Vineet Kumar : अगर सरकार सचमुच पोर्न वेबसाइट बंद करना चाहती है तो दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स जैसी तथाकथित समाचार वेबसाइट को भी इसके दायरे में लाए. लगभग सारे मीडिया संस्थानों की दूकानदारी इसी के बूते चलती है..त्वचा से जुड़ी समस्या से लेकर सौन्दर्य तक की अंडरटोन वही होती है जिससे सरकार के अनुसार हमारे संस्कार खत्म हो रहे हैं..पोर्न वेबसाइट को रेखांकित करने के साथ-साथ ऐसी वेबसाइट के भीतर की पोर्नोग्राफी एफेक्ट कंटेंट को बहस के दायरे में शामिल करना बेहद जरूरी है.
युवा मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार के फेसबुक वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर आए ढेर सारे कमेंट्स में से कुछ चुनिंदा यूं हैं….
Mithlesh Sharan Choubey अनेक अखबारों में यौन वर्धक और यौन बीमारियों के नीम हकीमी विज्ञापन इस कदर अश्लील होते हैं कि पोर्न साइट्स का जैसे लघु संस्करण ही हो।
Ram N Kumar Just to give you a persective out of every 1 million page views about 40 percent content consumption online are related to women and/or sex/beauty/lifesytyle related stuffs. On an average these media sites have 200-400 million plus page views per month.
Umesh Kumar हिन्दुस्तान के खेल पन्ने पर विदेशी खिलाडियों की माशूकाओं की लघु वस्त्र विन्यास वाली फोटो नियमित रुप से देना भी सोफ्ट पोर्न नीति का ही एक हिस्सा है…जो यौनिक भावनाओं की तुष्टि का ही प्रयास है…जिस पंजाब केसरी से ऐसे फोटो छपने की शुरूआत हुई थी, आज वह दौड में बहुत पीछे रह गया है और कभी साहित्य और विचारों को स्थान देने वाले अखबार आज चटपटी थाली परोस रहे हैं…
Ram N Kumar Bollywood contributes another major chunk for content contribution. I can give actual data if Vineet Kumar bhai promises me a meal.