अगली सरकार और अहंकार… 2019 का चुनाव अब अंतिम चरण में है। लोग पूछ रहे हैं कि सरकार किसकी बनेगी ? यह क्यों पूछ रहे हैं ? क्योंकि किसी की भी बनती नहीं दिख रही है याने किसी की भी बन सकती है। किसी की याने क्या? किसी एक पार्टी की नहीं। जो भी बनेगी, वह मिली-जुली बनेगी।
उसे आप गठबंधन की कहें या ठगबंधन की! तो पहला प्रश्न यह है कि सबसे बड़ी पार्टी कौन उभरेगी ? सबसे ज्यादा सीटें किसे मिलेंगी ? इसका जवाब तो काफी सरल है। या तो भाजपा को मिलेंगी या कांग्रेस को मिलेंगी ? कांग्रेस को सबसे ज्यादा नहीं मिल सकतीं। उसकी 50 सीटों की 300 नहीं हो सकतीं। उसके पास न तो वैसा कोई नेता है, न नीति है, न नारा है। लेकिन मोहभंग को प्राप्त हुई जनता कांग्रेस को कुछ न कुछ लाभ जरुर पहुंचाएगी। 50 की 80 भी हो सकती हैं और 100 भी! 100 सीटोंवाली कांग्रेस सरकार कैसे बना सकती है?
इसी प्रकार भाजपा, जिसे 2014 में 282 सीटें मिली थीं, यदि उसे इस बार 200 या उससे कम सीटें मिलीं तो वह भी मुश्किल में पड़ जाएगी। 2014 में उसे 282 सीटें मिली थीं। वह चाहती तो अकेले ही राज कर सकती थी लेकिन इस बार मामला काफी टेढ़ा है। उसके सत्ता में रहते हुए भी वह 282 से खिसककर 272 पर आ गई तो अब आम चुनाव में उसका क्या हाल होगा ? उसे बहुमत तो मिलने से रहा। अल्पमतवाली भाजपा के नेता यदि नरेंद्र मोदी रहे तो उसके साथ गठबंधन बनाने के लिए कौन पार्टी तैयार होगी?
भाजपा और संघ के वरिष्ठ नेताओं को पटाना ही मुश्किल होगा, अन्य दलों की बात तो दूर की कौड़ी है। इसीलिए भाजपा को अपने वैकल्पिक नेता के बारे में अभी से सोचना होगा। यही बात कांग्रेस पर भी लागू होती है। मोदी में जो कमी व्यक्ति के तौर पर है, वह कांग्रेस में पार्टी के तौर पर है। कांग्रेस विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होगी लेकिन अन्य पार्टियां उसके अहंकार को कैसे पचा पाएंगी? यदि कांग्रेस चाहती है कि देश में नई सरकार बने तो उसे थोड़ा पीछे खिसककर बैठना होगा। विपक्ष में प्रधानमंत्री के ज्यादातर उम्मीदवार पुराने कांग्रेसी ही हैं। गठबंधन कोई भी बने, उसकी सफलता में अहंकार सबसे बड़ी बाधा सिद्ध होगा।
लेखक डा. वेद प्रताप वैदिक देश के वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं.
Rajesh verma
May 10, 2019 at 8:23 pm
वैदिक की बात सुनने वाला भाजपा का शीर्ष नेतृत्व है नहीं,
ये तो अंतिम चरण में की जा रही एक कोशिश है ,कि शायद एक मजबूत सरकार बनाने के नाम पर ही कुछ सीटें बढ़ जाये
कांग्रेस को बीजेपी से अधिक सीट मिलेंगी, 23 मई दूर नहीं,
बीजेपी के अहंकार के कारण समर्थन आसान नहीं,
बबलू श्रीवास्तव
May 10, 2019 at 9:10 pm
शर्त लगा लो वैदिक जी
या तो आप सन्यास ले लें
अथ वा मैं
सार्वजनिक जीवन से।
देवीलाल शीशोदिया
May 12, 2019 at 12:35 pm
बचपन में बलराज मधोक जी आदि के साथ वैदिक जी आप के विचार भी मुझे मननीय लगते थे। अब क्या हो गया है आपको जो आप स्वयं की नब्ज नहीं पाए हो? शायद सम्मान की चाह की अपूर्ति ने आपको “शत्रुघ्न” बना दिया है। आपके विचारों से मुझ जैसे आपकी शैली से पूर्व परिचित पाठक निराश होने लगे हैं।