Ashwini Kumar Srivastava : तकरीबन साल भर पहले मुकेश अम्बानी के झांसे में मैं भी आ गया था और न सिर्फ अपने मोबाइल में बल्कि घर में भी जियो फाई इस्तेमाल करने लगा था। लेकिन वह दिन है और आज का दिन, तबसे मैं लगातार इंटरनेट की कछुवा स्पीड और डाटा बेहद तेज रफ्तार से …
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मोदी सरकार अब ऑनलाइन मीडिया पर लगाम लगाएगी, कमेटी गठित
फेक न्यूज पर पत्रकारों की मान्यता रद्द करने संबंधी नियम बनाने के ऐलान के बाद मचे हो हंगामे से बैकफुट पर आई मोदी सरकार ने अब आनलाइन मीडिया को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाने की घोषणा कर दी है. इसके लिए बाकायदे कमेटी तक गठित कर दी गई है. इस कमेटी में टीवी, प्रिंट, …
इन्टरनेट के इस दौर में कलमकार भूखा नहीं मरेगा
Naved Shikoh : अब कलम बिकेगा, अखबार नहीं… RNI और DAVP में दर्ज यूपी के 97% पत्र-पत्रिकाओं का वास्तविक सर्कुलेशन 0 से 1000 तक ही है। सोशल मीडिया पर कोई भी अपनी बात या अपना विज्ञापन फ्री में हजारों-लाखों लोगों तक पहुंचा सकता है। ऐसे में बड़े अखबारों को छोड़कर किसी अन्य को चुनावी विज्ञापन क्या खाक मिलेगा! यही कारण है कि सोशल मीडिया पर लिखने की कला का बाजार सजने लगा है। सुना है यूपी के निकाय चुनाव के चुनावी दावेदार सोशल मीडिया को प्रचार का सबसे बड़ा-आसान और सस्ता माध्यम बनाने जा रहे हैं।
देशबन्धु अखबार ले आया अपना इंटरनेट टीवी- DB LIVE
देशबन्धु समाचार पत्र समूह अपने ऑनलाइन नेटवर्क में विस्तार कर रहा है। इसके तहत इंटरनेट टेलीविजन को लांच किया गया है। DB LIVE के नाम से शुरू किए गए इस ऑनलाइन टीवी को इन्टरनेट के हर प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया जा रहा है। YouTube, Facebook, Twitter, व्हाट्सएप्प तथा अन्य सोशल मीडिया नेटवर्क के अलावा DB LIVE वेबसाइट और ऐप्प के जरिए भी उपलब्ध है।
मोदी सरकार ने वेबसाइट को विज्ञापन देने के लिए नीति तैयार की
नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वेबसाइटों पर विज्ञापन के लिए एजेंसियों को सूचीबद्ध करने एवं दर तय करने की खातिर दिशानिर्देश और मानदंड तैयार किए हैं ताकि सरकार की ऑनलाइन पहुंच को कारगर बनाया जा सके। एक बयान में यहां कहा गया कि दिशानिर्देशों का उद्देश्य सरकारी विज्ञापनों को रणनीतिक रूप से हर महीने सर्वाधिक विशिष्ट उपयोगकर्ताओं वाले वेबसाइटों पर डालकर उनकी दृश्यता बढ़ाना है। नियमों के अनुसार, विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) सूचीबद्ध करने के लिए भारत में निगमित कंपनियों के स्वामित्व एवं संचालन वाले वेबसाइटों के नाम पर विचार करेगा।
सर्वे : अखबारों के लिए खतरे की घंटी, युवा सबसे ज्यादा वेबसाइट्स से हासिल करते हैं देश दुनिया के समाचार
आज के समय में यंगर्स्ट्स के लिए न्यूज जानने का सबसे बड़ा स्रोत न्यूज वेबसाइट्स है। एक सर्वे से ये पता चला है कि न्यूज के जरिए देश-विदेश की जानकारी रखने के लिए लोग सबसे अधिक न्यूज वेबसाइट्स का रुख करते हैं। इस मामले में न्यूज पेपर दूसरे और न्यूज एप तीसरे नंबर पर आते है। जबकि फेसबुक इंस्टेंट आर्टिकलस चौथे व टीवी न्यूज चैनल पांचवे नंबर पर आते है।
पनामा पेपर्स की तरह कहीं आपके कारोबार का भी आनलाइन कच्चा चिट्ठा लीक न हो जाए, जानें सुरक्षा के उपाय
पनामा पेपर्स के लीक को लेकर बवाल मचा हुआ है. छोटे बड़े देशों के वीआईपी लपेटे में आ चुके हैं. दरअसल ये मोजाक फोंसेका कंपनी के कारोबार से जुड़े दस्तावेजों का लीक है. इन दस्तावेजों में कंपनी के पिछले 30+ सालों के कारोबार का कच्चा चिठ्ठा मौजूद है. कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि उसके डाटा को बाहर के व्यक्तियों द्वारा चुराया गया है. उनका मानना है कि संभवतः किसी ने उनके सर्वर्स पर मौजूद जानकारी को चुराया है. तो हम कह सकते हैं कि ये मामला हैकिंग से जुड़ा हो सकता है. सालों पहले विकीलीक्स में भी कुछ ऐसा ही हुआ था. उन्होंने किस किस देश से कितना डाटा चुराया या प्राप्त किया, ये आज तक पता लगाया जा रहा है.
स्मार्टफोन यूजर्स बिना इंटरनेट ही डीडी के दर्जन भर से ज्यादा चैनल देख सकेंगे
अब आप अपने मोबाइल फोन पर बिना इंटरनेट खर्च किए फ्री में टीवी देख सकेंगे। यह सुविधा दूरदर्शन ने स्मार्टफोन के बढ़ते क्रेज और यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए देने का फैसला किया है। दूरदर्शन की ये सर्विस निशुल्क होगी। स्मार्ट फ़ोन यूज़र्स के लिए शुरू की गई यह सर्विस दिल्ली, मुबंई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, पटना, रांची, गुवाहाटी, जालंधर, रायपुर, इंदौर, भोपाल, औरंगाबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद आदि शहरों के लिए है।
वेबसाइट और एप्प की तकनीकी दुनिया : बहुत कठिन है डगर पनघट की…
आजकल इन्टरनेट का ज़माना है. जिसे देखो वो वेबसाइट खोल रहा है. एप्प लांच कर रहा है. बड़ी और कारपोरेट कंपनियों की बात अलग रखिए जिनके पास खूब पैसा है और वो मार्केट के ब्रेस्ट ब्रेन और बेस्ट टेक कंपनी को अपने पोर्टल व एप्प के लिए हायर करते हैं. मैं बात कर रहा हूं उन साथियों की जो कम पूंजी में वेबसाइट, एप्प आदि लांच तो कर देते हैं लेकिन उनके टेक्निकल सपोर्टर ऐसे नहीं होते जो एक लेवल के बाद वेंचर को नई उंचाई पर ले जा सकें. वेबसाइट बना देना, चला देना बिलकुल अलग बात है. इसे मेनटेन रखना, इसे हैक से बचाना, इसे ज्यादा ट्रैफिक के दौरान संयत रखना, इसे लगातार सर्च इंजन फ्रेंडली बनाए रखना, इसे मजबूत सर्वर से जोड़े रखना दूसरी बात होती है.
हिंदी न्यूज वेबसाइटों पर अब ऐसी खबरें भी छपने लगीं : ”शिवपाल के बेटे की शादी में दि पंजाब बैंड बजाएगा गाना”
Yashwant Singh : एक वेबसाइट है. ‘तहलका न्यूज’ नाम से. इस पर एक खबर की हेडिंग है : ”शिवपाल के बेटे की शादी में दि पंजाब बैंड बजाएगा गाना”. इस साइट पर यूपी के अखिलेश सरकार का एक विज्ञापन भी लगा है. सुना है इसे लखनऊ के एक ‘महान’ पत्रकार चलाते/चलवाते हैं. ये भी संभव है कि इस साइट के संपादक जी यानि संचालक जी इस वक्त इटावा की तरफ हों और इसी बैंड के किसी गाने में ‘शामिल बाजा’ माफिक डोल डाल कर रहे हों. 🙂
हम जीत गए, फेसबुक हार गया
Rahul Pandey : हम जीत गए, फेसबुक हार गया। आज सोमवार को ट्राई ने फेसबुक और रिलायंस को उसकी औकात बताते हुए हम लोगों की नेट न्यूट्रैलिटी की पैरोकारी को विजयी बनाया है। अब फेसबुक अपने यहां फ्री बेसिक्स का फर्जीवाड़ा नहीं कर पाएगा। ट्राई ने साफ कहा है कि सर्विस प्रोवाइडर अलग-अलग कंटेंट के लिए डिफरेंट टैरिफ नहीं ले पाएंगे। आज ही इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया है जो अभी से ही सारी टेलीकॉम कंपनियों पर लागू है। न माना तो हर दिन पचास हजार रुपये जुर्माना भी देना पड़ेगा और ट्राई उस कंपनी का टैरिफ वापस भी ले लेगा।
पाकिस्तानी हैकरों ने भारत की कई हिंदी वेबसाइटों को बनाया निशाना
पाकिस्तानी हैकरों ने भारत की कई हिंदी वेबसाइटों को निशाना बनाया है. वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा द्वारा संचालित इंडिया संवाद और आज समाज अखबार की वेबसाइट आज किया आज समाज डाट कॉम को हैक कर इस पर पाकिस्तानी झंडा फहरा दिया. दीपक शर्मा ने फेसबुक पर खुद की चर्चित वेबसाइट हैक किए जाने की सूचना दी थी. उधर आज समाज की तरफ से भी इस बाबत एक खबर का प्रकाशन किया गया है. फिलहाल दोनों वेबसाइटों को पाकिस्तानी हैकरों के चंगुल से मुक्त करा लिया गया है. आज समाज की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर इस प्रकार है…
‘समाचार फर्स्ट’ पोर्टल को जरूरत है 18 पत्रकारों की, करें आवेदन
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से ‘समाचार फर्स्ट’ नाम का यह पोर्टल शुरू होने जा रहा है। अभी यह निर्माणाधीन है। ऐंड्रॉयड और iOS ऐप के साथ लोगों तक पहुंच बनाने के इरादे से इसे फरवरी के पहले हफ्ते में विधिवत लॉन्च किया जाएगा। इस पोर्टल का इरादा हिमाचल प्रदेश पर केंद्रित रहते हुए भारत और दुनिया की सभी जरूरी खबरों को लोगों तक पहुंचाना है।
फेसबुक के फ्रॉड 5 : जो वाकई में फ्री बेसिक्स है, वो फेसबुक के फ्री बेसिक्स में शामिल नहीं है
Rahul Pandey : मैं सोच रहा हूं उस वक्त और उस वक्त के रिजल्ट्स के बारे में, जब भारत के आम चुनाव कब होने चाहिए, कैसे होने चाहिए और क्यों होने चाहिए और उसका रिजल्ट क्या होना चाहिए, फेसबुक इस बारे में हमारे यहां के हर मॉल, नुक्कड़ और सड़कों पर बड़ी बड़ी होर्डिंग्स लगाएगा। यकीन मानिए, तब भी उसका यही कहना होगा कि वो जो कुछ कह रहा है, सही कह रहा है क्योंकि उसके पास भारत में पौने एक अरब यूजर्स हैं। मेरी मांग है कि मुझे कान के नीचे खींचकर एक जोरदार रहपटा लगाया जाए ताकि मैं इस तरह की वीभत्स और डरा देने वाली सोच से बाहर आ सकूं। मेरे देश के लोगों के अंग विशेष पर उगे बाल बराबर भी नहीं है ये कंपनी और किसी देश के बारे में ऐसा सोच रही है…एक्चुअली हम ही ढक्कन हैं और सिर्फ घंटा बजाने लायक हैं, अक्सर थामने लायक भी।
फेसबुक के फ्रॉड 4 : तीन सबसे बड़ी लुटेरी कंपनियों एयरटेल, रिलायंस और वोडाफोन की फेसबुक से यारी के मायने
Rahul Pandey : अब इसका क्या करेंगे? देशभर में जिन तीन कंपनियों के खिलाफ हम लोगों सहित प्राइवेट कंपनियों और सरकारी विभागों ने सबसे ज्यादा शिकायत की है, वो एयरटेल, रिलायंस और वोडाफोन है। इनकी कहानी तो याद होगी। रिलायंस भारत में इस फ्री के फ्रॉड के साथ साझेदारी कर रहा है तो अफ्रीका में एयरटेल पहिलेन फेसबुक के साथ फ्रॉड इंटरनेट डॉट ओआरजी लॉन्च कर चुका है और यहां भी किसी न किसी तरह से (चाहे सरकार में पैसे खिलाकर लांबिंग हो) अपना हिस्सा बनाएगा। अगर फेसबुक फ्री बेसिक्स का फ्रॉड काम कर गया तो पड़े करते रहिए इनके खिलाफ शिकायत, ये घंटा कुछ नहीं करने वाले। अभी भी कौन सा कुछ कर ही दे रहे हैं। कॉल ड्रॉप पर कोर्ट की कइयो फटकार के बावजूद क्या कॉल ड्रॉप होनी बंद हो गई?
फेसबुक के फ्रॉड 3 : भारतीयों को उल्लू बनाने के लिए एड कैंपेन पर सौ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर चुका है फेसबुक
Rahul Pandey : फेसबुक कह रहा है कि भारत में उसके बहुत ज्यादा यूजर्स हैं, इसलिए फ्री बेसिक्स का अधिकार उसे मिलना चाहिए। अंबानी अंकल का हाथ है तो पैसे की कोई कमी नहीं। फ्री बेसिक्स के लिए फेसबुक ने भारत में जो एड कैंपेन चलाई, उस पर सौ करोड़ रुपये (सोर्स-द वायर) से भी ज्यादा खर्च किया जा चुका है और अभी और भी खर्च होंगे। ये सारा का सारा पैसा भारतीयों को सिर्फ उल्लू बनाने के लिए खर्च हो रहा है।
फेसबुक के फ्रॉड 2 : दलाली में हिस्सा पाने की लाइन में लगे बीबीसी, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, एक्यूवेदर, बिंग सहित सौ से अधिक मीडिया हाउस
Rahul Pandey : आखिर क्या बात है जो मेनस्ट्रीम मीडिया फेसबुक के इस कदम का खुलकर विरोध नहीं कर पा रहा है। जो मेरी समझ में आ रहा है, उसमें दो बातें हैं। एक तो मेनस्ट्रीम मीडिया की समझदानी इंटरनेट को लेकर अभी बहुत ही कमजोर है। कई डिजिटल कॉन्फ्रेंसों में मैने मेनस्ट्रीम के लोगों को सुपर बेवकूफी के सवाल पूछते पाया, मसलन फेसबुक के लाइक कैसे बढ़ते हैं या खबर लोग कैसे शेयर करते हैं। दसूरी ये कि मीडिया मालिक पहले भी चुपचाप दलाली किया करते थे और इस बार भी इस बड़ी दलाली में हिस्सा पाने का ख़्वाब देख रहे हैं। वैसे चिंता की कोई बात नहीं है, फेसबुक ज्यादा बड़ा वाला है, वो खुद से जुड़ रहे मीडियावालों को कोई इनकम नहीं देने वाला।
फेसबुक के फ्रॉड 1 : मार्क जुकरबर्ग अब तक भारत के 32 लाख लोगों को धोखा दे चुके हैं!
Rahul Pandey : बराबरी का एक ही मतलब होता है दस नहीं। कान के नीचे खींच के रहपट धरे जाने का काम कर रहे फेसबुक के मालिक मार्क ज़करबर्ग से पूछेंगे तो वो सत्तर और मतलब बता देंगे कि बराबरी ये भी होती है, वो भी होती है और जो कुछ भी वाया फेसबुक हो, वही होती है। बराबरी के सत्तर गैर-बराबर कुतर्क जिसे वो फ्री बेसिक्स का नाम देकर हम पर थोपना चाह रहे हैं, उसके लिए वो हर किसी के बराबर से इतना गिर गए हैं कि उन्हें नीच कहना नीचता को मुंह चिढ़ाना होगा।
नेट न्यूट्रलिटी जरूरी… ताकि इंटरनेट का विस्तार न बाधित हो और इस पर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार न स्थापित हो
नेट न्यूट्रलिटी यानी बिना किसी अवरोध के अपनी इच्छा से इंटरनेट का उपभोग करने की स्वतंत्रता का मुद्दा एक बार फिर बहस में है. भारतीय टेलीकॉम नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) ने इस साल दूसरी दफे लोगों से इस मसले पर राय मांगी है. नेट न्यूट्रलिटी के विवाद के एक सिरे पर सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और कुछ इंटरनेट सेवा प्रदाता हैं तथा दूसरे सिरे पर इंटरनेट के इस्तेमाल की मौजूदा स्थिति को बरकरार रखने की मांग करते उपभोक्ता और कार्यकर्ता. फेसबुक और उसके साथ खड़े सेवा प्रदाताओं का कहना है कि वे बेसिक इंटरनेट सेवा के माध्यम से जरूरी साइटें और सेवाएं उन लोगों तक मुफ्त या कम शुल्क में पहुंचाना चाहते हैं, जो अभी तक इसका उपभोग नहीं कर पा रहे हैं या फिर सीमित रूप में करते हैं.
क्या गूगल, क्या माइक्रोसॉफ्ट और क्या फेसबुक… आप सबके लिए मोहरे हैं…
Sanjay Tiwari : इंटरनेट पर आजादी की दुहाई के दिन फिर से लौट आये हैं। फेसबुक अगर नयी तैयारी से मुफ्त सेवा देने के लिए कमर कसकर दोबारा लौटा है तो उसी फेसबुक पर उसकी इस मुफ्त सेवा का मुखर विरोध भी शुरू हो गया है। अच्छा है। जनता के हक हित और आजादी की मांग तो होनी ही चाहिए लेकिन आजादी की यह दुहाई थोड़ी बचकानी है। जिन दिनों फेसबुक मैदान में उतरा ही था उन दिनों भी कहा गया था कि यह प्राइवेसी में बहुत बड़ी सेंध लग रही है। लेकिन सेंध क्या? फेसबुक ने तो पूरा पनारा ही खोल दिया। क्या हुआ प्राइवेसी का? यह जानते हुए कि आपकी प्राइवेसी को सचमुच खतरा है फिर भी क्या बिना फेसबुक एकाउण्ट बनाये रह सकते हैं आप?
आनलाइन एड एजेंसी झुकी, भड़ास के खाते में हफ्ते भर के विज्ञापन के लिए 70 डालर आए… चीयर्स
एक विदेशी आनलाइन एड एजेंसी ने 70 डालर मेरे एकाउंट में भेज दिए. काफी दिनों से बारगेनिंग चल रही थी. मैंने बहुत पहले तय कर लिया था कि बिना एडवांस लिए आनलाइन या आफलाइन, किसी एड एजेंसी वालों या किसी शख्स का विज्ञापन नहीं चलाउंगा क्योंकि विज्ञापन चलवाने के बाद पेमेंट न देने के कई मामले मैं भुगत चुका था. बकाया भुगताने के लिए बार बार फोन करने, रिरियाने की अपनी आदत नहीं रही. हां, इतना जरूर कुछ मामलों में किया हूं कि किसी रोज दारू पीकर बकाया पैसे के बराबर संबंधित व्यक्ति को फोन कर माकानाकासाका करके हिसाब चुकता मान लेता हूं. पर यह कोई ठीक तरीका थोड़े न है. इसलिए एक नियम बना लिया. बिना एडवांस कोई विज्ञापन सिज्ञापन नहीं. दर्जनों एड प्रपोजल इसलिए खारिज करता रहा क्योंकि आनलाइन एजेंसी को एडवांस पेमेंट वाला शर्त मंजूर न था. लेकिन आखिरकार एक एड एजेंसी झुकी और 70 डालर हफ्ते भर के विज्ञापन के लिए दे दिए.
वो चार कारण जिसके चलते हिंदी वेब मीडिया अपनी चमक खो रहा है…
हिंदी न्यूज वेब मीडिया का बिजनेस जिस एनर्जी के साथ आगे बढ़ रहा था, वह फिलहाल मुझे कम होता दिख रहा है। इस इंडस्ट्री में मेरी शुरुआत 2012 के जनवरी में हुई थी और 2015 के मार्च में मैंने इंडस्ट्री छोड़ दी। इन तीन सालों में कभी ऐसा नहीं लगा कि हिंदी न्यूज वेब का बिजनेस मंदा होगा। ऐसा लग रहा था कि इसमें ही पत्रकारिता और पत्रकारों का भविष्य है। लेकिन 2015 के आखिरी महीनों में मामला उल्टा नजर आ रहा है। मैंने यह जानने की कोशिश की आखिर क्यों मुझे लग रहा है कि हिंदी वेब मीडिया अपनी चमक खो रहा है। कुछ वजह नजर आए –
विस्फोट डाट काम के बाद अब मीडिया खबर डाट काम भी निष्क्रिय मोड में
मीडियाखबर डाट काम वेबसाइट से मीडिया के काफी लोग परिचित हैं. पुष्कर पुष्प इसे संचालित करते हैं. मीडिया इंडस्ट्री से जुड़ी खबर देने वाली यह वेबसाइट भड़ास से भी पुरानी है और पुष्कर पुष्प के निजी प्रयासों से संचालित है. लेकिन 18 अगस्त के बाद से इस पर एक भी नई खबर अपलोड नहीं हुई है. 18 अगस्त को भी सिर्फ एक खबर प्रकाशित दिख रही है. उसके पहले 27 जुलाई को एक खबर और उससे भी पहले 20 जुलाई को कुछ खबरें छपी हैं. साइट के निष्क्रिय मोड में चले जाने से मीडिया के ढेर सारे लोगों में निराशा है.
कृपाशंकर के SarajhanLive.com की लांचिंग अनिल चमड़िया के हाथों हुई
झमाझम बारिश के बावजूद हिंदी न्यूज़ पोर्टल www.sarajhanlive.com की लॉन्चिंग इंडिया गेट पर सोमवार की शाम सम्पन्न हुई। पोर्टल की लॉन्चिंग करते हुए हिंदी के वरिष्ठ जुझारू पत्रकार अनिल चमड़िया ने कहा कि वेबसाइट की दुनिया बहुत बड़ी है और इसका सरोकार काफी लम्बा-चौड़ा है। आने वाले वक़्त में इसकी जरुरत ज्यादा महसूस की जाएगी। वेबसाइट दृष्टि और मेहनत का खेल है, जिसने इस सूत्र को जाना, वह मीर।
सोशल मीडिया पर साइबर गुंडागर्दी से बचने का एक ही तरीका है…
Dilip C Mandal : सोशल मीडिया पर साइबर गुंडागर्दी से बचने का एक ही तरीका है कि आप बचने की कोशिश न करें। आप बच जाएँगे।
क्या भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति अपने देश के नागरिको को ‘ऑनलाइन गुंडा’ कहकर संबोधित करेंगे!
NDTV के पत्रकार रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखना छोड़ ही दिया था अब फेसबुक पर लिखना भी बंद कर दिया। कारण दिया सोशल मीडिया पर गुंडागर्दी। रवीश कुमार आप या आपके समर्थक पत्रकार कुछ भी कहे लेकिन, सोशल मीडिया’ सहमति,असहमति और विरोध का माध्यम है और रहेगा। पिछले 2 दशकों से जिस प्रकार आप लोगों ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से देश की जनता पर अपने एक विचारो को थोपते चले आ रहे हैं, ‘सोशल मीडिया’ आ जाने से लोगो को एक ताक़त मिली है कि आप लोगो से भी प्रश्न कर सके। आप लोग अभी तक एकतरफा पत्रकारिता करते हुए जनता को गुमराह कर रहे थें, ‘सोशल मीडिया’ द्वारा जनता आपसे प्रश्न करती है तो आप उन्हें ‘राष्ट्रवादी गुंडा’ कहकर बुलाते हैं।
Flipkart पर कुछ भी ऑर्डर करने से पहले मेरी कहानी सुनिए
31 अगस्त 2015 का दिन. मेरे दिल में एक स्मार्टफोन लेने का विचार आया. मैं इंटरनेट पत्रकार हूं तो ये मेरे लिए काफी ज़रूरी भी था. मेरा पुराना स्मार्टफोन मेरी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा था और काम काफी प्रभावित हो रहा था. जो स्मार्टफोन मेरे बजट में था वह Flipkart पर बिक्री के लिए उपलब्ध था. मैंने Flipkart को एक मोटो-ई सेकेंड जेनरेशन फोन ऑर्डर कर दिया. मेरी परेशानी की शुरुआत यहीं से हुई.
28 अगस्त के दिन इंटरनेट का इस्तेमाल बिलकुल न करें
आओ आज एक संकल्प लें। 28 अगस्त के दिन इन्टरनेट का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करेंगे। हाल ही में टेलीफोन कम्पनियों के द्वारा मोबाइल डाटा के दाम बढा दिये गये हैं। जो इन्टरनेट पैक पहले 58 रुपये में 2GB मिलता था, वो अब 155 में 1GB रह गया था और अब पिछले हफ्ते कम्पनी ने दाम फिर बढा दिये हैं। अब 155 रुपये में 500MB डाटा।
इस साल के अंत तक दुनिया की आधी आबादी जुड़ जाएगी इंटरनेट से
इस साल के आख़िर तक दुनिया की कुल जनसंख्या में से आधे लोग इंटरनेट से जुड़ चुके होंगे. संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन (आईटीयू) की एक रिपोर्ट में अनुमान है कि 3.2 अरब से ज़्यादा लोग ऑनलाइन हो चुके होंगे, फिलहाल दुनिया की जनसंख्या 7.2 अरब है. इनमें विकासशील देशों के तकरीबन दो अरब लोग शामिल हैं. लेकिन सबसे कम विकसित देशों की सूची में शामिल नेपाल और सोमालिया से सिर्फ 8 करोड़ 90 लाख लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएंगे.
Facebook opens up Internet.org platform amid net neutrality debate in India
Mumbai: Facebook is launching an open platform for online content and application developers to join its Internet.org service, in a move the social media giant said would boost efforts to get people online in low-income and rural areas in emerging markets.
आप बताइए, क्या अरविंद केजरीवाल और उनके विधायक अपने इलाके में काम कर रहे हैं?
आप जमीनी हकीकत देखने जानने के बाद www.mpreportcard.com पर दिल्ली के MLA और MP को वोट दीजिए… फिलहाल सिर्फ दिल्ली के MP और MLA के लिए वोटिंग खुली है… अपने MLA या MP को वोट करने के लिए होम पेज पर search and vote for MLA या Search and vote for MP पर क्लिक करें… फिर फ्रंट पेज पर खुलने वाली विंडो में अपने MLA या MP को Name, Constituency, Party या State से ढूंढें। फिर अपने MLA या MP के नाम पर क्लिक करके सवालों पर पहुंचे। MLA या MP को उनके काम के आधार पर नंबर्स दें। अपना मोबाइल नंबर और उस पर आया वेरिफिकेशन कोड डालें और वोट का बटन दबाएं। 5 मई तक खुली है और नतीजे 10 मई को घोषित किए जाएंगे। फिलहाल सिर्फ दिल्ली के MP और MLA की रेटिंग की जा रही है। दूसरे राज्यों के लिए वोटिंग 10 मई से शुरु की जाएगी।
नेट न्यूट्रैलिटी : मामला वसूली का, इंटरनेट यूजर हैं तो इसका मतलब जरूर जान लीजिए
इंटरनेट पर की जाने वाली फ़ोन कॉल्स के लिए टेलीकॉम कंपनियां अलग कीमत तय करने की कोशिशें कर चुकी हैं. कंपनियां इसके लिए वेब सर्फिंग से ज़्यादा दर पर कीमतें वसूलना चाहती थीं. इसके बाद टेलीकॉम सेक्टर की नियामक एजेंसी ‘ट्राई’ ने आम लोगों से ‘नेट न्यूट्रैलिटी’ या ‘इंटरनेट तटस्थता’ पर राय मांगी है. देश भर में इस सवाल पर बहस छिड़ी हुई है. ऐसे में इससे संबंधित कुछ बातों को हर इंटरनेट यूजर को समझना चाहिए.
The problem is that if the ISP restricts or obstructs my access to sites which dont pay the ISP
Sushant Sareen : Can someone explain this whole netneutrality issue to me? from the cacophony on TV and web all I have been able to figure out is this: I currently pay a certain sum to use an X amount of data. Now I could browse news sites, porn sites, religious sites or whatever else but for ever site I access i expend some of the data I have bought. if however, say a newspaper or a TV channel pays my ISP a sum of money, then I could browse their site, download or whatever else without paying anything. Up to this point I dont see a problem. If all the big shots pay the ISP money so I can browse their sites for free, I would imagine thats good for me.
