Anurag Anant : अरविंद केजरीवाल ने सिद्ध कर दिया है, जनभावनाओं को वो अनाथ खेत मानते हैं और जब मन करता जोत लेते हैं, जब मन करता है। कुछ बो देते हैं, फसल काट लेते हैं, गाय-भैंस छोड़ देते हैं चरने के लिए। विकास की थोथी अभिधारणा रचने में लगे हुए बौनों आदमियों का समूह …
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जब केजरी पार्टी ‘पीटी’ जा रही थी तो कांग्रेसी उपदेश देते थे, अब कांग्रेसी ‘मारे’ जा रहे तो आपिये आइना दिखाने लगे!
Sheetal P Singh : अनुभवी लोग… अहमद पटेल पर बन आई तो अब बहुतों को लोकतंत्र याद आ रहा है ………आना चाहिये पर शर्म भी आनी चाहिये कि जब बीते ढाई साल यह बुलडोज़र अकेले केजरीवाल पर चला तब अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेसी राज्यपाल के अधिकारों के व्याख्याकारों की भूमिका में क्यों थे? जब एक बेहतरीन अफ़सर राजेन्द्र कुमार को सीबीआई ने बेहूदगी करके सिर्फ इसलिये फँसा दिया कि वह केजरीवाल का प्रिंसिपल सेक्रेटरी था तब भी लोकतंत्र की हत्या हुई थी कि नहीं? जब दिल्ली के हर दूसरे आप विधायक को गिरफ़्तार कर करके पुलिस और मीडिया परेड कराई गई तब भी यमुना दिल्ली में ही बह रही थी! तब कांग्रेसी बीजेपी के साथ टीवी चैनलों में बैठकर केजरीवाल को अनुभवहीन साबित कर रहे थे! अब अनुभव काम आया?
चंदा और सरकारी धन के खर्च का हिसाब क्यों नहीं देती ‘आप’?
आम आदमी पार्टी का ताज़ा विवाद गौर तलब है. इससे एक बार फिर टीम अन्ना और अरविंद केजरीवाल की चौकड़ी के भ्रष्टाचार से लड़ने के उन खोखले दावों की पोल खुल कर सामने आ गई है, जो वे पिछले 5 सालों से करते आ रहे थे. कपिल मिश्रा के आरोपों से पहले दिल्ली से लेकर पंजाब तक आम आदमी पार्टी पर तरह-तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन के दौरान खुद अन्ना हजारे ने केजरीवाल द्वारा चंदे का हिसाब नहीं देने का सवाल उठाया था. उससे भी पहले यह सच्चाई सबके सामने आ चुकी थी कि केजरीवाल सरकार का 9 लाख रूपया दबा कर बैठे थे.
दिल्ली में निगम चुनाव ‘आप’ हारी तो विधानसभा का मध्यावधि चुनाव संभव
Akhilesh Akhil : दिल्ली में मध्यावधि चुनाव की संभावना! क्या दिल्ली में विधानसभा चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं? निगम चुनावों में अगर आप का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो उसमें तोड़फोड़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। माना जा रहा है कि आप के कई विधायक टूट सकते है। इसके अलावा आप के 21 विधायकों के खिलाफ चुनाव आयोग में लाभ के पद का मामला लंबित है। अगर इनकी सदस्यता ख़त्म हो गयी तो जाहिर मध्यावधि चुनाव संभव है। माना जा रहा है कि 21 विधायकों पर जल्द ही फैसला होना है।
इस हार के लिए केवल केजरीवाल और सिसोदिया जिम्मेदार हैं
Asrar Khan : दिल्ली के राजौरी गार्डन विधान सभा उप चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी की शर्मनाक हार और भाजपा की जीत तथा कांग्रेस का दूसरे स्थान पर आना शायद इस बात का संकेत हो सकता है कि आम आदमी पार्टी जल्द ही ख़त्म हो जाएगी और कांग्रेस एवं भाजपा फिर से यहां की मुख्य पार्टियां बन जाएंगी…
दिल्ली में ‘आप’ सरकार को न कुचला गया तो बीस वर्षों तक भाजपा यहां सत्ता में न आ पाएगी!
Om Thanvi : दिल्ली में आप सरकार के दो वर्षों के कामकाज पर हिंदुस्तान टाइम्स में छपा वृहद सर्वे बताता है कि लोग मानते हैं राजधानी में भ्रष्टाचार घटा है और शिक्षा, चिकित्सा, जल-आपूर्ति और बिजली-प्रबंध के क्षेत्रों में बेहतर काम हुआ है। और, दिल्ली सरकार की यह छवि दो वर्षों तक नजीब जंग की अजीब हरकतों के बावजूद बनी है, जिन्होंने केंद्र सरकार की गोद में बैठकर निर्वाचित शासन के काम में भरसक रोड़े अपनाए।
गुजरात में ‘आप’ की लहर, सूरत की सफल रैली से भाजपा नेताओं को आए पसीने
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह सूरत में हैं. वहां से उन्होंने जो हालात बयान किया उससे तो यही लगता है कि आम आदमी पार्टी की अंदरखाने गुजरात में लहर है. भारतीय जनता पार्टी के कुशासन, भ्रष्टाचार और दमन से सिहरे हुए गुजरात के लोग अब केजरीवाल के शरण में जा रहे हैं. सूरत रैली में उमड़ी भीड़ ने काफी कुछ स्पष्ट कर दिया है. शीतल कहते हैं- ”इस भीड़ का असर मौक़े पर मौजूद लोगों से सैकडों गुना ज्यादा उस अवाम पर होगा जो डराया हुआ है और दूर से बैठकर इसकी कामयाबी की दुआएँ पढ़ रहा है”.
‘आप’ सिद्धू को सीएम का चेहरा बना रही तो इससे उसकी दरिद्रता ज़ाहिर होती है : ओम थानवी
Om Thanvi : क्या आप पार्टी सचमुच नवजोत सिद्धू को पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा बना रही है? अगर ऐसा है तो इससे आप पार्टी की दरिद्रता ही ज़ाहिर होती है। जैसा कि सुनते हैं, पंजाब में पार्टी की ज़बरदस्त साख पहले ही क़ायम हो चुकी है। फिर सिद्धू उसे क्या भोगने आ रहे हैं? ‘आप’ भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा से दूर रहते हुए पनपी पार्टी है। जबकि सिद्धू हिंसा के ऐसे मामले में शामिल रहे हैं, जिसमें उनके ही शहर के एक नागरिक को जान से हाथ धोना पड़ा था।
सम-विषम के नाम पर आम जनता को परेशान करने के लिए अड़ गई आम आदमी पार्टी की सरकार
Sanjaya Kumar Singh : पत्नी और सरकार के आगे तर्क!! दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए जांच के तौर पर शुरू की जा रही सम विषम नंबर की कारों को सम विषम तारीखों को ही चलने देने के फैसले की घोषणा में इतनी छूट है कि – यह प्रयोग सफल हो या असफल कोई खास मतलब नहीं है। सम-विषम नंबर के नाम पर असल में दिल्ली की आबादी को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। एक आबादी जो इससे बेसर है। चाहे वह वीआईपी हो या मोटरसाइकिल चलाने वाली या महिलाएं। दूसरी आबादी इससे प्रभावित होने वालों की है और यह दिल्ली में रोज दफ्तर आने जाने वालों का है जो सबसे ज्यादा परेशानी झेलेगी। चूंकि मामला स्थायी नहीं है इसलिए परेशानी और ज्यादा है। वरना परेशान होने वाला अपने लिए कोई इंतजाम करता।
‘आप’ सरकार ने दिल्ली में श्रम विभाग के अफसरों को चोर मीडिया मालिकों को सबक सिखाने की खुली छूट दी
Yashwant Singh : दिल्ली राज्य में कार्यरत मीडियाकर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड न दिए जाने को लेकर श्रम विभाग ने मीडिया हाउसों को धड़ाधड़ चांटे मारना शुरू कर दिया है. ऐसा दिल्ली की केजरीवाल सरकार की सख्ती के कारण हो रहा है. सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने श्रम विभाग के अफसरों को साफ-साफ कह दिया है कि किसी का मुंह न देखें, कानूनन जो सही है, वही कदम उठाएं.
