Connect with us

Hi, what are you looking for?

दिल्ली

केजरीवाल सरकार के जबरदस्त प्रशंसक बन गए वरिष्ठ पत्रकार डा. वेद प्रताप वैदिक!

दिल्ली से सीखें सब सरकारें… दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने ऐसा एतिहासिक काम कर दिखाया है, जिसका अनुकरण भारत की सभी प्रांतीय सरकारों को तो करना ही चाहिए, हमारे पड़ौसी देशों की सरकारें भी उससे प्रेरणा ले सकती है। ‘आप’ पार्टी की इस सरकार ने दिल्लीवासियों के लिए 200 यूनिट प्रति माह की बिजली का बिल माफ कर दिया है। यदि किसी घर में 201 यूनिट से 400 यूनिट तक बिजली खर्च होती है तो उसे आधा बिल ही चुकाना होगा।

इस नई रियायत का सीधा फायदा दिल्ली के लगभग 60 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा। प्रत्येक घर और दुकान को 600 रु. से 1000 रु. तक हर महिने बचत होगी। इतना ही नहीं, दिल्ली प्रदेश की बिजली की खपत भी घट जाएगी, क्योंकि हर आदमी कोशिश करेगा कि वह 200 के बाद एक यूनिट भी न बढ़ने दे। जो 400 यूनिट बिजली जलाएंगे, वे भी अपनी खपत पर सख्त निगरानी रखेंगे ताकि उन्हें आधे पैसों से ज्यादा न देने पड़ें।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जाहिर है कि इस कदम से दिल्लीवालों को जबर्दस्त राहत मिलेगी। दिल्ली के 80 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग ‘आप’ सरकार के प्रशंसक बन जाएंगे। दिल्ली के विपक्षी दलों, भाजपा और कांग्रेस, का नाराज़ होना स्वाभाविक है। उनके इस आरोप में कोई दम नहीं है कि केजरीवाल सरकार लोगों में मुफ्तखोरी की आदत डाल रही है। क्या उनके मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने उन्हें मुफ्त मिलनेवालीं बिजली का कभी बहिष्कार किया है? उनका यह कहना सही हो सकता है कि यह अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का चुनावी पैंतरा है। अगर ऐसा है तो भी इसमें गलत क्या है ? इन दोनों बड़ी पार्टियों के पास केंद्र और राज्यों की कई सरकारें हैं। इन्होंने भी ऐसा पैंतरा क्यों नहीं मार लिया? सभी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के पैंतरे मारती हैं।

अब यह आरोप लगाने की कोई तुक नहीं है कि दिल्ली की आप सरकार ने पहले बिजली के दामों में फेर-बदल करके 850 करोड़ रु. लुट लिए और अब वह वही पैसा बांटकर जनता को बेवकूफ बना रही है। केजरीवाल सरकार के इस कदम से उसका वोट बैंक मजबूत होगा, इसमें जरा भी शक नहीं है, क्योंकि इसका फायदा सबसे ज्यादा उस तबके को मिलेगा, जो सबसे ज्यादा वंचित है, गरीब है और जिसके मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। यों भी लोकतांत्रिक सरकारें दावा करती हैं कि वे लोक कल्याणकारी होती हैं। तो क्या यह उनका न्यूनतम कर्तव्य नहीं है कि वे जनता को हवा, दवा, पानी और बिजली आसान से आसान कीमत पर उपलब्ध करवाएं ? मेरा बस चले तो मैं इस सूची में हर नागरिक के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और मनोरंजन को भी जुड़वा दूं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेखक डॉ. वेदप्रताप वैदिक देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement