Shambhunath Shukla : जिन तीन पत्रकारों को पद्म पुरस्कार मिला है उनका योगदान साहित्य व शिक्षा क्षेत्र में बताया गया है। मगर तीनों में से किसी ने भी जवानी से बुढ़ापे तक कोई चार लाइन की कविता तक नहीं लिखी। यहां तक कि नारे भी नहीं। ये तीन पत्रकार हैं स्वप्न दासगुप्ता, रजत शर्मा (दोनों को पद्म भूषण) और रामबहादुर राय को पद्म श्री। पत्रकारों को पद्म पत्रकारिता के नाम पर मिलता तो खुशी होती।
वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल के फेसबुक वॉल से.
Umesh Chaturvedi : जयप्रकाश आंदोलन के अगुआ… शुचिता की पत्रकारिता के पैरोकार… ईमानदार कलम… जयप्रकाश नारायण के शिष्य… गांधी विचार के प्रबल अनुयायी…. चंद्रशेखर, वीपी सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे प्रधानमंत्रियों के नजदीकी होने के बावजूद राजनीति के आंगन में सहज निर्विकार शख्सियत… यथावत पाक्षिक के संपादक… रामबहादुर राय के लिए कई और विशेषण हो सकते हैं. उन्हें पद्मश्री मिलने पर हार्दिक बधाई. यह बात और है कि वे इससे भी कहीं ज्यादा के हकदार हैं.
पत्रकार उमेश चतुर्वेदी के फेसबुक वॉल से.