क्या ‘प्याज’ घोटाला छिपाने के लिए दिया गया फुल पेज का विज्ञापन?
नई दिल्ली: प्याज को लेकर घोटाले के आरोपों से घिरी दिल्ली सरकार ने घोटाले के आरोपों को नकार दिया है. लेकिन आज केजरीवाल सरकार ने अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन छापकर आजतक चैनल पर निशाना साधते हुए बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने कहा है कि करोड़ों का विज्ञापन देकर सरकार ने प्याज घोटाला छुपाने की कोशिश की है. केजरीवाल सरकार पर सस्ते में प्याज खरीदकर जनता को महंगा बेचने का आरोप लगा है. बड़ा सवाल ये है कि प्याज में घोटाला हुआ या नहीं.
प्याज घोटाले का आरोप लगने पर केजरीवाल सरकार ने आजतक न्यूज चैनल पर निशाना साधते हुए अखबारों में निकाला पूरे पेज का विज्ञापन
नई दिल्ली। दिल्ली में केजरीवाल सरकार पर कम दामों में प्याज खरीदकर ज्यादा दामों में बेचने के आरोप लगने के बाद आप की सफाई आई है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि हमने प्याज 32.86 रुपए में खरीदे और बाजार में अपनी जेब से पैसे भरते हुए कम कीमत पर बेचे। जबकि केंद्र सरकार 33 रुपए में खरीदा प्याज ज्यादा दामों में बेच रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब लोगों का ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। मीडिया को कागज दिखाते हुए उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि हमने केंद्र की एजेंसी एसफएसी से प्याज खरीदे थे।
आम आदमी पार्टी ने ऐसा किया होता हाहाकार मच जाता
यदि आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसा किया होता तो अब तक हाहाकार मच जाता कि पत्रकारों पर नकेल डाली जा रही है!
बड़बड़िया न्यूज चैनलों की अब कड़ी निगरानी करेगी दिल्ली सरकार
मीडिया पर आम आदमी पार्टी को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाने के चंद रोज बाद अब अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह तमाम न्यूज चैनलों के कॉन्टेंट पर कड़ी निगाह रखेगी । दिल्ली सरकार ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे टीवी चैनलों पर ब्रॉडकास्ट होने वाले कॉन्टेंट को मॉनिटर करें। इस संबंध में डायरेक्टरेट ऑफ इन्फर्मेशन ऐंड पब्लिसिटी (डीआईपी) के अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि वे सुबह 9 बजे से रात 11 बजे के बीच टीवी चैनलों पर प्रसारित कॉन्टेंट को मॉनिटर करें।
आशू के आंसू : उस दिन तो साढ़े तीन सौ घरों के चूल्हे बुझ जाने पर भी नहीं रोए थे आशुतोष
जब आईबीएन7 से साढ़े तीन सौ लोग निकाले गए थे और इनके घरों का चूल्हा अचानक ठंडा पड़ गया था तब मैनेजिंग एडिटर पद पर आसीन आशुतोष के आंसू तो छोड़िए, बोल तक नहीं फूटे थे. धरना प्रदर्शन सब हुआ लेकिन आशुतोष चुप रहे. आजकल वे अक्सर टीवी शोज में कहते रहते हैं कि मैं नौकरी छोड़कर राजनीति में आया… पर हम लोगों को पता है कि आशुतोष को निकाला जाना था… कारपोरेट में एक वाक्य होता है स्मूथ एक्जिट. यानि लात मार कर निकाले जाने से पहले सम्मानजनक तरीके से खुद छोड़ देने की प्रक्रिया.
‘आप’ से बाहर किए गए योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, आनंद कुमार और अजित झा
वही हुआ जिसकी आशंका थी. तानाशाही दिखाते हुए सत्ता के नशे में चूर अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी से प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, आनंद कुमार और अजित झा को निकाल बाहर कर दिया है. इन सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और घोर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है. इसके पहले इन नेताओं को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इन नेताओं को पार्टी से निकाले जाने का फैसला लेने का नाटक राष्ट्रीय अनुशासन समिति ने किया. समिति का कहना है कि वह कारण बताओ नोटिस के लिए मिले जवाब से संतुष्ट नहीं है.
आशीष खेतान के लिखे पेड न्यूज पर ‘तहलका’ को तीन करोड़ रुपये मिले थे!
इन दिनों आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान जब तहलका मीडिया हाउस में पत्रकार हुआ करते थे तो उन्होंने एस्सार कंपनी के पक्ष में पेड न्यूज लिखा था. इस पेड न्यूज के एवज में तहलका को तीन करोड़ रुपये मिले थे. ये आरोप लगाए हैं ‘आप’ के बागी नेता प्रशांत भूषण ने. उन्होंने पार्टी नेता आशीष खेतान पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि 2 जी मामले में खेतान ने एस्सार के समर्थन में लेख लिखा था, जिसके एवज में तहलका को तीन करोड़ रुपए मिले थे.
‘आप’ के बागी अभी अलग पार्टी नहीं बनाएंगे, छह माह तक देशव्यापी अभियान का फैसला
गुड़गांव : आम आदमी पार्टी की चेतावनी के बावजूद मंगलवार को यहां योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण गुट के ‘स्वराज संवाद’ में हजारों कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। कार्यकर्ताओं का मत था कि आम आदमी पार्टी में रहते हुए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को ‘स्वराज’ के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए। फैसला किया गया है कि आप से अलग होकर नई पार्टी नहीं बनाई जाएगी। पार्टी में रहकर ही स्वराज के लिए आवाज बुलंद की जाएगी। अब आगामी छह महीने तक पार्टी का यह असंतुष्ट धड़ा देशव्यापी अभियान चलाएगा।
‘स्वराज संवाद’ में कुलदीप नैयर, अरुणा, मेधा समेत ‘आप’ के 100 बागी भी शिरकत करेंगे
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के बागी गुट ने दावा किया कि अगले हफ्ते उनकी ओर से बुलाए गए ‘स्वराज संवाद’ नाम के कार्यक्रम में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरूणा रॉय के साथ-साथ 100 से ज्यादा ऐसे लोकसभा उम्मीदवार शामिल होंगे जिन्होंने पार्टी के टिकट पर पिछला आम चुनाव लड़ा था ।
योगेंद्र यादव ने पूछा- स्वराज का मंत्र लेकर चली इस यात्रा का ‘स्व’ कहीं एक व्यक्ति तक सिमट कर तो नहीं रह जायेगा?
