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उत्तर प्रदेश

मोदी जी के परिवार में मनमुटाव देखकर मनीष भाई के साथ हम भी आहत हुए!

अनिल सिंह-

ब गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी एके शर्मा वीआरएस लेकर यूपी आये थे तो मिश्रा जी का लड़का बेहद खुश था। उसने हमको बताया था कि मोदीजी के खास हैं शर्मा जी, गुजरात में सब कुछ यही बदलकर रख दिये हैं। गजब के अधिकारी हैं। मोदीजी ने इनको यूपी का मुख्‍यमंत्री बनाने के लिये वीआरएस दिलवाया है। योगीजी को हटाकर इनको यूपी का मुख्‍यमंत्री बनाया जायेगा। हम हांफने लगे। बहुत रोये गिड़गिड़ाये मिश्राजी के लड़का के सामने कि मोदीजी को मना करवा दो भाई, लेकिन वो मेरी बात सुनने को तैयार नहीं था। फिर हम हनुमानजी के चरणों में लोटे तब जाकर मन शांत हुआ। ब्रह्म बाबा को सवा पाव मिठाई और ग्‍याहर रुपया मान लिये, तब जाकर किसी तरह परेशानी टली।

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खैर, सीएम नहीं बने थे, तब भी एके शर्माजी का पूरा जलवा था। जिन जिन विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनना था, वो योगीजी से किनारा करके शर्माजी के दरबार में पहुंचने लगे थे। साल भर शर्माजी मुख्‍यमंत्री बनते रहे और मिश्राजी का लड़का बनाता रहा। इसी बीच विधानसभा का चुनाव आ गया, लेकिन एके शर्माजी फिर भी मुख्‍यमंत्री नहीं बन पाये। किंतु उनकी ऊजार्वान छवि को देखते हुए उन्‍हें ऊर्जा विभाग एवं नगर विकास विभाग दे दिया गया। पिछली सरकार में ऊर्जा विभाग को पंडित श्रीकांत शर्मा जी देखते थे। बिजली की बदहाल व्‍यवस्‍था को उन्‍होंने सुधार दिया था। थोड़ी अकड़ थी शर्मा जी में लेकिन उन्‍होंने बिजली विभाग में काम ठीक किया था। बिजली व्‍यवस्‍था सुधारी और अपनों की अर्थव्‍यवस्‍था भी सुधारी।

उन्‍हीं मथुरा वाले शर्माजी के पीआरओ हुआ करते थे अंकुशजी त्रिपाठी। इनके एक फोन पर बिजली विभाग के अधिकारी टनाटन रहते थे। बिजली विभाग के करंट से ‘अर्थ’ भी पैदा करते थे। मथुरा वाले शर्माजी विभाग एवं पद से गये तो इनको भी अपना बोरिया बिस्‍तर समेटना पड़ा। भाई साहब के खास थे तो ज्‍यादा दिन दिक्‍कत नहीं हुआ। भाजपा की मीडिया टीम में सेटल किये गये, बाद में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के पीआरओ भी बना दिये गये। अंकुशजी मोदी जी के परिवार के हैं। अगर हम अर्थ का अनर्थ निकालें तो अंकुश जी एके शर्मा जी के रिश्‍तेदार लगेंगे, क्‍योंकि शर्माजी भी मोदीजी के परिवार के ही हैं। दोनों लोग मोदीजी के परिवार के हैं तो जाहिर है कि कहीं ना कहीं रिश्‍तेदारी में होंगे।

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वैसे, हमको मोदीजी के परिवार वालों के बीच में नहीं पड़ना चाहिए था क्‍योंकि इन लोगों का पारिवारिक और आपसी मामला है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि अंकुशजी की अपने रिश्‍तेदार शर्माजी से कुछ पट नहीं रही है। तभी अंकुशजी ने सोशल मीडिया एक्‍स पर चहचहाते हुए लिखा है, ‘’श्री एके शर्माजी पिछले दो दिनों से आधी रात को बत्‍ती गुल हो रही है। वो लखनऊ के राजभवन डिविजन में। कृपया संज्ञान लें। क्‍या इनवर्टर खरीद लूं? यह भी बतायें।‘’ यह सही बात है कि श्रीकांत शर्माजी से जब से विभाग एके शर्माजी ने लिया है, तब से इनवर्टर व्‍यवसायियों में खुशी की लहर बनी हुई है। श्रीकांत शर्मा ने तो इनवर्टर व्‍यवसाय को लगभग बरबाद कर दिया था, लेकिन एके शर्मा जी इस व्‍यवसाय को पटरी पर ला रहे हैं।

अब कुल मिलाकर मामला यह है कि मोदी जी की इस पारिवारिक झंझट में हम कतई नहीं पड़ते, क्‍योंकि यह दो ऊर्जावान लोगों के बीच का मामला था। हम तो परेशान तब हुए जब हमारे अपने परिवार के सदस्‍य मनीष भाई पांडेय की आंखें इस ट्वीट को देखकर भर आईं। और मनीष भाई आहत हो गये। हमसे उनका आहत होना नहीं देखा गया। हम खुद ई सब देखकर बुरी तरह आहत हो गये। हमारे हियां भी बिजली कटती रहती है, लेकिन हम इतने आहत कभी नहीं हुए। हमारे पास इनवर्टर नहीं है, फिर भी हम कभी आहत नहीं हुए। गर्मी में बेना डोला डोलकर जीवन काटते रहे, लेकिन मेरी आंख कभी नहीं भरी, लेकिन मोदीजी के परिवार में खटपट और मनीष भाई का आहत होना देखकर हम भी आहत हो गये, और इसी आहत पने में अपना भी दर्द लिख दिया भरी आंखों से।

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