माननीय वरिष्ठ अधिकारी,
अमर उजाला
म्हारी कुछ दिन पहले सब्जी मंडी वाली खबर में मेरी बीबी का बयान गलती से चला गया और छप भी गया जिस कारण आफिस ने मेरे खिलाफ कार्रवाई की। लेकिन आफिस के सभी कर्मचारियों पर एक समान कार्यवायी क्यो नहीं कि जाती? मुझे जैसे छोटे कर्मचारी से गलती होने पर परेशानी खड़ी की।
16 सितंबर को मास्टर लाइन लीक, बर्बाद हो रहा पानी खबर में रिपोर्टर ने अपने सगे साले का बयान छापा था। तब कोई करवाई नहीं हुई।
उसके साथ ही 26 अक्टूबर को प्याज आलू की कीमतों ने किया बेहाल खबर में रिपोर्टर ने अपने फसबूक के दोस्तों को गुड़गाव के दिखा कर बयान छापा।
27 अक्टूबर को इकोग्रीन के वाहन नही उठा रहे कूड़ा खबर में भी रिपोर्टर ने फसबूक के दोस्तों के नाम छापे। और ये सिलसिला अब बही चला आ रहा है।
उनके खिलाफ कोई कार्यवायी नहीं।
छोटी मछली पर ही हमेशा कार्यवाई ये संस्थान के अधिकारियों की कमजोरी दिखाता है। उनके खिलाफ भी एक्शन लें।
umesh gupta
umesh.gupta9467@gmail.com