Yogendra Yadav : आज एक सवाल आपसे… अमूमन अपने लेख के जरिये मैं किसी सवाल का जवाब देने की कोशिश करता हूँ। लेकिन आज यह टेक छोड़ते हुए मैं ही आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूँ। देश बदलने की जो यात्रा आज से चार साल पहले शुरू हुई थी उसकी दिशा अब क्या हो? पिछले दिनों की घटनाओं ने अब इस सवाल को सार्वजनिक कर दिया है। जैसा मीडिया अक्सर करता है, इस सवाल को व्यक्तियों के चश्मे से देखा जा रहा है। देश के सामने पेश एक बड़ी दुविधा को तीन लोगो के झगड़े या अहम की लड़ाई के तौर पर पेश किया जा रहा है। ऊपर से स्टिंग का तड़का लगाकर परोसा जा रहा है। कोई चस्का ले रहा है, कोई छी-छी कर रहा है तो कोई चुपचाप अपने सपनों के टूटने पर रो रहा है। बड़ा सवाल सबकी नज़र से ओझल हो रहा है।
दिल्ली से बाहर निकलते ही केजरीवाल के मंत्री Gopal Rai ने लाल बत्ती लगी कार धारण कर ली
Yashwant Singh : केजरीवाल के एक मंत्री Gopal Rai लाल बत्ती लगी कार से अपने गांव गए थे. क्या बुरा है भाई. वीवीआईपी कल्चर सिर्फ दिल्ली में खत्म करने का वादा था. कोई यूपी बिहार का नाम थोड़े लिया था ‘आप’ ने. वैसे भी, जंगली प्रदेश यानि यूपी में लाल बत्ती लगी कार से नहीं जाएंगो तो अफसर लोग से लेकर नेता लोग अउर जनता लोग तक इनको मंत्री ही नहीं मानेंगे. इसलिए जैसा देस वैसा भेष. दूसरे, गोपाल जी को अपने गांव के लोगों को भी तो एक बार दिखाना था कि देखो, हम मंत्री बन गया हूं, लाल बत्ती वाला… पों पों पों पों…
जानिए, अंकित लाल ने क्यों दिया ‘आप’ के सोशल मीडिया प्रमुख पद से इस्तीफा
अंकित लाल ने आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है. इस तरह उन्होंने आम आदमी पार्टी के फेसबुक ग्रुप की एडमिनशिप छोड़ दिया है. इसके पीछे क्या कारण रहे, इसे अंकित लाल ने एक पत्र के जरिए स्पष्ट किया है जो उन्होंने फेसबुक पर शेयर किया है. अंकित ने आहत मन से पार्टी संग अपने सफर को याद किया और कार्यकर्ताओं के नाम चिट्ठी लिखी जिसमें अन्ना आंदोलन से लेकर केजरीवाल के दूसरी बार सत्तारोहण व झगड़े का जिक्र है. अंकित की मूल चिट्ठी अंग्रेजी में है.
लव, सेक्स, धोखा और आप…. : ‘आप’ अब राजनीतिक दल नहीं, बल्कि गैंग है…
70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में 67 विधायक अरविन्द केजरीवाल के हैं. ये सबको मालूम है. कमाल का बन्दा है ये केजरीवाल. क्या सहयोगी, क्या विरोधी. सबको ठिकाने लगा देता है. क्या अपने- क्या पराये. “जो हमसे टकराएगा-चूर चूर हो जाएगा” के मंत्र का निरंतर जाप करता हुआ ये शख़्स ज़ुबाँ से भाईचारे का पैगाम देता है, मगर, वैचारिक विरोधियों को चारे की तरह हलाल करने से बाज नहीं आता.
आम आदमी पार्टी ने लोगों की उम्मीदें तोड़ दीं, सड़क पर उतरे कवि नरेश सक्सेना
लखनऊ : वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना ने कहा कि अन्ना आंदोलन और उसके बाद आप पार्टी के गठन से बहुत से लोगों में जो उम्मीदें जगी थीं, वे बहुत जल्दी ही टूट गई हैं और अब ये स्पष्ट होता जा रहा है कि ये भी दूसरी पार्टियों की ही डगर पर चल रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने लात-घूसे के बीच योगेंद्र, प्रशांत, आनंद और अजित को राष्ट्रीय कार्यपरिषद से निकाला
दिल्ली : दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर शनिवार को कापसहेड़ा में राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रशांत भूषण और योंगेद्र यादव, अजीत झा और प्रोफेसर आनंद कुमार को आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया है। प्रस्ताव पर 200 सदस्यों ने हस्ताक्षर कर दिए। केजरीवाल धड़े का मानना है कि इन चारो नेताओं ने केजरीवाल को ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटाने के लिए साजिश रची। बैठक में जमकर लात-घूंसे भी चले, जिससे कई एक घायल हो गए। योगेंद्र यादव के समर्थक रमजान चौधरी को बाउंसर्स ने उठा कर पटक दिया। उनके पैर की हड्डी टूट गई। एक और नेता का पैर टूट गया। आरोप है कि बैठक हॉल में तीन दर्जन से अधिक बाउंसर्स तैनात किए गए थे।
आम आदमी पार्टी की बैठक के दौरान धक्कामुक्की के बाद धरने पर बैठे योगेंद्र यादव
आप में दुर्दिन क्यों ?
दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को आज जो दुर्दिन देखने को मिल रहे हैं, उनके लक्षण स्पष्टतः पार्टी के जन्म से ही परिलक्षित होने लगे थे हालांकि वे दृष्टव्य होने के बावजूद अनदेखी किये जाने के फलस्वरूप नासूर बन गये। राम नवमी पर 28 मार्च को राष्ट्रीय परिषद – आप की बैठक में वह कथित नासूर विस्फोटक रूप ले सकता है।
‘आप’ का वार सोशल मीडिया के आरपार : ट्विटर पर सिसौदिया, फेसबुक पर योगेंद्र-प्रशांत का पत्राचार
नई दिल्ली : सत्ता में आने के बाद से ही मीडिया से सोशल मीडिया तक छाया हुआ आम आदमी पार्टी का अंदर-बाहर का जमा-जुबानी घमासान शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होने वाली बैठक से ठीक पहले गुरुवार शाम चरम पर पहुंच गया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि योगेंद्र और भूषण केजरीवाल को हटाने पर अड़े हैं। मैं इसके खिलाफ हूं लेकिन अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी को फैसला करने दें। योगेंद्र यादव ने फेसबुक पर लिखा कि जिस चिट्ठी को उनका इस्तीफा बताया जा रहा है, वह दरअसल कुछ मांगों को लेकर लिखा गया एक नोट था। इस नोट में हमने कहा था कि अगर हमारी पांच मांगें मान ली जाती हैं, तो हम इस्तीफा दे देंगे। क्या हमारी ये मांगें पूरी हुई हैं।
अबे चिरकुट आपियों, खुद को अब मोदी-भाजपा से अलग कैसे कहोगे…
Yashwant Singh : चोरकट केजरी और सिसोदिया का असली रूप आया सामने.. दिल्ली में पानी के दाम में 10 परसेंट वृद्धि। अबे चिरकुट आपियों, मोदी-भाजपा से खुद को अलग अब कैसे कहोगे। सत्ता पाकर तुम लोग भी आम जन विरोधी हो गए! अरे करना ही था तो चोर अफसरों के यहाँ छापे मरवाकर उनकी संपत्ति जब्त कराते और उस पैसे को बिजली पानी में लगाते। जल बोर्ड के करप्ट अफसरों और पानी माफिया की ही घेराबंदी कर देते तो इनके यहाँ से हजार करोड़ निकल आता। पर अमेरिकी फोर्ड फाउंडेशन के धन पर करियर बनाने वाले इन दोनों नेताओं से अमेरिकी माडल के पूंजीवाद से इतर काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
‘आप’ में घमासान जारी : केजरी का स्टिंग करने वाले राजेश गर्ग निकाले गए, कुमार विश्वास को लीगल नोटिस
आम आदमी पार्टी यानि ‘आप’ में आपसी घमासान जारी है. आम आदमी पार्टी ने बागी नेता और पूर्व विधायक राजेश गर्ग को पार्टी से निकाल बाहर कर दिया है. पार्टी का कहना है कि राजेश ने पार्टी के खिलाफ काम किया. एक टेप पिछले दिनों मीडिया में लीक किया गया जिसमें राजेश गर्ग और केजरीवाल की बातचीत थी. इसमें केजरीवाल कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की बात कर रहे थे.
