Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

इलाहाबाद में मीडिया पर दो किताबों का विमोचन और सात लोगों का सम्मान

इलाहाबाद। जयप्रकाश त्रिपाठी की पुस्तक ‘मीडिया हू मैं’ में कई अनछुए पहलू हैं, जिसे पढ़कर बहुत सी जानकारियां हासिल हो जाती है। मीडिया जगत में हो रही गतिविधियां और क्रियाकलापों को जानने के लिए यह किताब हर किसी को पढ़ना चाहिए। यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्र कालिया ने पुस्तक ‘मीडिया हूं मैं’ और ‘क्लास रिपोर्टर’ के विमोचन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। कार्यक्रम का आयोजन रविवार को सिविल लाइंस स्थित बाल भारती स्कूल में किया गया।  अध्यक्षता प्रो. अमर सिंह ने की। संचालन इम्तियाज अहमद गाजी ने किया।

<p>इलाहाबाद। जयप्रकाश त्रिपाठी की पुस्तक ‘मीडिया हू मैं’ में कई अनछुए पहलू हैं, जिसे पढ़कर बहुत सी जानकारियां हासिल हो जाती है। मीडिया जगत में हो रही गतिविधियां और क्रियाकलापों को जानने के लिए यह किताब हर किसी को पढ़ना चाहिए। यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्र कालिया ने पुस्तक ‘मीडिया हूं मैं’ और ‘क्लास रिपोर्टर’ के विमोचन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। कार्यक्रम का आयोजन रविवार को सिविल लाइंस स्थित बाल भारती स्कूल में किया गया।  अध्यक्षता प्रो. अमर सिंह ने की। संचालन इम्तियाज अहमद गाजी ने किया।</p>

इलाहाबाद। जयप्रकाश त्रिपाठी की पुस्तक ‘मीडिया हू मैं’ में कई अनछुए पहलू हैं, जिसे पढ़कर बहुत सी जानकारियां हासिल हो जाती है। मीडिया जगत में हो रही गतिविधियां और क्रियाकलापों को जानने के लिए यह किताब हर किसी को पढ़ना चाहिए। यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्र कालिया ने पुस्तक ‘मीडिया हूं मैं’ और ‘क्लास रिपोर्टर’ के विमोचन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। कार्यक्रम का आयोजन रविवार को सिविल लाइंस स्थित बाल भारती स्कूल में किया गया।  अध्यक्षता प्रो. अमर सिंह ने की। संचालन इम्तियाज अहमद गाजी ने किया।

अपने संबोधन में श्री कालिया ने कहा कि आज मीडिया का स्वरूप बहुत व्यापक हो गया है, इसे देखने और समझने की जरूरत हैं। ममता कालिया ने कहा कि पत्रकार के पास कलम, कागज और कैमरे के अलावा और कुछ नहीं रहता, बेहद असुरक्षा के माहौल में काम करता है, जबकि मामूली नेता भी तमाम तरह की सुरक्षा व्यवस्था के बीच चलता है। पुस्तकों के लेखक जयप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि पिछले 34 वर्षों में मीडिया की जो दशा मैंने देखी है, उसे सही रूप से रेखांकित किया है, बहुत चीजें इसमें शामिल हैं, जिनका उल्लेख किया जाना जरूरी था। रविनंदन सिंह ने कहा कि यह संयोग है कि 9 फरवरी 1926 को ‘उदंड मार्तंदंड’ नामक सबसे पहले हिन्दी अखबार के प्रकाशन का काम शुरू हुआ था, और आज के दिन मीडिया की दो किताबों का विमोचन हुआ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

धनंजय चोपड़ा ने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र में आने वाले नए लोगों को ये किताबें जरूर पढ़नी चाहिए। क्योंकि अब तक जो किताबें लिखी गई हैं वो अध्यापकों की ही हैं, जिसमें सैद्धांतिक बातें तो हैं लेकिन प्रायोगिक बातें नहीं हैं। लेकिन इन दोनों किताबों में प्रायोगिक सामग्रीा प्रचुर मात्रा में हैं। पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि मीडिया में रहते हुए इन बातों को रेखांकित करना बेहद खास हैं। प्रो.अमर सिंह, दिलीप सिंह, बुद्सिेन शर्मा और अनिल शर्मा ने भी विचार व्यकत किया। शिवपूजन सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर नरेश कुमार महरानी, संजय सागर, प्रभाशंकर शर्मा, डॉ. शाहनवाज़ आलम, इश्क सुल्तानपुरी, अजय कुमार, अनुराग अनुभव, लोकेश श्रीवास्तव, रमेश नाचीज, अमिताभ त्रिपाठी, रोहित त्रिपाठी रागेश्वर, मोनिका मेहरो़त्रा, अखिल गुप्ता, शुभांगी गुप्ता, नरेंद्र सिंह, ज्ञानेंद्र विक्रम, सागर होशियारपुरी, तलब जौनपुरी, शाहिद इलाहाबादी, राजेश कुमार श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

अपनी गतिविधियों से साहित्यिक कार्यक्रमों को गति पहुंचाने वाले सात लोगों शान-ए-इलाहाबाद सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, शाल और मेमेंटो भेंट किया गया। साहित्यकार रवींद्र कालिया ने कामरेड जियाउल हक, प्रो ओपी मालचीय, जफर बख्त, डॉ. देवराज सिंह, डॉ. राजीव सिंह, धर्मेंद्र श्रीवास्तव और प्रदीप तिवारी को सम्मानित किया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इलाहाबाद से अनुराग अनुभव की रिपोर्ट.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement