Kumar Sauvir : मायावती ने एलान किया कि अखिलेश दास ने राज्यसभा की मेम्बरी के लिए बसपा को सौ करोड़ रुपया देने की पेशकश की थी। अखिलेश दास ने इस आरोप को ख़ारिज किया और कहा कि उन्होंने कभी भी एक धेला तक नहीं दिया। हालांकि सभी जानते हैं कि अखिलेश दास के पास बेहिसाब खज़ाना है। बस, वो खर्च तब ही लुटाते हैं जब उनकी कोई कर्री गरज फंसी होती हो। लखनऊ वालों को खूब याद है की लखनऊ संसदीय सीट के चुनाव की तैयारी में अखिलेश दास ने रक्षाबंधन, दीवाली, भैया दूज, होली, ईद-बकरीद तो दूर, करवा-चौथ तक के मौके पर घर-घर मिठाई और तोहफों के पैकेट भिजवाने के लिए सैकड़ों कार्यकर्ताओं की टीम तैनात कर रखी थी।
कुछ भी हो, जानने वाले जानते हैं कि अखिलेश दास का दावा सिरे से झूठा है और मायावती बिना पैसे के अपनी थाली से एक कौर तक नहीं उठाती हैं। अब जानकार लोगों को आशंका है कि मायावती और अखिलेश दास के बीच घोड़ा-भैंसा जैसी खतरनाक जानी-दुश्मनी शुरू हो चुकी है। खुदा-ना-खास्ता, अगर भविष्य में किन्हीं समीकरण के चलते मायावती कभी मुख्यमंत्री बन गईं तो अखिलेश दास से सौ करोड़ का सौ गुना यानी एक खरब से भी ज्यादा दुह लेंगी। एक सौ करोड़ तो बसपा के बड़े चोर-सियार तक नोंच डालेंगे। खुद को दुहाने के लिए अखिलेश दास ने मायावती के सिपहसालार नसीमुद्दीन सिद्दीकी के दरवाज़े पर महीनों तक सुबह-दोपहर-शाम खूब माथा टेका।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर के फेसबुक वॉल से.