पत्रकारों के अधिस्वीकरण नियम सरल होंगे, डेस्क पर कार्य करने वालो को भी मिलेगा लाभ
जन सम्पर्क आयुक्त महेंद्र सोनी ने इस बात पर गहरा अफसोस जाहिर किया कि विभाग द्वारा अथक प्रयासों के बावजूद भी अधिस्वीकृत वरिष्ठ पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के लिए पात्र लोगों ने यथोचित संख्या में आवेदन नही किया है जबकि विभाग ने 60 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकारों से टेलीफोन और व्हाट्सअप के जरिये अनेक बार संपर्क भी किया है।
सोनी फॉर्म अगेंस्ट मीडिया एक्सप्लॉइटेशन (फेम) के राष्ट्रीय संयोजक महेश झालानी से सोमवार को पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं के सम्बंध में बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते हुए भी 102 वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन की राशि उनके खाते में जमा करवा दी गई है । हमारा प्रयास है सभी योग्य पत्रकारो को अविलम्ब सम्मान राशि सुलभ हो।
सोनी के अनुसार समूचे प्रदेश में करीब 450 वरिष्ठ पत्रकार होने का अनुमान लगाया गया था । केवल 102 लोगों ने आवेदन किया जिनके खाते में दो माह की राशि जमा करवा दी गई है । सोनी के अनुसार 55 लोगों के आवेदन लंबित है जिनमे से केवल 10 पत्रकारों ने सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न किये गए है। सोनी ने सभी आवेदकों से यथाशीघ्र वांछित दस्तावेज जमा कराने का आग्रह किया है ताकि उनको सम्मान राशि स्वीकृत की जा सके।
आयुक्त ने बताया कि सम्मान निधि की राशि उसी दिन से देय होगी, जिस रोज स्वीकृत की जाएगी । सोनी का कहना है कि पत्रकारों की हर समस्या का निवारण करना उनका बुनियादी ध्येय है । ऐसा पहली बार हुआ है जब पत्रकारों के लिए बीमे की राशि का अग्रिम भुगतान किया गया। पहले जून-जुलाई तक बीमे की राशि का भुगतान नही होने से पत्रकारों को बीमे का समय पर लाभ नही मिल पाता था।
पत्रकारों के अधिस्वीकरण की चर्चा करते हुए सोनी ने कहाकि अधिस्वीकरण नियमों को और ज्यादा सरल और लचीला बनाने के लिए मंत्री से चर्चा कर बेहतर निर्णय लिया जाएगा । चूँकि अभी मंत्री कोरोना उन्मूलन में व्यस्त है । फ्री होने पर प्राथमिकता के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा। जहाँ तक अधिस्वीकरण कमेटी के गठन का प्रश्न है, मुख्यमंत्री के पास पत्रावली विचाराधीन है।
आयुक्त ने बताया कि कई वर्षों से साप्ताहिक, पाक्षिक एवं दैनिक अखबारों के भुगतान बकाया चले आ रहे थे । अब सबका भुगतान कर दिया गया है । भविष्य के लिए भी निर्देश दे दिए गए है कि किसी के बिल का भुगतान पेंडिंग नही रहे । आयुक्त ने सुजस के मुद्रण में घोटाला होने के आरोप से इनकार किया । इस पर मैंने प्रतिरोध करते हुए जांच की मांग की । आयुक्त ने जांच कराने का आश्वासन दिया।
सोनी चाहते है कि अधिक से अधिक वाजिब पत्रकारों को अधिस्वीकरण का लाभ मिले । रिपोर्टर ही पत्रकार नही होता है । डेस्क पर काम करने वाला भी पत्रकार होता है । उसको भी वे तमाम सुविधाएं मिलनी चाहिए जो रिपोर्टर को प्रदत्त है । इस बारे में मैंने जब अधिकारियों से चर्चा की तो उनका कहना था कि इससे अधिस्वीकृत पत्रकारों की बाढ़ आ जायेगी । आयुक्त ने कहाकि मेरा तर्क था कि जब वकीलों की संख्या पर अंकुश नही लग सकता है तो पत्रकारों पर अंकुश क्यों?
आयुक्त ने कहाकि दस-पन्द्रह साल पत्रकार के रूप में नौकरी करने वाले व्यक्ति का अधिस्वीकरण नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है । निश्चय ही जल्द ही इस संबंध में सार्थक परिणाम सामने आएंगे । आयुक्त ने कहाकि किसी पत्रकार को विभाग से सम्बंधित शिकायत है तो वह मुझसे संपर्क कर सकता है । जहाँ तक वरिष्ठ पत्रकार महेश गुप्ता के अधिस्वीकरण का सवाल है, आयुक्त ने बताया कि उन्होंने आज तक आवेदन ही नही किया है । वरिष्ठ पत्रकारों के सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा, यह आयुक्त ने भरोसा दिलाया।