इंटरनेट कंज्यूमर की आजादी पर खतरा, अलग सर्विस के लिए कसेगा अलग पैक्स का शिकंजा
इंटरनेट पर सर्फिंग, स्पीड को और सर्विस के लिए अब अलग से पैकेज खरीदने को लेकर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां हरकत में आ रही हैं। भारती एयरटेल और फ्लिपकार्ट की डेटा डील में एयरटेल के प्लेटफॉर्म, जिसका नाम एयरटेल जीरो है, पर फ्लिपकार्ट के एप्प को खास अहमियत मिलेगी। इस डील को कंज्यूमर विरोधी माना जा रहा है। यानी अब इंटरनेट पर आम आदमी की आजादी खतरे में है। इंटरनेट पर अलग-अलग सर्विसेस के लिए अलग-अलग पैक्स की शर्तों का पालन करना पड़ेगा।
bhadash4media से वैकल्पिक मीडिया की ताकत मिली तो लांच कर दिया ऑनलाइन चैनल ‘newsnationonline’
”आदरणीय यशवंत जी, प्रभु कृपा और आपके आशीर्वाद से अपना वेब न्यूज़ चैनल ‘न्यूज़ नेशन ऑनलाइन’ के नाम से लांच कर दिया हैं। इस बारे आपसे फ़ोन पर भी बात हुई थी। bhadash4media ने ही हमे यह ताकत दी वरना मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुआ एक अदना पत्रकार यह कैसे साहस कर सकता था।
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिन्दुस्तानी न्यू जर्सी के अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में इंटरनेट की भाषा पर व्याख्यान देंगे
इन्दौर। वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिन्दुस्तानी 3 से 5 अप्रैल 2015 को न्यू जर्सी में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में वक्ता के रूप में आमंत्रित किए गए है। वे हिन्दी इंटरनेट की भाषा विषय पर व्याख्यान और उपस्थित श्रोताओं के सवालों के जवाब देंगे। इस अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन का आयोजन न्यूू जर्सी की रटगर्स यूनिवर्सिटी में होगा। इस सम्मेलन में रटगर्स यूनिवर्सिटी, भारतीय दूतावास और हिन्दी संगम नामक संस्था मिलकर कर रही है।
नोएडा से संचालित हो रहे न्यूजलोक पोर्टल ने युवा पत्रकार मनोज जोशी के साथ ठीक नहीं किया… पढ़ें पूरी दास्तान
Sir, My name is Manoj Joshi, I spoke to you yesterday about how my boss sacked me within five days of hiring. I’ve shared my problem in the letter enclosed with this mail. Suggest me how can I be paid my dues.
गूगल एडसेंस Google AdSense आ गया हिंदी ब्लॉगरों के लिए, करें घर बैठे कमाई
अगर आप हिन्दी ब्लॉगर है और अपने चिट्ठे (ब्लॉग) से कमाई करना चाहते हैं तो आपके लिए गूगल एडसेंस Google AdSense बहुत ही बढ़िया ख़ुशखबरी लाया है। दरअसल गूगल एडसेंस (Google AdSense)ने दिसम्बर 2014 से अपने विज्ञापन प्रदर्शित करने के लिए समर्थित भाषाओं (Supporting Languages) में हिन्दी (Hindi) भाषा को भी शामिल कर दिया है। यानि इसका मतलब अब ये हुआ कि आप अब अपने हिन्दी चिट्ठे से भी कमाई कर सकते हैं।
गूगल ट्रांसलेशन प्रतियोगिता के ये हैं 100 विजेता, हिंदी भाषा के लिए एडसेंस शुरू करेगा गूगल
Khushdeep Sehgal : गूगल ट्रांसलेशन प्रतियोगिता में Sangita Puri जी, GK Awadhia ji और भाई Vivek Rastogi समेत सभी 101 विजेताओं को एंड्रायड फोन जीतने के लिए बहुत बहुत बधाई… आज पूरा दिन गूगल के ऑफिस में रहने का सौभाग्य मिला… एक खुशख़बरी और कि हिंदी के लिए एडसेंस बहुत जल्दी (इसी महीने) शुरू हो जाएगा… ट्रांसलेशन के सारे विजेताओं की लिस्ट इस प्रकार है-
सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती और उनकी दरगाह पर हिन्दी का पहला वेब न्यूज पोर्टल तैयार हो रहा
पिछले एक दो साल से लगातार यह उधेड़बुन थी कि मीडिया के क्षेत्र में ही ऐसा कुछ किया जाना चाहिए जो नया हो। नए मीडिया न्यूज पोर्टल से थोड़ा आगे, थोड़ा हटकर और थोड़ा बहुआयामी भी। वेबसाइट, न्यूज पोर्टल, न्यूज सोर्स, रिसर्च कुलमिलाकर ऐसा ही कुछ। विषय की तलाश अपने शहर अजमेर में ही पूरी हो गई। सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती और उनकी दरगाह। कुछ और भी वजह रहीं। ना गांठ में पैसा था और ना ही कोई संसाधन। बस कर दी शुरूआत। इस सच्चाई को स्वीकारने में कतई संकोच नहीं है कि इसकी शुरूआती प्रेरणा भड़ास के भाई यशवंत से मिली। उन्होंने भड़ास पर कई मर्तबा पत्रकार साथियों को इस बात के लिए प्रेरित किया है कि वे नए मीडिया में आगे आएं। उनकी इस सोच का ही परिणाम Media4Khwajagaribnawaz.com है।
दो मीडियाकर्मियों सुधीर सिंह उजाला और राजेंद्र सिंह जादौन ने अपनी-अपनी वेबसाइट शुरू की
पत्रकार सुधीर सिंह उजाला ने ‘न्यूज फास्ट इंडिया’ नाम से वेबसाइट शुरू की है. सुधीर गाजीपुर जिला के पहराजपुर के मूल निवासी हैं. टीडी कॅालेज, बलिया से उच्च शिक्षा ली. फिर दैनिक जागरण और अमर उजाला में काम किया. ईटीवी में फोल्क जलवा कार्यक्रम से जुड़े रहे. मैजिक टीवी में प्रोडक्शन और मार्केटिंग का काम देखा. लाइफस्टाइल टीवी पटना के भी हिस्से रहे. अब इन्होंने NewsFastIndia.com नाम से न्यूज पोर्टल की शुरुआत की है.
