कन्हैया के साथ उसकी दोस्त की तस्वीर को पंजाब केसरी ने अय्याशी बता दिया!

Vineet Kumar : फेसबुक टाइमलाइन पर कन्हैया के साथ उसकी दोस्त की जो तस्वीर तैर रही है, पंजाब केसरी जैसा अखबार समूह जिसे जेएनयू की प्रोफेसर की अय्याशी बता रहा है, मुझे रत्तभर भी हैरानी नहीं हो रही है. मैं मीडिया की कुंठा को बेहद करीब से जानता-समझता हूं और उनसे बुरी तरह प्रभावित लोगों को भी.. इन दिनों मेरे बेहद करीबी रिश्तेदार लोग जो उम्र में मुझसे कम से कम दस-बारह साल बड़े होंगे, व्हॉट्स अप पर चुटकुले भेजने का काम कर रहे हैं, उन्हें बुरा न लगे तो शुरू-शुरू में स्माइली भेज दिया करता.

पंजाब केसरी के मालिक विजय चोपड़ा को जज ने दिखाई औकात, कोर्ट रूम से बाहर निकाला

मीडिया के मालिकों की ऐंठन को ठीक करने का काम कई ईमानदार किस्म के न्यायाधीश कर डालते हैं. ऐसा ही एक मामला पंजाब के होशियारपुर का है. यहां गलत खबर छापने के एक मामले में निजी पेशी हेतु आए पंजाब केसरी के मालिक विजय चोपड़ा सीधे कोर्ट रूम में घुस गए. तब जज ने उन्हें फटकारते हुए कोर्ट रूम के बाहर जाने को कहा और आवाज लगने पर ही अंदर आने के आदेश दिए.

पंजाब केसरी के मालिक विजय चोपड़ा व पत्रकार अमरजीत मालवा को कोर्ट में घसीटने की तैयारी

जगराओं: पंजाब केसरी व जगबाणी अखबार के पत्रकारों की ओर से झूठी खबरें छापने और बाद में धमकियां देने की गूंज अब राज्य के सेहत मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी के पास भी पहुंच गई है। सोमवार को स्थानीय सिविल अस्पताल में औचक निरीक्षण को आए सेहत मंत्री ज्याणी के आगे अस्पताल की नर्सों ने पंजाब केसरी व जगबाणी के पत्रकारों की काली करतूतों का चिट्ठा फरोल दिया। नर्सों की और से सेहत मंत्री को अखबार में लगी वो झूठी खबर भी दिखाई गई जो पत्रकार अमरजीत सिंह मालवा की ओर से छापी गई थी।इसके अलावा स्टाफ नर्सों ने सेहत मंत्री से पत्रकार अमरजीत सिंह मालवा की और से नर्सों को अस्पताल आकर धमकियां देने, सिविल अस्पताल को आग लगाने, सिविल अस्पातल में मरीजों का आना बंद करवाने, नर्सों की सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने और नर्सों को मानसिक तौर पर परेशान करने की बात भी कही।

पंजाब केसरी ग्रुप ने प्रधान मंत्री को भेंट किए राहत फंड के 2.41 करोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2.41 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट देता हुआ पंजाब केसरी परिवार

दिल्ली : पिछले दिनों पंजाब केसरी ग्रुप के पाठकों की ओर से नेपाल के भूकंप पीड़ितों को प्राइम मिनिस्टर रिलीफ फंड के लिए भेजे गए 2.41 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे गए। 

पंजाब केसरी के मालिक का हाल देखिए, मोदी के सामने हाथ बांधे डरते कांपते खड़े हैं!

ये हैं बीजेपी के सांसद और पंजाब केसरी अखबार के मालिक. क्या हाल है बिकी हुई मीडिया का, खुद ही देखिये.  जब अख़बारों / चैनलों के मालिक / संपादक लोग अपनी पूरी उर्जा लोकसभा / राज्यसभा की सीट और पद्मभूषण आदि के लिये खर्च करते हुए इस चित्र में दिखाई मुद्रा में जा पहुंचें हों तब मीडिया को लोकतंत्र का चौथा खम्भा कैसे माना जा सकता है? ये तो सत्ता के चारणों की मुद्रा है.

