पंजाब के रोपड़ जिले की सी.जे.एम. अदालत ने जिले के क्षेत्र चमकौर साहिब के पंजाब केसरी के एक पत्रकार को गलत खबर प्रकाशित करने के आरोप में 10 हजार रुपए जुर्माना ठोका है और जुर्माने की रकम माननीय अदालत द्वारा आरोपी पत्रकार से मौके पर ही वसूल ली गई है। पता चला है कि गुरमीत सिंह पुत्र गुरमुख सिंह गांव महितोतां जोकि चमकौर साहिब में साइकिल स्टैंड के ठेकेदार थे, के खिलाफ 2009 में पंजाब केसरी के पत्रकार पवन कौशल ने बिना सोचे-समझे एक खबर प्रकाशित कर दी थी। इस संबंध में जब गुरमीत सिंह ने पवन कौशल से पूछा तो वह अपनी पत्रकारिता व अखबार मालिकों तक पहुंच की धौंस दिखाने लगा।
इस पर गुरमीत सिंह ने पत्रकार पवन कौशल पर रोपड़ की माननीय अदालत में मानहानि का केस कर दिया। पवन कौशल ने लाख बचने की कोशिश की लेकिन आज माननीय अदालत ने जो फैसला सुनाया उससे देशवासियों को यकीन हो गया है कि सचमुच देश की अदालत बेगुनाह लोगों की मदद करती है और दोषियों को सजा देती है। इस दौरान अदालत में पहुंचे अन्य केसों से संबंधित सभी लोग पंजाब केसरी के पत्रकार पवन कौशल को देखकर हैरान हो रहे थे कि क्षेत्र का जानामाना पत्रकार पवन कौशल आज सिर झुकाए माननीय अदालत में जुर्माने की रकम अदा कर रहा है। कुछ लोगों ने तो पत्रकार पवन कौशल को फटकार भी लगाई।
लोगों का कहना है कि अपने पत्रकारों को शह देकर विजय चोपड़ा ने पत्रकारिता का सिर झुका दिया है। वह हर झूठी खबर छापने पर अपने पत्रकार को संरक्षण देता है। पंजाब केसरी ग्रुप के पत्रकार पवन कौशल को जुर्माना होने के बाद उन सब लोगों को भी इंसाफ की आस जगी है जिन्होंने पंजाब केसरी के मालिक विजय कुमार चोपड़ा पर मानहानि के केस कर रखे हैं। उल्लेखनीय है कि विभिन्न अदालतों में विजय चोपड़ा पर 500 से ज्यादा मानहानि के केस चल रहे हैं।
विजय चोपड़ा लम्बे समय से इन केसों को किसी न किसी बहाने लटकाता चला आ रहा है। इसके बावजूद बहुत से केस अब फैसले के निकट पहुंच चुके हैं तथा इंसाफ के इंतजार में बैठे लोगों को शीघ्र इंसाफ मिलने की उम्मीद है। कुछ मामलों में विजय चोपड़ा को सजा भी सुनाई जा चुकी है लेकिन उसने ऊपरी अदालतों में अपील कर जमानत ले रखी है लेकिन कानून के माहिरों का कहना है कि, ‘बकरे की मां आखिर कब तक खैर मनाएगी।’
इसके अलावा विजय चोपड़ा पर पेड न्यूज (पैसे लेकर खबरें छापना) के भी कई केस चल रहे हैं। चुनावों के दौरान पंजाब केसरी व जगबाणी में पैसे लेकर बहुत-सी खबरें प्रकाशित की गई थीं। जिस संबंध में चुनाव आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया था। (साभार- दैनिक सवेरा)