पोर्न वेबसाइट बंद करना है तो दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स जैसी तथाकथित समाचार वेबसाइट को भी इसके दायरे में लाएं
Vineet Kumar : अगर सरकार सचमुच पोर्न वेबसाइट बंद करना चाहती है तो दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स जैसी तथाकथित समाचार वेबसाइट को भी इसके दायरे में लाए. लगभग सारे मीडिया संस्थानों की दूकानदारी इसी के बूते चलती है..त्वचा से जुड़ी समस्या से लेकर सौन्दर्य तक की अंडरटोन वही होती है जिससे सरकार के अनुसार हमारे संस्कार खत्म हो रहे हैं..पोर्न वेबसाइट को रेखांकित करने के साथ-साथ ऐसी वेबसाइट के भीतर की पोर्नोग्राफी एफेक्ट कंटेंट को बहस के दायरे में शामिल करना बेहद जरूरी है.
लुटेरी मोबाइल कंपनियों को सबक सिखाएं, 31 अक्टूबर को मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल न करें
सोशल मीडिया पर इन दिनों के शानदार काम किया जा रहा है. एक कंपेन चलाया जा रहा है मोबाइल कंपनियों की मनमानी के खिलाफ. डाटा पैक यानि मोबाइल इंटरनेट पैक के रेट बढ़ाने के खिलाफ 31 अक्टूबर के दिन मोबाइल पर इंटरनेट न यूज करने का आह्वान किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि अगर हम सब एक दिन भी मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं तो मोबाइल कंपनियों दो अरब रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा.
एबीपी न्यूज का घटियापना… एक अच्छे कैंपेन की घटिया हेडिंग….
Abhishek Mehrotra : कब तक हम पत्रकार इस तरह की बिकाऊ हेडिंग लगा लगा कर एक अच्छे कैंपेन को चीप बनाने की कोशिश करते रहेंगे। एक तर्क ये भी है कि चीप हेडिंग की वजह से ये खबर पढ़ी जाएगी, पर आज मुझे याद आ रही है नरेंद्र पाल सिंह NP Sir की वो बात कि ‘मर्डर’ जैसी फिल्में भी लोकप्रिय होती है और ‘तारे जमीं पर’ भी। पर ‘तारें जमीं पर’ कभी-कभी बनती है और ‘मर्डर’ जैसी कई फिल्में बन जाती हैं। इसलिए कम से कम सकारात्मक खबरों को हमें ‘मर्डर’ स्टाइल में नहीं बल्कि ‘तारे जमीं पर’ के स्टाइल में पेश करना चाहिए। साथीगण चाहे तो इस खबर के लिए अच्छी हेडलाइन उपलब्ध करा सकते हैं…
प्रेस क्लब आफ इंडिया की वेबसाइट पाकिस्तानियों ने की हैक, साइबर सेल में मुकदमा दर्ज
पाकिस्तान से गरमा-गरमी के इस दौर में पाकिस्तानी हैकरों ने भारतीय मीडिया पर निशाना साधते हुए प्रेस क्लब आफ इंडिया की वेबसाइट को हैक कर लिया है. पाकिस्तानी हैकर्स ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की वेबसाइट को हैक करने के बाद इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर नकारात्मक और अश्लील कमेंट किया है. साथ ही हैकर्स ने साइट पर पाकिस्तान का झंडा लगा दिया है. यहां ‘फ्री कश्मीर’ के लिए संदेश भी लिखे हैं. हैकरों ने लिखा है कि उनका अगला निशाना भारत सरकार की वेबसाइट है.
लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल पर देख पायेंगे इंटरनेट के बिना टीवी चैनल
यात्रा के दौरान यदि आप टीवी देखना चाहें और आपका मोबाइल फोन इंटरनेट से नहीं जुड़ा है या कनेक्शन कैच नहीं कर पा रहा है, तो भी आप टीवी देख पायेंगे. दूरदर्शन इस नयी तकनीक का तेजी से परीक्षण कर रहा है. दूरदर्शन के अधिकारी एम एस दुहन का कहना है कि दूरदर्शन अपने ग्राहकों को अच्छी क्वालिटी का प्रसारण मुफ्त मुहैया करायेगा. नयी योजना के तहत दूरदर्शन से प्रसारित किये जाने वाले कार्यक्रम अब आप न केवल टीवी पर, बल्कि मोबाइल फोन पर भी देख सकते हैं. फिलहाल ग्राहकों के पास टेलीविजन देखने के लिए डिश, केबल और एंटीना का विकल्प है. प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सिरकार ने हाल ही में बताया है कि उपभोक्ताओं को टेलीविजन के लिए चौथा विकल्प भी मुहैया कराया जायेगा, जो डिजिटल एंटीना के रूप में होगा.