फेक न्यूज पर पत्रकारों की मान्यता रद्द करने संबंधी नियम बनाने के ऐलान के बाद मचे हो हंगामे से बैकफुट पर आई मोदी सरकार ने अब आनलाइन मीडिया को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाने की घोषणा कर दी है. इसके लिए बाकायदे कमेटी तक गठित कर दी गई है. इस कमेटी में टीवी, प्रिंट, …
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क्या ‘न्यूज़ वेब पोर्टल’ विश्वसनीयता हासिल नहीं कर पा रहे हैं?
Abhishek Ranjan Singh : न्यूज़ चैनल ‘लाइव प्रसारण’ की क्षमता से ज़िंदा हैं। बाकी मौजूदा ‘न्यूज़ वेब पोर्टल’ भ्रामक, अधूरी और एकपक्षीय ख़बरों की वजह से देश की जनता के बीच अपनी पकड़ नहीं बना पा रहे हैं। इसकी वजह विश्वसनीयता हासिल न कर पाना है। न्यूज़ चैनलों और डिजीटल मीडिया की मेहरबानी से भारत में अख़बारों और पत्रिकाओं का भविष्य पहले अधिक उज्जवल हो गया है।
अनुभव मित्तल की ‘आनलाइन कंपनी’ से सुधीर चौधरी भी हो गए परेशान!
Sudhir Chaudhary : My personal phone suddenly started ringing non stop last night and since then it has not stopped even for a second. I am getting nonstop calls from hired online goons using prepaid shady numbers, all of them similar in nature.
ओला, ब्ला ब्ला के बाद अब ओयो : नाश्ता और वाई-फाई समेत एसी कमरा सिर्फ 750 रुपये में!
Yashwant Singh : OYO ने सचमुच क्रांति कर दी है. होटल का शानदार एसी कमरा मात्र 750 रुपये में. हाल के दिनों में टेक्नालजी ने गजब की सुविधाएं मुहैया कराई है जिससे हम जैसे घुमंतूओं का जीवन बहुत स्मूथ हो गया है. ब्ला ब्ला, ओला से लेकर ओयो तक. गाड़ी, होटल सब कुछ बेहद सस्ते दरों पर और आपके एक क्लिक पर उपलब्ध. आज पहली बार ओयो की सुविधा यूज कर रहा हूं.
भारतीय मोहतरमा को एक पाकिस्तानी के प्यार में पड़ने की ये सजा मिली, न्यूड तस्वीरें आनलाइन हो गईं
Yashwant Singh : एक भारतीय मोहतरमा ने एक पाकिस्तानी से चैट किया और प्यार में पड़कर अपनी कई न्यूड तस्वीरें भेज डालीं. उन परदेसी भाई साहब ने एक रोज सब कुछ आनलाइन कर दिया. साथ ही मोहतरमा के सारे एफबी मित्रों के पास उस आनलाइन फोटोज के लिंक भेज दिए. मेरे पास भी आई हैं कुछ नंगी तस्वीरें लेकिन मैंने एक आंख से देखा और दूसरी आंख से डिलीट का बटन दबा दिया. सुना है वस्त्र विहीन तस्वीरें देख कुछ करीबियों की जुगलबंदियां टूट गईं और दिल इधर उधर छटपटाते बिखरे पाए गए.
आज तक की वेब टीम ने क्रिकेटर मोहम्मद शमी को करा दिया गिरफ्तार, विरोध में सोशल मीडिया पर चला अभियान
Mohammad Anas : ये देखिए आज तक की वेब टीम का कमाल। आज तक की वेब टीम में काम कर रही मोनिका शर्मा, ने अमरोहा की एक ख़बर लगाई है जिसमें उसने मोहम्मद शमी की फ़ोटो लगाते हुए लिखा है कि पशु तस्करी में भारतीय क्रिकेटर शमी पकड़े गए। लेकिन जब आप लिंक पर चटका लगा कर ख़बर पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि शमी नहीं बल्कि उनका भाई पकड़ा गया है। वैसे भी वेब वाले हिट्स पाने के लिए साथ काम कर रही महिलाओं का ही फ़ोटो और वीडियो डालते रहे हैं लेकिन यह पहली बार हुआ है कि मोनिका शर्मा ख़ुद ही इस नीच हरकत में कूद पड़ीं। मोनिका शर्मा कौन है यह मुझे नहीं पता। आज तक की वेब टीम की नीचता को मुँह तोड़ जवाब देने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में इसे शेयर करें।
‘समाचार फर्स्ट’ पोर्टल को जरूरत है 18 पत्रकारों की, करें आवेदन
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से ‘समाचार फर्स्ट’ नाम का यह पोर्टल शुरू होने जा रहा है। अभी यह निर्माणाधीन है। ऐंड्रॉयड और iOS ऐप के साथ लोगों तक पहुंच बनाने के इरादे से इसे फरवरी के पहले हफ्ते में विधिवत लॉन्च किया जाएगा। इस पोर्टल का इरादा हिमाचल प्रदेश पर केंद्रित रहते हुए भारत और दुनिया की सभी जरूरी खबरों को लोगों तक पहुंचाना है।
नेट न्यूट्रलिटी जरूरी… ताकि इंटरनेट का विस्तार न बाधित हो और इस पर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार न स्थापित हो
नेट न्यूट्रलिटी यानी बिना किसी अवरोध के अपनी इच्छा से इंटरनेट का उपभोग करने की स्वतंत्रता का मुद्दा एक बार फिर बहस में है. भारतीय टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) ने इस साल दूसरी दफे लोगों से इस मसले पर राय मांगी है. नेट न्यूट्रलिटी के विवाद के एक सिरे पर सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और कुछ इंटरनेट सेवा प्रदाता हैं तथा दूसरे सिरे पर इंटरनेट के इस्तेमाल की मौजूदा स्थिति को बरकरार रखने की मांग करते उपभोक्ता और कार्यकर्ता. फेसबुक और उसके साथ खड़े सेवा प्रदाताओं का कहना है कि वे बेसिक इंटरनेट सेवा के माध्यम से जरूरी साइटें और सेवाएं उन लोगों तक मुफ्त या कम शुल्क में पहुंचाना चाहते हैं, जो अभी तक इसका उपभोग नहीं कर पा रहे हैं या फिर सीमित रूप में करते हैं.
क्या गूगल, क्या माइक्रोसॉफ्ट और क्या फेसबुक… आप सबके लिए मोहरे हैं…
Sanjay Tiwari : इंटरनेट पर आजादी की दुहाई के दिन फिर से लौट आये हैं। फेसबुक अगर नयी तैयारी से मुफ्त सेवा देने के लिए कमर कसकर दोबारा लौटा है तो उसी फेसबुक पर उसकी इस मुफ्त सेवा का मुखर विरोध भी शुरू हो गया है। अच्छा है। जनता के हक हित और आजादी की मांग तो होनी ही चाहिए लेकिन आजादी की यह दुहाई थोड़ी बचकानी है। जिन दिनों फेसबुक मैदान में उतरा ही था उन दिनों भी कहा गया था कि यह प्राइवेसी में बहुत बड़ी सेंध लग रही है। लेकिन सेंध क्या? फेसबुक ने तो पूरा पनारा ही खोल दिया। क्या हुआ प्राइवेसी का? यह जानते हुए कि आपकी प्राइवेसी को सचमुच खतरा है फिर भी क्या बिना फेसबुक एकाउण्ट बनाये रह सकते हैं आप?
आनलाइन एड एजेंसी झुकी, भड़ास के खाते में हफ्ते भर के विज्ञापन के लिए 70 डालर आए… चीयर्स
एक विदेशी आनलाइन एड एजेंसी ने 70 डालर मेरे एकाउंट में भेज दिए. काफी दिनों से बारगेनिंग चल रही थी. मैंने बहुत पहले तय कर लिया था कि बिना एडवांस लिए आनलाइन या आफलाइन, किसी एड एजेंसी वालों या किसी शख्स का विज्ञापन नहीं चलाउंगा क्योंकि विज्ञापन चलवाने के बाद पेमेंट न देने के कई मामले मैं भुगत चुका था. बकाया भुगताने के लिए बार बार फोन करने, रिरियाने की अपनी आदत नहीं रही. हां, इतना जरूर कुछ मामलों में किया हूं कि किसी रोज दारू पीकर बकाया पैसे के बराबर संबंधित व्यक्ति को फोन कर माकानाकासाका करके हिसाब चुकता मान लेता हूं. पर यह कोई ठीक तरीका थोड़े न है. इसलिए एक नियम बना लिया. बिना एडवांस कोई विज्ञापन सिज्ञापन नहीं. दर्जनों एड प्रपोजल इसलिए खारिज करता रहा क्योंकि आनलाइन एजेंसी को एडवांस पेमेंट वाला शर्त मंजूर न था. लेकिन आखिरकार एक एड एजेंसी झुकी और 70 डालर हफ्ते भर के विज्ञापन के लिए दे दिए.
