आतंकी हमले नहीं होंगे, यह कौन सुनिश्चित करेगा… जम्मू के सुंजवान में शनिवार तड़के आतंकियों ने एक बार फिर नापाक हरकत की। सुंजवान सैन्य शिविर में केवल सैनिक ही नहीं बल्कि उनके परिजन भी थे। इस हमले का संदेह जैश-ए-मोहम्मद पर ही जा रहा है। इससे पहले उरी और पठानकोट पर भी आतंकियों ने इसी तरह हमला किया था। पिछले साल सेना ने 213 आतंकियों को मार गिराया, यह उनकी हताशा का परिचायक है। लेकिन इस तथ्य से मन को बहलाया नहीं जा सकता है। पाकिस्तान की ओर से सीमा पर गोलीबारी, घुसपैठ का सिलसिला थम नहीं रहा है। शायद ही कोई दिन बीतता हो, जब हमारे जवान शहीद न होते हों। इस बार हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट मदन लाल चोधरी की एक रिश्तेदार गर्भवती थीं, वे भी घायल हुई पर उन्हें किसी तरह बचाया गया और उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया।