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सुख-दुख

खब्बू तिवारी के बहाने रवीश कुमार ने साधा नरेंद्र मोदी के ‘डिग्री कांड’ पर निशाना!

रवीश कुमार-

प्रधानमंत्री मोदी क्या आप विधायक खब्बू तिवारी को जानते हैं ? ये किसके बैचमेट हो सकते हैं?

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प्रधानमंत्री तो बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी की ख़बर ज़्यादा लोगों तक पहुँचे। फ़र्ज़ी मार्कशीट के कारण खब्बू तिवारी की विधायकी चली गई है। 29 साल पुराना मामला है। इस ख़बर के कारण प्रधानमंत्री से जुड़ा डिग्री प्रकरण और सहपाठी प्रकरण फिर से उभर सकता है। विरोधी पूछ सकते हैं कि कहीं खब्बू तिवारी ही तो उनके सहपाठी नहीं हैं ! खब्बू के साथ बहुत बुरा हुआ है। कितने लोग विधायक बन गए जिनकी डिग्री असली थी मगर नक़ल से पास थे। एक विधायक ने नक़ली मार्कशीट लगा दी तो सदस्यता चली गई ! ये नाइंसाफ़ी है। खब्बू के इंसाफ़ के लिए सारे बब्बू मैदान में उतरें । संघर्ष करें। मेरे बारे में जनरल रावत की पत्नी को लेकर झूठी टिप्पणी फैलाने वाला आई टी सेल एक प्रमाण नहीं दे सका लेकिन इस ख़बर को वो चाहे तो वायरल करा सकता है।

खब्बू तिवारी अयोघ्या के गोसाईगंज से विधायक चुने गए थे। इनके सोशल मीडिया के पोस्ट का राष्ट्रवादी अध्ययन करना चाहिए। ताकि पता चले कि पाँच साल के लिए जेल भेजे गए खब्बू तिवारी जेल जाने से पहले धर्म और राष्ट्र को लेकर क्या क्या लिखा करते थे।

खब्बू तिवारी के मामले में एक और ख़बर मिली कि कार लूट के मामले में जौनपुर की अदालत में उन्हें बुलाया है। इन्होंने मोहम्मद जुनेद की जीप लूट ली थी।1997 में। पाँच साल पहले की ख़बरें बताती हैं कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी इस बाहुबली को बसपा से भाजपा में ले आई थी। तब भी कई संगीन मामले चल रहे थे।बीजेपी ने फ़ार्मूला बनाया था कि राष्ट्रवाद के लिए अगर अपराधी भी हैं तो उसे पार्टी में लाया जाए। खब्बू बसपा से भाजपा में आ गए। कोर्ट ने सज़ा दी है तो कार्रवाई करने के नाम पर योगी सरकार वाहवाही ले रही है लेकिन पहले से किसे नहीं पता था कि खब्बू पर किस किस तरह के धब्बू यानी धब्बे लगे हैं। खब्बू के अलावा कुलदीप सिंह सेंगर और अशोक चंदेल की सदस्यता जा चुकी हैं। दोनों ही बीजेपी विधायक थे। अशोक चंदेल हत्या के मामले में दोषी पाए गए थे और कुलदीप सिंह सेंगर बलात्कार के मामले में। कोर्ट ने सज़ा न दी होती तो ये लोग आज भी भाजपा में ही रहते।

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बीजेपी से निवेदन है कि खब्बू तिवारी को पार्टी से न निकाले। नक़ली मार्कशीट का यह मतलब नहीं कि खब्बू तिवारी पाकिस्तान को सबक नहीं सिखा सकते। राष्ट्रवाद की कोई मार्कशीट नहीं होती है। नक़ली लोग ही असली धंधा करते हैं। इसलिए आप सभी खब्बू तिवारी का समर्थन करें। यह प्रक्रिया अभी रूकी नहीं है। आज भी लोग इस दल से उस दल से भाजपा में लाए जा रहे हैं।सोचिए आप सभी को राष्ट्रवाद और धर्म की अफ़ीम पकड़ा कर खब्बू तिवारी, अशोक चंदेल और कुलदीप सिंह सेंगर को वोट देने के लिए कहा गया था। अभी मत सोचिए। बीस साल बाद सोचिएगा।

हमने चुटकी लेने के लिए लिखा था कि खब्बू के सम्मान में रवीश कुमार मैदान में। लेकिन हटा दिया। खब्बू जीप लूटने का काम करता था। साइकिल चोर और कार चोर मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। नक़ली मार्कशीट की बात अलग है।

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