सोशल मीडिया पर साइबर गुंडागर्दी से बचने का एक ही तरीका है…
Dilip C Mandal : सोशल मीडिया पर साइबर गुंडागर्दी से बचने का एक ही तरीका है कि आप बचने की कोशिश न करें। आप बच जाएँगे।
क्या भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति अपने देश के नागरिको को ‘ऑनलाइन गुंडा’ कहकर संबोधित करेंगे!
NDTV के पत्रकार रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखना छोड़ ही दिया था अब फेसबुक पर लिखना भी बंद कर दिया। कारण दिया सोशल मीडिया पर गुंडागर्दी। रवीश कुमार आप या आपके समर्थक पत्रकार कुछ भी कहे लेकिन, सोशल मीडिया’ सहमति,असहमति और विरोध का माध्यम है और रहेगा। पिछले 2 दशकों से जिस प्रकार आप लोगों ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से देश की जनता पर अपने एक विचारो को थोपते चले आ रहे हैं, ‘सोशल मीडिया’ आ जाने से लोगो को एक ताक़त मिली है कि आप लोगो से भी प्रश्न कर सके। आप लोग अभी तक एकतरफा पत्रकारिता करते हुए जनता को गुमराह कर रहे थें, ‘सोशल मीडिया’ द्वारा जनता आपसे प्रश्न करती है तो आप उन्हें ‘राष्ट्रवादी गुंडा’ कहकर बुलाते हैं।
Flipkart पर कुछ भी ऑर्डर करने से पहले मेरी कहानी सुनिए
31 अगस्त 2015 का दिन. मेरे दिल में एक स्मार्टफोन लेने का विचार आया. मैं इंटरनेट पत्रकार हूं तो ये मेरे लिए काफी ज़रूरी भी था. मेरा पुराना स्मार्टफोन मेरी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा था और काम काफी प्रभावित हो रहा था. जो स्मार्टफोन मेरे बजट में था वह Flipkart पर बिक्री के लिए उपलब्ध था. मैंने Flipkart को एक मोटो-ई सेकेंड जेनरेशन फोन ऑर्डर कर दिया. मेरी परेशानी की शुरुआत यहीं से हुई.
ऑनलाइन टिकट के नाम पर लूट रहे आईआरसीटीसी और रेलवे
वाराणसी (उ.प्र.) : आईआरसीटीसी (irctc) और रेलवे मिलकर ऑनलाइन टिकट के नाम पर लोगों को लूट रहे हैं। अगर आपने ऑनलाइन टिकट को बुक कराकर कैंसिल किया तो कोई गारंटी नहीं कि वो पैसा आपके खाते में वापस आये।
इस साल के अंत तक दुनिया की आधी आबादी जुड़ जाएगी इंटरनेट से
इस साल के आख़िर तक दुनिया की कुल जनसंख्या में से आधे लोग इंटरनेट से जुड़ चुके होंगे. संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन (आईटीयू) की एक रिपोर्ट में अनुमान है कि 3.2 अरब से ज़्यादा लोग ऑनलाइन हो चुके होंगे, फिलहाल दुनिया की जनसंख्या 7.2 अरब है. इनमें विकासशील देशों के तकरीबन दो अरब लोग शामिल हैं. लेकिन सबसे कम विकसित देशों की सूची में शामिल नेपाल और सोमालिया से सिर्फ 8 करोड़ 90 लाख लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे.