उजागर हुआ AAP के स्टिंग में शामिल संपादक का नाम, अन्ना बोले-अरविंद ने देश का विश्वास तोड़ा
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया का स्टिंग करने का दावा करने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद शुक्रवार को टेप जारी करने के वादे से मुकर गए। आसिफ का कहना है कि स्टिंग में एक संपादक की बातचीत भी शामिल है और वह नहीं चाहते कि उनकी बदनामी हो। उधर, कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहमम्द खान दो दिनों से संजय सिंह के स्टिंग होने का दावा कर रहे हैं. लेकिन सबूत सामने नहीं रख रहे. हां दोनों नेता इस बात को जरूर कबूल रहे हैं कि नोएडा में एक पत्रकार के घर पर मुलाकात हुई थी. अब सवाल ये है कि स्टिंग जारी नहीं करने के पीछे क्या मंशा केवल उस पत्रकार की नौकरी बचाने की है या फिर माजरा कुछ और है ?
‘आप’ पर स्टिंग वार ; अब लड़ाई आर-पार
दिल्ली : अब तो सचमुच यकीन सा होने लगा है कि सियासत भी एक-की-तीन बातों से चलती है- इंटरटेनमेंट, इंटरटेनमेंट और इंटरटेनमेंट। देखिए न कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी में महाभारत गहराती जा रही है। केजरीवाल के खिलाफ ऑडियो टेप जारी होने के बाद पार्टी पूरी तरह से बिखरती दिख रही है। किसी ने खबर पर टिप्पणी की है – ‘हम तो नई, साफसुथरी राजनीति करने आये है जी, लेकिन क्या करें, हमाम में नंगा होना पडता है….‘
‘आप’ के 60 विधायकों ने लिखी केजरी को चिट्ठी, योगेंद्र-शांति-प्रशांत को बर्खास्त करो
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी की अंतर्कलह उस समय परवान चढ़ने के और करीब पहुंच गई, जब पार्टी के 60 से अधिक विधायकों ने योगेन्द्र यादव, शांति भूषण और प्रशांत भूषण को पार्टी से बर्खास्त करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख दिया।
सच्चाई जान जाएंगे तो आप भी कहेंगे- ”केजरी ने अब तक भूषण तिकड़ी और योगेंद्र यादव को पार्टी से बाहर निकाला क्यों नहीं!”
(लेखक यशवंत सिंह भड़ास4मीडिया डॉट कॉम के संस्थापक और संपादक हैं.)
उन दिनों मेरे पास अंदर से कोई खबर नहीं थी. सिर्फ मीडिया द्वारा परोसे दिखाए जा रहे तथ्यों-खबरों पर निर्भर था. उस निर्भरता के जरिए ये राय बना ली कि केजरीवाल तो चुनाव जीतने के बाद अहंकारी हो गए हैं और इन्हें योगेंद्र व प्रशांत को कतई पोलिटिकल अफेयर्स कमेटी से नहीं निकालना चाहिए. जब इन दोनों को निकाल दिया गया तो मुझे भी बहुत धक्का लगा कि आखिर ये क्या हो रहा है, कहीं ‘आप’ नेता केजरीवाल तानाशाही की तरफ तो नहीं बढ़ रहे, कहीं केजरीवाल आलाकमान सिस्टम तो नहीं लागू कर रहे, कहीं केजरीवाल वन मैन पार्टी तो नहीं बना दे रहे ‘आप’ को…
‘आप’ पर मयंक गांधी का एक और ब्लॉग-बम
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी में भूचाल मचाने वाले राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मयंक गांधी ने शनिवार को एक और ब्लॉग-बमबारी करते हुए लिखा है कि पार्टी छोड़ने के लिए उन्हें अपमानित किया जा रहा है। इस संबंध में योगेंद्र यादव का कहना है कि वह पार्टी के भीतर के ताजा हालात पर सार्वजनिक रूप में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। पार्टी की अपनी प्रतिष्ठा है। वह उस मर्यादा में रह कर काम करना चाहते हैं।
‘आप’ का ‘मैं’ तक चेहरा व्यक्तिवादी
लगभग दो वर्ष पूर्व जब आम आदमी पार्टी की नींव रखी गई तो एक नई विचारधारा के राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश का दावा किया गया। इस विचारधारा के महिमा मंडन और हकीकत में इसके अनुसरण पर कई प्रश्र चिन्ह भी लगे परन्तु सभी प्रश्रों को निरूत्तर करते हुए आप ने अपनी ऐतिहासिक सफलता की इबारत लिखी। इस सफलता की खुमारी अभी पुरी तरह से उतरी भी न थी कि फिर से पार्टी एक विवाद में फंस गई। विवाद आप पार्टी में लोकतंत्र के गौण और व्यक्ति के प्रधान होने का। विवाद प्रश्र उठाने और एतराज जताने के अधिकार का।
किस-किस को कत्ल करोगे केजरीवाल… हिम्मत हो तो अब मयंक गांधी को बाहर निकाल कर दिखाओ…
Yashwant Singh : किस-किस को कत्ल करोगे केजरीवाल… हिम्मत हो तो अब मयंक गांधी को बाहर निकाल कर दिखाओ… मयंक गांधी ने सारी सच्चाई बयान कर दी है… (पढ़ने के लिए क्लिक करें: http://goo.gl/IY1Bx9 ) …मयंक गांधी ने आम आदमी पार्टी बनने और चलाए जाने के असली विजन को बेहद ईमानदारी से सबके सामने रख दिया है… इसलिए, हे केजरी, 67 सीटें जीत जाने से ये मत सोचो कि सिर्फ केजरीवाल के कारण ये सीटें मिल गई हैं और तुम्हीं सबके बाप हो… कांग्रेस और भाजपा की घटिया व परंपरागत राजनीति से उबे करोड़ों लोगों का तन मन धन लगा, दुआएं मिलीं, आशीर्वाद और प्यार मिला, अलग-अलग किस्म की क्रांतिकारी धाराएं एकजुट हुईं तब जाकर सब मिलाकर आम आदमी पार्टी नामक परिघटना तैयार होती है..
केजरीवाल की तानाशाही के खिलाफ मयंक गांधी ने किया विद्रोह, पढ़िए कार्यकर्ताओं के नाम लिखी उनकी खुली चिट्ठी
प्रिय कार्यकर्ताओं,
मैं माफी चाहता हूं कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कल जो कुछ हुआ उसे बाहर किसी को न बताने के निर्देशों को तोड़ रहा हूं। वैसे मैं पार्टी का एक अनुशासित सिपाही हूं। 2011 में जब अरविंद केजरीवाल लोकपाल के लिए बनी ज्वाइंट ड्राफ्ट कमेटी की बैठक से बाहर आते थे तो कहते थे कि कपिल सिब्बल ने उनसे कहा है कि बैठक में जो कुछ हुआ उसे वो बाहर न बताएं। लेकिन अरविंद कहते थे कि ये उनका कर्तव्य है कि वे देश को बैठक की कार्यवाही के बारे में बताएं क्योंकि वो कोई नेता नहीं थे बल्कि लोगों के प्रतिनिधि थे। अरविंद ने जो कुछ किया वो वास्तव में सत्य और पारदर्शिता थी।
योगेंद्र-प्रशांत निष्कासन प्रकरण के बाद अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा है
‘आप’ की ‘पीएसी’ से योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को निकलाने व इसके पहले चले पूरे विवाद के बाद अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा है. सोशल मीडिया पर जो चिंतक, पत्रकार और एक्टिविस्ट किस्म के लोग केजरीवाल की तारीफ करते न अघाते थे, अब वे इस घटनाक्रम के बाद से केजरीवाल पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं. साथ ही, पूरे प्रकरण के बाद से योगेंद्र यादव की लोकप्रियता और कद में इजाफा हुआ है. यहां फेसबुक से उन कुछ स्टेटस को दिया जा रहा है जिससे पता चलता है कि अब तक ‘आप’ को सपोर्ट करते रहे लोग पूरे प्रकरण से दुखी हैं और केजरीवाल को कोस रहे हैं. -एडिटर, भड़ास4मीडिया
केजरीवाल से मेरा मोहभंग… दूसरी पार्टियों के आलाकमानों जैसा ही है यह शख्स…
Yashwant Singh : केजरीवाल से मेरा मोहभंग… घटिया आदमी निकला… दूसरे नेताओं जैसा ही है यह आदमी… संजय सिंह, आशुतोष, खेतान जैसे चापलूसों और जी-हुजूरियों की फ़ौज बचेगी ‘आप’ में… सारा गेम प्लान एडवांस में रचने के बाद खुद को बीमार बता बेंगलोर चला गया और चेलों के जरिए योगेन्द्र-प्रशांत को निपटवा दिया… तुम्हारी महानता की नौटंकी सब जान चुके हैं केजरी बाबू… तुम्हारी आत्मा कतई डेमोक्रेटिक नहीं है… तुम सच में तानाशाह और आत्मकेंद्रित व्यक्ति हो… तुममें और दूसरी पार्टियों के आलाकमानों में कोई फर्क नहीं है…
‘आप’ की आंतरिक लड़ाई का असली सच जानिए
Sheetal P Singh : ‘आप’ की जो आज ख़बर है वह पिछले क़रीब छ: माह से खदबदाती हाँड़ी का विस्तार भर है, सिर्फ़ उसका कैनवास बड़ा हो गया है। वजह: भूषण परिवार ने इस पार्टी के पैदा होते समय तन मन और “धन” लगाया था पर प्रशांत भूषण की रेडिकल पृष्ठभूमि(ख़ासकर कश्मीर में plebiscite पर उनके stand) से केजरीवाल ने अनवरत सचेत रुख़ से ख़ुद और पार्टी को बचा के रक्खा। बीजेपी/संघ ने हर मुमकिन कोशिश की पर केजरीवाल बच के निकल गये पर वे भूषण परिवार के उतने क़रीब भी न रहे जितना तन मन धन के कारण भूषण’s चाहते थे। उन्होंने योगेन्द्र यादव को समानान्तर स्थापित करने का प्रयास आगे बढ़ाया। लोकसभा में बड़ी हार से उन्हे मौक़ा भी मिल चुका था पर हरियाणा में योगेन्द्र यादव भी न सिर्फ़ फ़ेल रहे थे बल्कि नवीन जयहिंद (हरियाणा के एक अन्य नेता) से उलझ कर रह गये थे।
पत्रकारों द्वारा सचिवालय में घुसकर दलाली करने के धंधे को बंद करेंगे : गोपाल राय
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने राज्य सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी है और ‘आप’ नेता गोपाल राय ने पाबंदी को जायज ठहराया है. गोपाल राय ने मीडिया पर पाबंदी के बारे में कहा- ‘कुछ ऐसे पत्रकार हैं जो गलियारों में घुस कर दलाली करते थे. इनको अब दिक्कत हो रही है. दलाली के धंधे को सचिवालय में बंद करेंगे.’
छल-कपट वाली इस राजनीति में मैं अनफिट हूं : आशुतोष
आम आदमी पार्टी के नेता औऱ पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने ‘मुखौटे का राजधर्म’ नामक किताब लिखी है. किताब के विमोचन से पहले कहा कि, राजनीति में छल-कपट है, मैं राजनीति में अनफिट हूं. आप नेता और पूर्व पत्रकार ने ट्वीट किया, ”मेरी किताब ‘मुखौटे का राजधर्म’ का विमोचन आज हाल नं 8, प्रगति मैदान में शाम 4.20 बजे है. नामवर सिंह, शशिशेखर किताब पर चर्चा करेंगे. आप आमंत्रिति हैं.
मैं गोपाल राय…
राजस्थान के कई जिलों में मजीठिया वेज बोर्ड के लिए मीडियाकर्मियों की हड़ताल में शिरकत करने के बाद आज सुबह जब दिल्ली घर लौटा तो कुछ घंटे सोने के बाद फ्रेश होकर नाश्ता करते वक्त न्यूज चैनल खोलते ही एक दृश्य दिखा, एक वाक्य सुना. दिल्ली के एलजी नजीब जंग शपथ दिला रहे थे. गोपाल राय मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. ”मैं गोपाल राय…. ”
‘आप’ दिल्ली से अपना एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अविलम्ब शुरू करे : विष्णु खरे
एक भारतीय की हैसियत से 1952 से अपने सारे आम और विधान-सभा चुनाव देखता-सुनता आया हूँ, पत्रकार के रूप में उन पर लिखा भी है, जब से मतदाता हुआ हूँ, यथासंभव वोट भी डाला है, दिल्ली में 42 वर्ष रहा हूँ, लेकिन वहाँ से आज जो नतीज़े आए हैं वह विश्व के राजनीतिक इतिहास में अद्वितीय हैं और गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में तो दर्ज़ किए ही जाने चाहिए. एक ऐसी एकदम नई पार्टी, अपनी पिछले वर्ष की राजनीतिक गलतियों के कारण जिसने देशव्यापी क्रोध, मोहभंग और कुंठा को जन्म दिया था और लगता था कि वह कहीं अकालकवलित न हो जाए, अपने जन्मस्थान में एक अकल्पनीय चमत्कार की तरह लौट आई है. पिछले एक वर्ष में ‘आप’ ने वह सब देख लिया और दिखा दिया है जिसके लिए अन्य वरिष्ठ पार्टियों को कई दशक लग गए.भारतीय परम्परा में मृत्यु या उसके मुख से छूट जाने की कई कथाएँ हैं लेकिन ‘आप’ ने ग्रीक मिथक के फ़ीनिक्स पक्षी की तरह जैसे अग्नि से पुनर्जन्म प्राप्त किया है.
