दिल्ली की श्रम अदालत ने दैनिक जागरण पर ठोंका दो हजार रुपये का जुर्माना

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले से जुड़े दिलीप कुमार द्विवेदी बनाम जागरण प्रकाशन मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा श्रम न्यायालय ने दैनिक जागरण पर दो हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। इस जुर्माने के बाद से जागरण प्रबंधन में हड़कंप का माहौल है। बताते हैं कि गुरुवार को दिल्ली की कड़कड़डूमा श्रम न्यायालय में दैनिक जागरण के उन 15 लोगों के मामले की सुनवाई थी जिन्होंने मजीठिया बेज बोर्ड की मांग को लेकर जागरण प्रबंधन के खिलाफ केस लगाया था। इन सभी 15 लोगों को बिना किसी जाँच के झूठे आरोप लगाकर टर्मिनेट कर दिया गया था। गुरुवार को जब न्यायालय में पुकार हुयी तो इन कर्मचारियों के वकील श्री विनोद पाण्डे ने अपनी बात बताई।

यूपी में आरटीआई के तहत मांगी जानकारी तो देना पड़ेगा जुर्माना

अगर आप उत्तर प्रदेश में आरटीआई ऐक्ट (सूचना के अधिकार) के तहत जानकारी हासिल करने की सोच रहे हैं तो सावधानी के साथ कदम बढ़ाएं। अगर राज्य सूचना आयोग की चली तो वह आपको दंडित कर सकता है और आपको उस सरकारी विभाग को मुआवजा देने के लिए कह सकता है, जिससे आपने सूचना मांगी है। इससे भी परेशान करने वाली बात यह है कि आपको किस आधार पर मुआवजा देने को कहा जाएगा, यह भी पूरी तरह से सूचना आयोग की मर्जी पर निर्भर करेगा।

अदालत ने पंजाब केसरी के पत्रकार से वसूला 10 हजार रुपए जुर्माना

पंजाब के रोपड़ जिले की सी.जे.एम. अदालत ने जिले के क्षेत्र चमकौर साहिब के पंजाब केसरी के एक पत्रकार को गलत खबर प्रकाशित करने के आरोप में 10 हजार रुपए जुर्माना ठोका है और जुर्माने की रकम माननीय अदालत द्वारा आरोपी पत्रकार से मौके पर ही वसूल ली गई है। पता चला है कि गुरमीत सिंह पुत्र गुरमुख सिंह गांव महितोतां जोकि चमकौर साहिब में साइकिल स्टैंड के ठेकेदार थे, के खिलाफ 2009 में पंजाब केसरी के पत्रकार पवन कौशल ने बिना सोचे-समझे एक खबर प्रकाशित कर दी थी। इस संबंध में जब गुरमीत सिंह ने पवन कौशल से पूछा तो वह अपनी पत्रकारिता व अखबार मालिकों तक पहुंच की धौंस दिखाने लगा।