ED ने भारत एक्सप्रेस न्यूज़ चैनल के सीएमडी और एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय व कुछ अन्य लोगों के खिलाफ साल 2018 के मनी लॉन्ड्रिंग केस में 2.18 करोड़ रूपये की संपत्ति अटैच की है. जिसमें नोएडा के कुछ फ्लैट और सावधि जमा शामिल हैं. इस मामले में उपेंद्र राय ने ईडी के फैसले को चुनौती दी है.
उपेंद्र राय ने इस कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, “मुझे प्रवर्तन निदेशालय से 26 फरवरी को प्रेस विज्ञप्ति मिली. इस विज्ञप्ति को पढ़कर मैं हैरान और चिंतित हूं. राय ने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सीबीआई और ईडी द्वारा दायर मामले माननीय न्यायालयों के समक्ष विचाराधीन हैं. मैंने एजेंसियों के आरोपों को चुनौती दी है, मुझे उम्मीद है कि न्यायालय में न्याय मिलेगा.”
इससे पहले ईडी ने अपने एक बयान में कहा है कि, अचल संपत्ति उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थित आरोपी उपेंद्र राय के स्वामित्व वाले फ्लैटों और चल संपत्तियां सावधि जमा (ED) व बचत खाते में शेष राशि के रूप में है. उपेंद्र राय पर मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला CBI की दो FIR पर आधारित है. राय को पहले सीबीआई और बाद में मई 2018 में ईडी ने अरेस्ट किया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.
शिकायत के 6 साल बाद कार्रवाई
उपेंद्र राय ने कहा कि, “जहां तक सीबीआई के मामलों का सवाल है, यह रिकॉर्ड की बात है कि किसी भी एफआईआर में कोई वित्तीय लाभ या वित्तीय लेनदेन नहीं है. एक क्लोजर रिपोर्ट अदालत के समक्ष दायर की गई है. जहां तक दूसरी एफआईआर का सवाल है उसे आपके सामने रख रहा हूं. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने अपने आरोप वापस ले लिए हैं और एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है. मामला गलत समझ का परिणाम था. मेरे या मेरे आदेश पर कोई जबरन वसूली नहीं की गई. ये भी मीडिया ट्रायल चलने के लिए बनाया गया, जो कानूनी तौर पर ठीक नहीं. कार्रवाई शिकायत दर्ज होने के 6 साल बाद हो रही है. मैंने न्यायालय के सामने जांच का मामला उठाया है. जो फ्लैट कुर्क किए हैं वह मेरे या मेरे परिवार के सदस्यों के नहीं हैं. जिसका जिक्र प्रेस विज्ञप्ति में किया गया है.”