टीवी कार्यक्रम और विज्ञापन के बीच चलो चलें जुमले बनाएं
Sanjaya Kumar Singh : दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का दिन था। मैं दिन भर घर पर ही था लेकिन जिससे भी बात हुई सबका यही कहना था कि आम आदमी पार्टी की स्थिति मजबूत दिख रही है। शाम में सोचा एक्जिट पॉल देख लिया जाए। शाम 6:00 बजे टीवी ऑन किया और चैनल सर्फ करते हुए देखा कि इंडिया टीवी पर अजीत अंजुम Ajit Anjum एंकरिंग कर रहे थे। इसी पर रुक गया। 6:20 होने तक लगने लगा कि मैं खबरें देख रहा हूं या विज्ञापन। पुराना अनुभव यह रहा है कि एक चैनल पर विज्ञापन आता है तो दूसरे पर भी विज्ञापन ही आ रहा होता है और चैनल बदलने का कोई लाभ नहीं मिलता।
इस भीषण जीत में कार्पोरेट और करप्ट मीडिया (जी न्यूज, इंडिया टीवी, आईबीएन7 आदि…) भी आइना देखे…
Yashwant Singh : दिल्ली में भाजपा सिर्फ तीन-चार सीट पर सिमट जाएगी और आम आदमी पार्टी 64-65 सीट तक पहुंच जाएगी, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. ये भारतीय चुनावी इतिहास की सबसे बड़ी जीत है और भाजपा की सबसे बड़ी हार. कांग्रेस का तो खाता तक नहीं खुला. पर आप याद करिए. टीवी न्यूज चैनल्स किस तरीके से आम आदमी पार्टी के खिलाफ कंपेन चला रहे थे. कुछ एक दो चैनल्स को छोड़ दें तो सारे के सारे बीजेपी फंडेड और बीजेपी प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे थे. आम आदमी पार्टी को किस तरह घेर लिया जाए, बदनाम कर दिया जाए, हारता हुआ दिखा दिया जाए, ये उनकी रणनीति थी. उधर, भाजपा का महिमामंडन लगातार जारी था. बीजेपी की सामान्य बैठकों को ब्रेकिंग न्यूज बनाकर बताकर दिखाया जाता था. सुपारी जर्नलिज्म का जिस किदर विस्तार इन चुनावों में हुआ, वह आतंकित करने वाला है. हां, कुछ ऐसे पत्रकार और चैनल जरूर रहे जिन्होंने निष्पक्षता बरती. एनडीटीवी इंडिया, एबीपी न्यूज, आजतक, न्यूज नेशन, इंडिया न्यूज ने काफी हद तक ठीक प्रदर्शन किया. सबसे बेहूदे चैनल रहे इंडिया टीवी, आईबीएन7 और जी न्यूज.
(सबसे सही एक्जिट पोल इंडिया न्यूज का रहा लेकिन यह भी दस सीट पीछे रहा. इंडिया न्यूज ने सबसे ज्यादा 53 सीट दी थी ‘आप’ को लेकिन आप तो इस अनुमान से दस सीट से भी ज्यादा आगे निकल गई. कह सकते हैं कि न्यूज चैनलों में जनता का मूड भांपने में सबसे तेज ‘इंडिया न्यूज’ रहा.)
ये हार बहुत भीषण है म्हराज!
Sheetal P Singh : पिछले दो दिनों में दिल्ली के सारे अख़बारों में पहले पेज पर छापे गये मोदी जी + बेदी जी के विज्ञापन का कुल बिल है क़रीब चौबीस करोड़ रुपये। आउटडोर विज्ञापन एजेंसियों को होर्डिंग / पोस्टर / पैम्फलेट / बैनर / स्टेशनरी / अन्य चुनावी सामग्री के बिल इससे अलग हैं। इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा प्रधानमंत्री और अन्य हैवीवेट सभाओं के (कुल दो सौ के क़रीब)इंतज़ाम तथा टेलिविज़न / रेडियो विज्ञापन और क़रीब दो लाख के क़रीब आयातित कार्यकर्ताओं के रख रखाव का ख़र्च श्रद्धानुसार जोड़ लें। आम आदमी पार्टी के पास कुल चुनाव चंदा क़रीब चौदह करोड़ आया। बीस करोड़ का लक्ष्य था। कुछ उधार रह गया होगा। औसतन दोनों दलों के ख़र्च में कोई दस गुने का अंतर है और नतीजे (exit poll) बता रहे हैं कि तिस पर भी “आप” दो गुने से ज़्यादा सीटें जीतने जा रही है! ये हार बहुत भीषण है म्हराज! ध्यान दें, ”आप” बनारस में पहले ही एक माफ़िया के समर्थन की कोशिश ठुकरा चुकी थी, आज उसने “बुख़ारी” के चालाकी भरे समर्थन को लात मार कर बीजेपी की चालबाज़ी की हवा निकाल दी।
AAP determined to recover lost ground in Delhi
Consider the way the AAP’s fortunes plummeted after its spectacular show in 2013. It had won 28 of the 70 seats in its debut election in Delhi then and was second to the BJP’s 31, while the ruling Congress was routed and could win only eight seats. However, the AAP’s aspirations of stopping the BJP’s vote line in last summer’s general elections failed miserably and the most honest and anti-establishment party could not win a single seat from Delhi and win just four Lok Sabha seats from Punjab. It shows people are changing their moods accordingly. As the elections are heating up in Delhi, the political parties are coming up with their latest interviews and the comments, making tall poll promises. The BJP is banking on the popularity of Prime Minister Narendra Modi while its main challenger AAP has projected its supremo Arvind Kejriwal as the CM.
Will ’K’ factor be a boon for BJP in Delhi polls?
Delhi goes to the polls on February 7. The BJP is keen to win after 2013 loss when the AAP had formed a minority government and ruled the capital for 49 days before its leader Kejriwal resigned. Delhi has been under President’s rule since then. Manay political changes can be seen in the Delhi election. A desperate shift of the candidates fron one party to other is done. The major rivals are AAP and BJP.Congress is a distant third in the election. However, it pretends to be in the race. Above all, the entry of the first lady police officer Kiran Bedi into BJP has changed the whole political game, say the Delhites.
एक अकेले बंदे ने, एक अकेली शख्सियत ने पूरी की पूरी केंद्र सरकार की नींद उड़ा रखी है
दिल्ली चुनाव इन दिनों आकर्षण और चर्चा का केंद्र है. हो भी क्यों ना, एक अकेले बंदे ने, एक अकेली शख्सियत ने पूरी की पूरी केंद्र सरकार की नींद उड़ा कर रखी हुई है. आपको याद होगा कि 2013 में सरकार गठन पर अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि अन्य दलों को राजनीति तो अब आम आदमी पार्टी सिखाएगी. अब जाकर यह बात सही साबित होती हुई दिखाई दे रही है. जहाँ महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू कश्मीर और हरियाणा में बीजेपी ने बिना चेहरे के मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा और नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन दिल्ली में उसे चेहरा देना ही पड़ा. अपने पुराने सिपहसालारों व वफादारों को पीछे करके एक बाहरी शख्सियत को आगे लाया गया. देखा जाए तो ये भी अपने आप में केजरीवाल और उनकी पार्टी की जीत है. कहना पड़ेगा, जो भी हो, बन्दे में दम है.