अदालत ने पंजाब केसरी के पत्रकार से वसूला 10 हजार रुपए जुर्माना

पंजाब के रोपड़ जिले की सी.जे.एम. अदालत ने जिले के क्षेत्र चमकौर साहिब के पंजाब केसरी के एक पत्रकार को गलत खबर प्रकाशित करने के आरोप में 10 हजार रुपए जुर्माना ठोका है और जुर्माने की रकम माननीय अदालत द्वारा आरोपी पत्रकार से मौके पर ही वसूल ली गई है। पता चला है कि गुरमीत सिंह पुत्र गुरमुख सिंह गांव महितोतां जोकि चमकौर साहिब में साइकिल स्टैंड के ठेकेदार थे, के खिलाफ 2009 में पंजाब केसरी के पत्रकार पवन कौशल ने बिना सोचे-समझे एक खबर प्रकाशित कर दी थी। इस संबंध में जब गुरमीत सिंह ने पवन कौशल से पूछा तो वह अपनी पत्रकारिता व अखबार मालिकों तक पहुंच की धौंस दिखाने लगा।

‘नवोदय टाइम्स’ के कुमार गजेन्द्र, सतेंद्र त्रिपाठी, सज्जन, निहाल सहित 8 पत्रकारों ने पंजाब केसरी ज्वाइन किया

दो संस्थानों की आपसी पारिवारिक लड़ाई में अच्छे पत्रकारों का फायदा हुआ है. उन्हें तगड़ी सैलरी पर परिवार के ही दूसरे संस्थान ने अपने पास रखा है. पंजाब केसरी के एक मालिक ने दिल्ली में अपना दैनिक अखबार नवोदय टाइम्स के नाम से शुरू किया है. इस अखबार की क्राइम टीम को उनके परिवार के दूसरे ग्रुप यानि दिल्ली वाले पंजाब केसरी के मालिक ने अपने यहां ऊंची तनख्वाह पर रख लिया है. 

दीपावली बोनस 5 रुपये की माजा बोतल!

पंजाब केसरी अखबार में पैसे बचाने के लिए एक से बढकर एक नायाब नुस्खे आजमाये जा रहे हैं। जालंधर से प्रकाशित होने वाले पंजाब केसरी ने जब इस बार अपने कर्मियों को दीपावली पर शगुन देने की बात कही तो कर्मचारियों की बांछे खिल गयी। देश भर के कार्यालयों में जब सगुन पहुंचा तो कर्मियों ने समझा कि पता नहीं क्या भेजा है। निकला बाबा जी का ठुल्लू। माजा की बोतल। हो गयी इति श्री। जालंधर कार्यालय से लेकर पूरे देश में पंजाब केसरी के अधिकत न्यूज एजेंटों की संख्या असंख्य है, लेकिन यह दिया भी उन्हीं को दिया गया जो कटिंग के आधार पर कार्य नहीं कर रहे हैं।

‘पंजाब केसरी’ की खबर में ‘दैनिक सवेरा’ अखबार के मालिक को ‘गंजा’ कहकर संबोधित किया गया!

पंजाब में पंजाब केसरी और दैनिक सवेरा अखबारों के बीच आपसी लड़ाई खूब होती रहती है. ये दोनों अखबार एक दूसरे की पोल खोलते रहते हैं और इसकी खबरें भी अखबार में छापते रहते हैं. पंजाब केसरी की वेबसाइट पर एक खबर फोटो समेत है जिसमें एक दैनिक अखबार की प्रतियां फूंके जाने की बात बताई गई है. दैनिक सवेरा के प्रति पंजाब केसरी के गुस्से को इस बात से समझा जा सकता है कि खबर में कहीं दैनिक सवेरा का नाम भले ही न हो लेकिन उसके मालिक को गंजा कहकर संबोधित किया गया है. फोटो से जाहिर हो जा रहा है कि अखबार दैनिक सवेरा ही है. कम से कम एक दूसरे को गंजा या काला या नाटा कहकर बिलो द बेल्ट वार तो नहीं ही की जानी चाहिए. बाकी, पोल खोल खबरों से असल फायदा जनता को, पाठकों को होता है जिन्हें बड़े-बड़ों की छोटी-चीप हरकतों के बारे में मालूमात होता रहता है. नीचे पंजाब केसरी में प्रकाशित तस्वीर और तस्वीर है.

-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

पंजाब केसरी के संपादक अश्विनी कुमार ने अनुवाद कर परिवार का पेट पाल रहे पत्रकार के साथ की धोखाधड़ी (पार्ट एक)

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आदरणीय यशवंत जी

संपादक

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम। 

यशवंत जी मेरे साथ हुई धोखाधड़ी के एक मामले की जानकारी आपको देना चाह रहा हूं, इस निवेदन के साथ कि आप इसे अपनी प्रतिष्ठित साइट पर प्रकाशित करें, ताकि मेरे साथ न्याय हो सके।  मैं दिल्ली में ट्रांसलेशन एजेंसी चलाता हूं। मैने पंजाब केसरी के संपादक अश्विनी कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘क्या हिंदुस्तान में हिंदू होना गुनाह है’ का भारत की नौ विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करवाया है। लेकिन मुझे करीब एक साल बाद भी पूरा भुगतान नहीं मिला है। ट्रांसलेशन के संबंध में मुझसे हिंदू साहित्य सभा के पदाधिकारी महेश समीर ने संपर्क किया था, जो कि पुस्तक का संपादक भी है। उस समय समीर ने यही कहा कि धन की कोई कमी नहीं है और पूरा भुगतान सही समय पर होगा। इसी कारण मैंने कुछ एडवांस भी नहीं लिया।