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500 एआईआर कर्मियों को चार महीनों से नहीं मिला वेतन, यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठाने की मिल रही सज़ा

नई दिल्ली। ऑल इंडिया रेडियो के करीब 500 कर्मचारियों के लिए आने वाली दीपावली काली हो सकती है। एफएम गोल्ड, एफएम रेनबो और अन्य रेडियो स्टेशनों के रेडियो जॉकियों, प्रस्तोताओं और अन्य कर्मचारियों को पिछले चार महीनो से वेतन नहीं मिला है। इन सबके वेतन की करीब एक करोड़ रुपए की रकम जून से बकाया है लेकिन इस देरी का कोई भी संतोषजनक कारण नहीं बताया जा रहा है।

<p>नई दिल्ली। ऑल इंडिया रेडियो के करीब 500 कर्मचारियों के लिए आने वाली दीपावली काली हो सकती है। एफएम गोल्ड, एफएम रेनबो और अन्य रेडियो स्टेशनों के रेडियो जॉकियों, प्रस्तोताओं और अन्य कर्मचारियों को पिछले चार महीनो से वेतन नहीं मिला है। इन सबके वेतन की करीब एक करोड़ रुपए की रकम जून से बकाया है लेकिन इस देरी का कोई भी संतोषजनक कारण नहीं बताया जा रहा है।</p>

नई दिल्ली। ऑल इंडिया रेडियो के करीब 500 कर्मचारियों के लिए आने वाली दीपावली काली हो सकती है। एफएम गोल्ड, एफएम रेनबो और अन्य रेडियो स्टेशनों के रेडियो जॉकियों, प्रस्तोताओं और अन्य कर्मचारियों को पिछले चार महीनो से वेतन नहीं मिला है। इन सबके वेतन की करीब एक करोड़ रुपए की रकम जून से बकाया है लेकिन इस देरी का कोई भी संतोषजनक कारण नहीं बताया जा रहा है।

कर्मचारी परेशान है क्योंकि त्योहारों का मौसम शुरु हो चुका है, उन्हे उम्मीद थी कि ईद तक उनका बकाया वेतन मिल जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्रबंधन द्वारा संभावित उत्पीड़न के डर से कोई भी कर्मचारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। प्रसार भारती के मुख्य सलाहकार का कहना है कि उन्हे इस विषय में विस्तार से जानकारी नहीं है लेकिन वे इसमें हस्तक्षेप करेंगे। वहीं एआईआर के महानिदेशक एफ शहरयार का कहना है कि उन्हे कर्मचारियों को वेतन न मिलने के मामले की जानकारी नहीं है।

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कुछ कर्मचारियों का कहना है कि पहले वेतन समय से मिल जाया करता था लेकिन मार्च 2013 में जब यौन उत्पीड़न के मामलों की शिकायत की गई और मामला सार्वजनिक हुआ तब से वेतन देने में अनियमितता बरती जाने लगी।

गौरतलब है कि मार्च 2013 में करीब 25 कर्मचारियों ने एआईआर प्रबंधन के कुछ वरिष्ठों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। कर्मचारियों की शिकायतों की जांच के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। लेकिन इस मामले में जिन लोगों को निलंबित किया गया था उन्हे कुछ समय बाद पदों पर वापस ले लिया गया। 

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