‘आप’ ने ढूंढ़ा बिकाऊ मीडिया पर खर्च का पूरा लाभ पाने का तरीका
Sanjaya Kumar Singh : आम आदमी पार्टी ने ढूंढ़ा बिकाऊ मीडिया पर खर्च का पूरा लाभ पाने का तरीका। फर्जी सर्वेक्षणों का बाप है यह तरीका। इसे कहते हैं आईडिया। यह विज्ञापन इस तरह आ रहा है जैसे रेडियो चैनल खुद सर्वेक्षण कर रहा हो। इसमें किसी व्यक्ति से पूछा जाता है पिछली बार आपने किसे वोट दिया था। वह चाहे जो कहे दूसरा सवाल होता है इस बार किसे देंगे– आम आदमी पार्टी को। और क्यों में, आम आदमी के पक्ष में कारण बताया जाता है।
जानिए, उन वजहों को जिसके कारण दिल्ली में किरण बेदी फैक्टर अरविंद केजरीवाल को बहुमत दिला रहा है
Yashwant Singh : भाजपाई दिल्ली में गड़बड़ा गए हैं. जैसे भांग खाए लोगों की हालत होती है, वही हो चुकी है. समझ नहीं पा रहे कि ऐसा करें क्या जिससे केजरीवाल का टेंपो पंचर हो जाए, हवा निकल जाए… रही सही कसर किरण बेदी को लाकर पूरा कर दिया.. बेचारी बेदी जितना बोल कह रही हैं, उतना भाजपा के उलटे जा रहा है… आखिरकार आलाकमान ने कह दिया है कि बेदी जी, गला खराब का बहाना करके चुनाव भर तक चुप्पी साध लो वरना आप तो नाश कर दोगी…
किरण बेदी का पुलिसिया अंदाज़ देखकर मैं हैरान था : रवीश कुमार
सुबह के 5 बज रहे थे तभी सुशील का फोन आया कि बैकअप प्लान किया है आपने। सुशील मेरे शो के इंचार्ज हैं। बैक अप प्लान? हो सकता है कि आधा घंटा न मिले। इंटरव्यू के लिए तैयार होकर चाय पी ही रहा था कि सुशील के इस सवाल ने डरा दिया। प्राइम टाइम एक घंटे का होता है और अगर पूरा वक्त न मिला तो बाकी के हिस्से में क्या चलाऊंगा। हल्की धुंध और सर्द भरी हवाओं के बीच मेरी कार इन आशंकाओं को लिए दफ्तर की तरफ दौड़ने लगी।
‘आप’ को जिताने में जुटा है ‘आजतक’ : अमित शाह
अब तक आरोप यह लगता रहा है कि 90 फीसदी न्यूज चैनल भाजपा के पैरोल पर चल रहे हैं लेकिन अमित शाह ने ‘आजतक’ पर आरोप लगाया है कि वह ‘आप’ को जिताने में मदद कर रहा है. इस आरोप से संबंधित खबर प्रभात खबर और टाइम्स आफ इंडिया में छपी है. पटना डेटलाइन से प्रभात खबर और टीओआई की खबर यूं है….
दिल्ली विस चुनाव में न्यूज चैनल खुल्लमखुल्ला ‘आप’ और ‘भाजपा’ के बीच बंट गए हैं
Dayanand Pandey : दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार टीवी चैनल खुल्लमखुल्ला अरविंद केजरीवाल की आप और भाजपा के बीच बंट गए हैं। एनडीटीवी पूरी ताकत से भाजपा की जड़ खोदने और नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोकने में लग गया है। न्यूज 24 है ही कांग्रेसी। उसका कहना ही क्या! इंडिया टीवी तो है ही भगवा चैनल सो वह पूरी ताकत से भाजपा के नरेंद्र मोदी का विजय रथ आगे बढ़ा रहा है। ज़ी न्यूज, आईबीएन सेवेन, एबीपी न्यूज वगैरह दिखा तो रहे हैं निष्पक्ष अपने को लेकिन मोदी के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाने में एक दूसरे से आगे हुए जाते हैं। सो दिल्ली चुनाव की सही तस्वीर इन के सहारे जानना टेढ़ी खीर है। जाने दिल्ली की जनता क्या रुख अख्तियार करती है।
आशुतोष से फिक्सिंग के बाद ‘बागी’ बने पंकज श्रीवास्तव, 2017 में ‘आप’ के टिकट से यूपी में लड़ेंगे चुनाव!
एसोसिएट एडिटर पंकज श्रीवास्तव को नान-परफारमेंस में खुद की बर्खास्तगी का एहसास पहले से था. इसी कारण उन्होंने कभी आईबीएन7 के मैनेजिंग एडिटर रहे और आजकल ‘आप’ के खास नेता बने घूम रहे आशुतोष से संपर्क साधा. आशुतोष के जमाने में ही पंकज श्रीवास्तव की भर्ती हुई थी. आशुतोष और पंकज की डील हुई. इसी डील के तहत यह तय हुआ कि ऐन चरम चुनावी प्रक्रिया के बीच पंकज श्रीवास्तव अपने नए मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी को ‘आप’ और केजरीवाल को लेकर एक मैसेज करेंगे. सबको पता है कि टीवी में इस तरह के आंतरिक मैसेज का अंजाम क्या होता है. पंकज श्रीवास्तव को समय से पहले यानि चुनाव बाद तय बर्खास्तगी से पहले ही बर्खास्त कर दिया गया.
एनडीटीवी प्राइम टाइम में Ravish Kumar और अभय दुबे ने भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली को पूरी तरह घेर लिया
Shambhunath Shukla : एक अच्छा पत्रकार वही है जो नेता को अपने बोल-बचन से घेर ले। बेचारा नेता तर्क ही न दे पाए और हताशा में अंट-शंट बकने लगे। खासकर टीवी पत्रकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। बीस जनवरी को एनडीटीवी पर प्राइम टाइम में Ravish Kumar और अभय दुबे ने भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली को ऐसा घेरा कि उन्हें जवाब तक नहीं सूझ सका। अकेले कोहली ही नहीं कांग्रेस के प्रवक्ता जय प्रकाश अग्रवाल भी लडख़ड़ा गए। नौसिखुआ पत्रकारों को इन दिग्गजों से सीखना चाहिए कि कैसे टीवी पत्रकारिता की जाए और कैसे डिबेट में शामिल वरिष्ठ पत्रकार संचालन कर रहे पत्रकार के साथ सही और तार्किक मुद्दे पर एकजुटता दिखाएं। पत्रकार इसी समाज का हिस्सा है। राजनीति, अर्थनीति और समाजनीति उसे भी प्रभावित करेगी। निष्पक्ष तो कोई बेजान चीज ही हो सकती है। मगर एक चेतन प्राणी को पक्षकार तो बनना ही पड़ेगा। अब देखना यह है कि यह पक्षधरता किसके साथ है। जो पत्रकार जनता के साथ हैं, वे निश्चय ही सम्मान के काबिल हैं।
दिल्ली चुनाव : भाजपा लगातार गल्तियां कर रही, ‘आप’ को 37 से 42 सीट मिलने के आसार
Girijesh Vashistha : My prediction- Aap 37-42 , Bjp 17-22, cong 5-7, others 2-3. Credit goes to last moment wrong decisions of BJP central leadership. Errors….
