वही हुआ जिसकी आशंका थी. तानाशाही दिखाते हुए सत्ता के नशे में चूर अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी से प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजित झा को निकाल बाहर कर दिया है. इन सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और घोर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है. इसके पहले इन नेताओं को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इन नेताओं को पार्टी से निकाले जाने का फैसला लेने का नाटक राष्ट्रीय अनुशासन समिति ने किया. समिति का कहना है कि वह कारण बताओ नोटिस के लिए मिले जवाब से संतुष्ट नहीं है.
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता दीपक बाजपेयी ने बताया कि पार्टी की राष्ट्रीय अनुशासन समिति ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजित झा को निकालने का फैसला किया है. उन्हें घोर अनुशासनहीनता, पार्टी विरोधी गतिविधियों और पार्टी की आचार संहिता के उल्लंघन करने के कारण निष्कासित किया गया है. बागी नेताओं को ‘स्वराज संवाद’ आयोजित करने का कारण बताने के लिए 17 अप्रैल को नोटिस जारी किया गया था. भूषण पर दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को हराने के लिए काम करने का आरोप लगाया गया था. उन पर पार्टी से अलग हुए धड़े ‘अवाम’ का समर्थन करने का भी आरोप लगाया गया. प्रशांत भूषण ने आज इस नोटिस को लेकर पलटवार करते हुए राष्ट्रीय अनुशासन समिति (एनडीसी) के सदस्य पंकज गुप्ता पर संदिग्ध कंपनियों से चंदा लेने और आशीष खेतान पर एक कंपनी का पक्ष लेते हुए ‘पेड न्यूज़’ स्टोरी करने का आरोप लगाया था.
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