पेरिस। फ्रेंच पत्रिका शार्ली अब्दो में आतंकियों का निशाना बनने से बचे पत्रकारों ने आंखों देखा हाल सुनाया। दिल दहला देने वाली इस वारदात को शुरू-शुरू में सभी ने कहीं आतिशबाजी होना समझा था। लेकिन थोड़ी ही देर में पत्रकारों का नाम पूछकर उन्हें मारा जाने लगा। इनमें से जीवित बची एक महिला पत्रकार का कहना है कि उसे इसलिए जिंदा छोड़ा गया कि वह महिला है। महिला रिपोर्टर सिंगोलेन विनसन ने बताया कि आतंकियों ने उसे ये कह कर छोड़ दिया कि वह महिला है। लेकिन उसे बुर्का पहनने को कहा। साथ ही उसे हिदायत दी कि वह उसे इस शर्त पर जिंदा छोड़ रहे हैं कि वह इस्लाम धर्म को अपना ले और कुरान पढ़े।
रेडियो फ्रांस को दिए साक्षात्कार में विनसन ने बताया कि एक आतंकी ने उसके सिर पर बंदूक तानी थी। लेकिन उसे आखिर में जिंदा छोड़ दिया। उसने कहा कि वह महिलाओं को नहीं मारते। इसलिए उसे छोड़ रहे हैं। वह आतंकी अल्लाह हो अकबर चिल्लाते हुए आगे बढ़ गया। इस हमले में जीवित बचे एक अन्य पत्रकार लॉरेंट लेगर उसी कमरे में थे जहां उनके ज्यादातर साथियों को मार दिया गए। लेगर ने बताया कि उन दोनों को देख कर एक क्षण के लिए लगा कि ये कोई मजाक है। बाहर से गोलियों की आवाजें आने पर हम में से कुछ ये सोचकर मुस्कुरा रहे थे कि बाहर कहीं आतिशबाजी हो रही है। बाद में एक आतंकी काले लिबास में बैठक वाले कमरे के अंदर घुसा और संपादक व कार्टूनिस्ट स्टीफेन शारोबोनेयर को शार्ब नाम से बुलाया। उसके बाद उसने समूहों पर गोलीबारी की। हमलावरों की नजरों से बचने के लिए वह गिरकर मेज के नीचे छिप गए। तभी एक आतंकी ने चिल्लाकर बाहर वाले को बताया कि सबको मार दिया है बस एक महिला को छोड़ दिया है।