The problem is that if the ISP restricts or obstructs my access to sites which dont pay the ISP
Sushant Sareen : Can someone explain this whole netneutrality issue to me? from the cacophony on TV and web all I have been able to figure out is this: I currently pay a certain sum to use an X amount of data. Now I could browse news sites, porn sites, religious sites or whatever else but for ever site I access i expend some of the data I have bought. if however, say a newspaper or a TV channel pays my ISP a sum of money, then I could browse their site, download or whatever else without paying anything. Up to this point I dont see a problem. If all the big shots pay the ISP money so I can browse their sites for free, I would imagine thats good for me.
bhadash4media से वैकल्पिक मीडिया की ताकत मिली तो लांच कर दिया ऑनलाइन चैनल ‘newsnationonline’
”आदरणीय यशवंत जी, प्रभु कृपा और आपके आशीर्वाद से अपना वेब न्यूज़ चैनल ‘न्यूज़ नेशन ऑनलाइन’ के नाम से लांच कर दिया हैं। इस बारे आपसे फ़ोन पर भी बात हुई थी। bhadash4media ने ही हमे यह ताकत दी वरना मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुआ एक अदना पत्रकार यह कैसे साहस कर सकता था।
ऑनलाइन पत्रकार सुप्रिया को चमेलीदेवी पुरस्कार
नई दिल्ली : मीडिया फाउंडेशन ने सर्वश्रेष्ठ महिला पत्रकार को दिया जाने वाला प्रतिष्ठित चमेली देवी जैन पुरस्कार इस साल एक ऑनलाइन पत्रकार सुप्रिया शर्मा को दिए जाने की घोषणा की है। यह पुरस्कार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम करने वाली किसी पत्रकार को पहली बार दिया जा रहा है। ‘स्क्रॉल डॉट इन’ की समाचार …
लाइव इंडिया की हिंदी, अंग्रेजी और मराठी वेबसाइट्स लांच
नई दिल्ली में आयोजित एक रंगारंग समारोह में लाइव इंडिया की हिंदी, अंग्रेजी और मराठी वेबसाइट्स की लॉन्चिंग हुई। तीनों ही भाषाओं में मोबाइल एप्प की लॉन्चिंग भी हुई। इस मौके पर केंद्रीय मंत्रियों समेत तमाम राजनेता और विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि लाइव इंडिया की मराठी वेबसाइट मी मराठी की मदद से वो मराठी सीख सकेंगी। उन्होंने कहा कि नई तकनीक की मदद से जेनरेशन गैप को दूर किया जा सकता है और हमें उम्मीद है कि लाइव इंडिया ऐसा करने में सफल रहेगा।
‘हिंदी समय’ का इस बार का अंक सिनेमा पर केंद्रित
मित्रवर, सिनेमा एक ऐसी कला है जिसमें सारी कलाएँ आकर गलबहियाँ करती हैं। साहित्य, संगीत, चित्रकला, नृत्य, फोटोग्राफी सभी कलाएँ यहाँ मिल-जुलकर काम करती हैं। यही नहीं, सिनेमा में तकनीकि भी आकर कला के साथ ताल से ताल मिलाती नजर आती है। किसी एक फिल्म में दिखने वाले और न दिखने वाले हजारों लोगों की मेहनत शामिल होती है। ऐसी सामूहिकता किसी भी अन्य कला विधा में संभव नहीं। इसलिए यह अनायास नहीं है फिल्मों का जादू हम सब के सिर चढ़ कर बोलता है। हमने हिंदी समय (http://www.hindisamay.com) का इस बार का अंक सिनेमा पर केंद्रित किया है। हमें उम्मीद है कि हमारी यह विनम्र कोशिश आपको अपनी सी लगेगी।
गूगल एडसेंस Google AdSense आ गया हिंदी ब्लॉगरों के लिए, करें घर बैठे कमाई
अगर आप हिन्दी ब्लॉगर है और अपने चिट्ठे (ब्लॉग) से कमाई करना चाहते हैं तो आपके लिए गूगल एडसेंस Google AdSense बहुत ही बढ़िया ख़ुशखबरी लाया है। दरअसल गूगल एडसेंस (Google AdSense)ने दिसम्बर 2014 से अपने विज्ञापन प्रदर्शित करने के लिए समर्थित भाषाओं (Supporting Languages) में हिन्दी (Hindi) भाषा को भी शामिल कर दिया है। यानि इसका मतलब अब ये हुआ कि आप अब अपने हिन्दी चिट्ठे से भी कमाई कर सकते हैं।