1. Wrong entry of kiran bedi and others.
2. Late ticket distribution
3. Aap support base ( much more strong then RSS)
4. Discouraging Attitude of kiran bedi.
5. Dragging campaign due to useless last moment changes in leadership and pole policies.
IAC public notice about Kiran Bedi
Dear IAC Subscribers, The IAC non-political movement is outraged at the induction of Ms.Kiran Bedi into the Bharatiya Janata Party, apparently to portray in the media that there will be a battle between IAC versus IAC in New Delhi or that Ms. Bedi is BJP’s trump card to cut Arvind Kejriwal etc. IAC informs its subscribers that we do not know Ms. Kiran Bedi, who to the best of our personal knowledge was never in the “India Against Corruption”, leave alone being any kind of IAC core committee member. We recall that at Anna’s so-called fast near Jantar Mantar in April 2011 Ms.Kiran Bedi prominently publicised her own NGO “JNSS” or suchlike to promote it by association with Anna Hazare.
दिल्ली विधानसभा चुनाव एफएम रेडियो पर : भाजपा की बुजुर्ग महिला का जवाब खुद केजरीवाल ने यूं दिया
Sanjaya Kumar Singh : दिल्ली विधानसभा चुनाव एफएम रेडियो पर अच्छा चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने रेडियो पर एक विज्ञापन चलाया जो इस प्रकार है, “गलती मेरी ही थी। आम आदमी, आम आदमी कहकर धोखा दे दिया। बड़े-बड़े वादे। पानी मुफ्त कर देंगे। आंसू दे गया। घर के काम छोड़कर उसके लिए मीटिंग करवाई, मोहल्लों में। पर बदले में क्या मिला। सब छोड़कर भाग गया। इनके अपने आदमी तक चले गए। गैर जिम्मेदारी का बदला लेंगे। अब इस नाकाम आदमी को वोट न देंगे। पूर्ण बहुमत से बदलें दिल्ली के हालात। चलो चलें मोदी के साथ।”
दिल्ली पुलिस ने विज्ञापन पर रोक लगाकर ‘आप’ को मुफ्त में लाभ दे दिया!
Sanjaya Kumar Singh : दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी को दिया मौका…. दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के एक विज्ञापन पर रोक लगाकर उसे मुफ्त में लाभ की स्थिति में पहुंचा दिया है। जो काम लाखों के विज्ञापन से नहीं होता, वह मुफ्त में हो गया। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि विज्ञापन पर यह रोक पूरी तरह गैर कानूनी है। हालांकि अरविन्द केजरीवाल ने इस विज्ञापन के बचाव में जो कुछ कहा है वह पार्टी के संदेश को और मजबूती तथा ज्यादा असरदार ढंग से कह रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार अभय दुबे ने जी न्यूज और इसके एंकर रोहित सरदाना को लाइव ही धो डाला
जी न्यूज, इंडिया टीवी और इंडिया न्यूज जैसे न्यूज चैनलों की भाजपा परस्ती और मोदी स्तुति किसी से छिपी नहीं है. इसी कारण इन तीनों न्यूज चैनलों का आम आदमी पार्टी के प्रति भयंकर घृणा भी जग जाहिर है. ये तीनों न्यूज चैनल समय-समय पर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए फर्जी स्टिंग से लेकर फर्जी न्यूज एंगल और फर्जी प्रोग्राम तक बनाने पेश करने से नहीं चूकते. इसी क्रम में जी न्यूज ने अभी बीते कुछ दिनों पहले केजरीवाल को निशाने पर लिया. चूंकि अब दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है इसलिए सारे भाजपा पोषित न्यूज चैनल केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने में जुट गए हैं.
इतनी खुली दलाली 56 इंच के सीने से ही मुमकिन है…
Sheetal P Singh : देखिये ब्रिटिश कंपनी वोडाफ़ोन को कौन मदद कर रहा है 4000 करोड़ गपकने में. इतनी खुली दलाली 56 इंच के सीने से ही मुमकिन है.
Suspected money laundering by the Adani Group!
Yogendra Yadav : Here is a letter written by former IAS officer (former secretary to government of India) and noted anti-corruption crusader Mr EAS Sarma to various central investigating agencies about the suspected money laundering by the Adani Group. Mr Sarma has pointed out that the Supreme Court appointed Special Investigation Team on black money is investigating the matter and the State Bank of India should not have signed the MoU with the group under investigation for money laundering. Read the letter for yourself and please give a thought on what our Modi Sarkar is up to.
दिल्ली में ‘आप’ अबकी पचास सीटें ले आएगी!
Jawahar Goel : कल के दिन हेयरकट करवाने की दुकान पर लोगों की चर्चा सुन रहा था। नाईयों का बहुत मज़बूती से ‘आप’ को पचास सीटें आने का दावा सुना। भाजपा यदि अपने वोटरों को वोट के दिन बाहर निकाल नही पाई तो केजरीवाल जी की ताजपोशी निश्चित है।
जी ग्रुप के मालिकों में से एक जवाहर गोयल के फेसबुक वॉल से. उपरोक्त स्टेटस पर आए कुछ चुनिंदा कमेंट्स इस प्रकार हैं…
अभिसार आज आशुतोष की क्लास ले रहे थे…
Kumar Sauvir : पालतू कूकुर और सड़कछाप कूकुर की फितरतों में बड़ा फर्क होता है। ताजा-ताजा पालतु हुआ कूकुर बहुत भौकता है और ताजा-ताजा सड़कछाप हुआ कूकुर बहुत झींकता हैं, मिमियाता है और बगलेंं भी खूब झांकता है। यह हकीकत दिखाया एबीपी-न्यूज के एक कार्यक्रम में। मौका है दिल्ली के चुनावों को लेकर। एक दौर हुआ करता था जब वरिष्ठ पत्रकार रहे आशुतोष ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस के एक सांसद की इस तरह क्लास ली थी कि वह खुद ही कार्यक्र से भाग गया। ऐसे कई मौके आ गये हैं आशुतोष के कार्यक्रमों में जब उन्होंने बड़े-बड़े नेताओं की जमकर क्लास ली।
अरविंद केजरीवाल को शांति भूषण ने अक्षम बताया
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर आज ‘आप’ संस्थापकों में से एक शांति भूषण ने गंभीर आरोप लगाए. अरविंद के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए शांति भूषण ने कहा कि अरविंद में पार्टी को आगे बढ़ाने की क्षमता नहीं है. अरविंद अच्छे कैंपेनर हैं, लेकिन उनमें सांगठनिक क्षमता नहीं है. इसी कारण वह आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मैनेज नहीं कर पा रहे हैं.
केजरीवाल को दिल्ली में कोई किराये पर मकान देने को तैयार नहीं है!
‘बंधु दिल्ली में कोई हमें घर देने को तैयार नहीं है।’ यह ना तो मुंबई की तर्ज पर किसी मुस्लिम का कथन है और ना ही घर ढूंढने वाले किसी बेरोजगार का। जिससे किराया मिलेगा या नहीं इस डर से मकान मालिक घर देने से इंकार कर दे। यह शब्द अरविन्द केजरीवाल के हैं। जी, वही केजरीवाल जिन्होंने दिल्ली में बेघरों को घर दिलाने की जद्दोजहद की। ठंड भरी रातों में खुले आसमान तले रात बेघरों को गुजारनी ना पड़े इसके लिये केजरीवाल के मंत्री जद्दोजहद करते रहे। उसी केजरीवाल को दिल्ली में कोई किराये पर मकान देने को तैयार नहीं है।