज चुके थे किसी ने कोई इलाज नहीं किया…एडमिट करने के नाम पर कहा गया कि बेड नहीं है और न ऑक्सीजन है…
मैंने जब सीएमओ मैनपुरी को कॉल किया तो उन्होंने करीब 3 मिनट मेरे से बात की और उस 3 मिनट में मुझे उन्होंने जितने नियम कायदे रटे थे मेरी एक सुने बिना सब सुना दिए…मुझे लगा मदद नहीं मिलेगी तो मजबूरी में मैं अपनी मां को लेकर घर आ गया…अस्पताल में ही सीएमओ ने फोन पर मुझे कहा कि कोविड हेल्पलाइन पर फोन करिए वहां से मदद होगी और वहीं से जांच होगी उसके बाद इलाज होगा…अभी आप घर जा सकते हैं…मेरे घर आने के बाद 8 मई को मेरी मां ने दम तोड़ दिया लेकिन इस बीच न तो हेल्पलाइन नंबर से कोई मदद मिली और न ही सीएमओ साहब ने दोबारा ये पूछा कि आपका मरीज कैसा है…
4 मई को जब मैंने कॉल किया था तब सीएमओ का दावा था कि हम एक-एक मरीज का हाल रोज शाम को कॉल करके पूछते हैं…उससे भी बड़ी बात ये कि सूबे के सीएम का दावा है कि होम आइसोलेशन के मरीजों को ऑक्सीजन और दवाएं टाइम से दी जा रही हैं लेकिन ये सबसे बड़ा झूठ है…
8 मई तक मुझे किसी भी तरह की कोई दवाई या ऑक्सीजन नहीं मिली…जिला प्रशासन को फोन कर-कर के मैं थक गया लेकिन हर किसी ने इसे फोन करिए, उसे फोन करिए करके मुझे टहला दिया…और मैं मेरी मां को दम तोड़ते देखता रहा…जांच के नाम पर साफ कहा गया कि सरकार ने फिलहाल कोरोना टेस्टिंग को एक हफ्ते के लिए रोक दिया है ताकि चीजे मैनेज की जा सके….और ये मैनेजमैंट किसी और का नहीं बल्कि आंकड़ों का हैं…न जांच होगी न मरीज सामने आएंगे और भगवा सरकार दावा करेगी कि हमने सब मैनेज कर लिया है…
4 मई को मैं अपनी मां को अस्पताल से लेकर आया तो आज तक चैनल पर योगी आदित्यनाथ बेहतर व्यवस्था, इलाज, ऑक्सीजन और जिस गली में 2 मरीज हैं उसको कंटेनमेंट जोन और सेनेटाइज कराने का दावा कर रहे थे…मेरी अपनी गली में मेरी मां के अलावा 5 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं लेकिन न तो कोई कंटेनमेंट का काम हुआ है और न सेनेटाइजेशन हुआ है…
संत के बारे में कहा जाता है कि उसमें इंसानियत सबसे ज्यादा होती है लेकिन उत्तर प्रदेश में जिस संत की सरकार है उसमे इंसानियत के नाम पर सिर्फ झूठ का सहारा लेकर वाहवाही करना है और कुछ नहीं…योगी आदित्यनाथ झूठ बोलकर उन लोगों को तो बेवकूफ बना सकते हैं जिनके घर में किसी को कोरोना नहीं हुआ लेकिन जिनके अपने कोरोना ने छीन लिए वो पूरे नपुंसक हो चुके सिस्टम की बातें सुनकर खून के आंसू रोते हैं और उनके अंदर से इनके लिए सिर्फ हाय निकलती है….
मेरी मां की मौत नहीं हुआ बल्कि योगी आदित्यनाथ और उनके नपुंसक सिस्टम ने हत्या की है…
मेरा नाम हिमांशु यादव है. मैं एक विकलांग पत्रकार हूं. मैंने ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन, श्रीन्यूज़, इंडिया वॉयस, जनता टीवी, टीवी100, सुदर्शन न्यूज जैसे तमाम राष्ट्रीय और रीजनल चैनल्स में न्यूज़ एंकर के तौर पर काम किया है. करीब 9 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. अब खुद का यूट्यूब चैनल चला रहा हूं. संपर्क- [email protected]