गूगल ट्रांसलेशन प्रतियोगिता के ये हैं 100 विजेता, हिंदी भाषा के लिए एडसेंस शुरू करेगा गूगल
Khushdeep Sehgal : गूगल ट्रांसलेशन प्रतियोगिता में Sangita Puri जी, GK Awadhia ji और भाई Vivek Rastogi समेत सभी 101 विजेताओं को एंड्रायड फोन जीतने के लिए बहुत बहुत बधाई… आज पूरा दिन गूगल के ऑफिस में रहने का सौभाग्य मिला… एक खुशख़बरी और कि हिंदी के लिए एडसेंस बहुत जल्दी (इसी महीने) शुरू हो जाएगा… ट्रांसलेशन के सारे विजेताओं की लिस्ट इस प्रकार है-
सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती और उनकी दरगाह पर हिन्दी का पहला वेब न्यूज पोर्टल तैयार हो रहा
पिछले एक दो साल से लगातार यह उधेड़बुन थी कि मीडिया के क्षेत्र में ही ऐसा कुछ किया जाना चाहिए जो नया हो। नए मीडिया न्यूज पोर्टल से थोड़ा आगे, थोड़ा हटकर और थोड़ा बहुआयामी भी। वेबसाइट, न्यूज पोर्टल, न्यूज सोर्स, रिसर्च कुलमिलाकर ऐसा ही कुछ। विषय की तलाश अपने शहर अजमेर में ही पूरी हो गई। सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती और उनकी दरगाह। कुछ और भी वजह रहीं। ना गांठ में पैसा था और ना ही कोई संसाधन। बस कर दी शुरूआत। इस सच्चाई को स्वीकारने में कतई संकोच नहीं है कि इसकी शुरूआती प्रेरणा भड़ास के भाई यशवंत से मिली। उन्होंने भड़ास पर कई मर्तबा पत्रकार साथियों को इस बात के लिए प्रेरित किया है कि वे नए मीडिया में आगे आएं। उनकी इस सोच का ही परिणाम Media4Khwajagaribnawaz.com है।
भड़ास संपादक यशवंत की जेल कथा ‘जानेमन जेल’ पढ़ने-पाने के लिए कुछ आसान रास्ते
भड़ास के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह के जेल-गमन की खुद यशवंत द्वारा लिखी गई कथा ‘जानेमन जेल’ ऑनलाइन स्टोरों से सीधे ऑर्डर करके घर बैठे प्राप्त की जा सकती है… नीचे दिए गए किसी आनलाइन स्टोर पर क्लिक करें और किताब बुक कर लें…
पोर्न वेबसाइट बंद करना है तो दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स जैसी तथाकथित समाचार वेबसाइट को भी इसके दायरे में लाएं
Vineet Kumar : अगर सरकार सचमुच पोर्न वेबसाइट बंद करना चाहती है तो दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स जैसी तथाकथित समाचार वेबसाइट को भी इसके दायरे में लाए. लगभग सारे मीडिया संस्थानों की दूकानदारी इसी के बूते चलती है..त्वचा से जुड़ी समस्या से लेकर सौन्दर्य तक की अंडरटोन वही होती है जिससे सरकार के अनुसार हमारे संस्कार खत्म हो रहे हैं..पोर्न वेबसाइट को रेखांकित करने के साथ-साथ ऐसी वेबसाइट के भीतर की पोर्नोग्राफी एफेक्ट कंटेंट को बहस के दायरे में शामिल करना बेहद जरूरी है.
तीन बड़ी आनलाइन दुकानों के बाद होमशाप18 ने भी किताबें बेचना बंद कर दिया
Shailesh Bharatwasi : किताबों की ऑनलाइन बिक्री के लिए बुरी ख़बरों के आने का दौर अभी थमा नहीं है। इस साल के शुरुआत से अब तक 4 बड़ी ऑनलाइन दुकानों ने किताबें बेचना बंद कर दिया है। ईबे, स्नैपडील, बुकअड्डा से किताबों की आलमारियाँ तो ग़ायब हो ही गई थीं, इस साल धनतेरस के दिन से होमशॉप18 ने भी किताबें बेचना बंद कर दिया। हम पाठकों के पास फ्लिपकार्ट, इंफीबीम और अमेज़ॉन जैसे गिने-चुने विकल्प ही बचे रह गए हैं। जिस तेज़ गति से ऑनलाइन मंडियों से किताबों का हिस्सा छिन रहा है, उससे तो यही लगता है कि ये कुछ विकल्पों के भी खत्म होने में ज़्यादा वक़्त शेष नहीं है। विशेषरूप से हिंदी किताबों के पाठकों के लिए किताबों की इन ऑनलाइन दुकानों ने जिस तरह से उम्मीद की फ़सल बोयी थी, लगता है उनको भी बुरे वक़्त का पाला मारता जा रहा है।