भारतीय मीडिया का एक बड़ा हिस्सा मोदी को तेल लगाने में फेक न्यूज़ फैलाने में जुटा!

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स्वाति मिश्रा-

नोबेल कमिटी के वाइस चेयरपर्सन अस्ले टोया (Asle Toje) भारत आए. ABP ने उनसे बातचीत की. उसमें उन्होंने भारत और पीएम मोदी की तारीफ की. ABP ने खबर चलाई – क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिल सकता है शांति का नोबेल पुरस्कार?

बस फेक न्यूज़ वाले राइटविंगर्स ने लिखना शुरू कर दिया कि नोबेल कमिटी के डेप्युटी ने पीएम मोदी को नोबेल पीस प्राइज का तगड़ा दावेदार बताया है, जबकि ABP की खबर और वीडियो में अस्ले टोया इस बारे में कुछ भी कहते नहीं दिखते हैं.

ABP के बाद टाइम्स नाऊ ने भी नोबेल कमिटी के वाइस चेयरपर्सन अस्ले टोया (Asle Toje) से बातचीत की. इसमें भी वो भारत और पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं. लेकिन टाइम्स ग्रुप के दर्जन भर मीडिया संस्थानों समेत कई और मीडिया संस्थानों ने ये फेक खबर चला दी कि उन्होंने मोदी जी को नोबेल पीस प्राइज का तगड़ा दावेदार बताया है, जबकि उनके डाले गए वीडियो में अस्ले टोया ऐसा कहते नहीं दिखते हैं.

अब तक राइटविंगर्स ही इस फेक न्यूज़ को फैला रहे थे, अब भारत के मीडिया का एक बड़ा हिस्सा इसमें शामिल हो गया है.



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