मजीठिया वेजबोर्ड चाहिए तो 24 नवंबर से शुरू होने वाले पोस्टकार्ड अभियान में जरूर हिस्सा लें

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साथियों! मजीठिया की लड़ाई में आप का साथ मील का पत्थर साबित होगा। यशवंज सर के संदेश के बाद से मेरे पास कई प्रदेशों से नामी अखबारों के पत्रकारों के फोन आने का सिलसिला जारी है। कुछ पत्रकार ने मजीठिया की  लड़ाई के लिए सुझाव भी दे रहे हैं। साथियों, ‘मजीठिया संघर्ष 2014’ महत्वपूर्ण दौर में है। आइए मिलकर इस लड़ाई को लड़ें। आने वाले सोमवार यानी 24 नवंबर 2014 से पोस्ट कार्ड अभियान की शुरुआत की जा रही है। आप को सिर्फ  तीन पोस्ट कार्ड भेजने हैं। यह  पोस्ट कार्ड सुप्रीम कोर्ट के माननीय चीफ जस्टिस, राष्टपति और  प्रधानमंत्री के नाम भेजने हैं।  पोस्ट कार्ड का मजनून इस प्रकार है….

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पोस्टकार्ड नंबर एक…

सम्माननीय,
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया,
सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश संख्या WRIT PETITION (CIVIL) NO. 246 OF 2011 एवं   CONMT.PET.(C) No. 401/2014 In W.P.(C) No. 246/2011, Cont.P.(C)No. 411 of 2014 in W.P.(C)NO.246 of 2011, Cont.P.(C)No. 450 of 2014 in W.P.(C)No. 264 of 2012 के क्रम में।

माननीय,
देश का पत्रकार वर्ग वर्षों से देश की सेवा कर रहा है लेकिन अखबार मालिक उनका शोषण कर रहे हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय ने मजीठिया वेज बोर्ड को लागू कर आदेश दिया कि सभी पत्रकार और गैर-पत्रकार जो मीडिया में काम कर रहे हैं, उन्हें मजीठिया बोर्ड का लाभ नवंबर 2011 से एरियर और अप्रैल 2014 से निर्धारित सैलरी के रूप में दिया जाए लेकिन अखबारों के मालिक अपनी हठधर्मिता और प्रभाव का इस्तेमाल कर इसे लागू नहीं कर रहे हैं।  अधिकांश अखबार मालिकों ने अपने कर्मचारियों  पर दबाव डालकर उनसे ‘मजीठिया लाभ की आवश्यकता नहीं’ होने वाले कागजों  पर हस्ताक्षर कराएं हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश करने की योजना है। इससे पत्रकार वर्ग परेशान है।  पत्रकार को डराया और धमकाया जा रहा है कि अगर वो मजीठिया कि मांग करेगा तो उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। कुछ पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने की मांग की तो उन्हें प्रताड़ित कर सजा देते हुए उनका ट्रांसफर किया जा रहा है।  हमें आप  पर पूरा भरोसा है कि आप हमें न्याय दिलाएंगे। जिन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों  पर दबाव डालकर खाली कागज या ‘मजीठिया की आवश्यकता नहीं’ होने वाले कागजों  पर हस्ताक्षर कराएं हैं, उन्हें पूरी तरह खारिज कर हमें मजीठिया दिलाने की कृपा करें। जिन पत्रकारों के ट्रांसफर किए जा चुके हैं, उन्हें रद़द कराकर राहत प्रदान कराने की कृपा करें। जिन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है उन्हें नौकरी पर रखने के आदेश देकर उनके परिवारों पर कृपा करें।  जिन अखबारों ने मजीठिया वेज बोर्ड को लागू नहीं किया, उन अखबारों के सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाने की कृपा करें।

इस पते पर भेजें…

माननीय चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया
सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली।

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पोस्टकार्ड नंबर दो

माननीय,
श्री प्रणव मुखर्जी
राष्ट्रपति, नई दिल्ली।
देश का पत्रकार वर्ग वर्षों से देश की सेवा कर रहा है लेकिन अखबार मालिक उनका शोषण कर रहे हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय ने मजीठिया वेज बोर्ड को लागू कर आदेश दिया कि सभी पत्रकार और गैर-पत्रकार जो मीडिया में काम कर रहे हैं, उन्हें मजीठिया बोर्ड का लाभ नवंबर 2011 से एरियर और अप्रैल 2014 से निर्धारित सैलरी के रूप में दिया जाए लेकिन अखबारों के मालिक अपनी हठधर्मिता और प्रभाव का इस्तेमाल कर इसे लागू नहीं कर रहे हैं।  अधिकांश अखबार मालिकों ने अपने कर्मचारियों  पर दबाव डालकर उनसे ‘मजीठिया लाभ की आवश्यकता नहीं’ होने वाले कागजों  पर हस्ताक्षर कराएं हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश करने की योजना है। इससे पत्रकार वर्ग परेशान है।  पत्रकार को डराया और धमकाया जा रहा है कि अगर वो मजीठिया कि मांग करेगा तो उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। कुछ पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने की मांग की तो उन्हें प्रताड़ित कर सजा देते हुए उनका ट्रांसफर किया जा रहा है।  हमें आप  पर पूरा भरोसा है कि आप हमें न्याय दिलाएंगे। जिन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों  पर दबाव डालकर खाली कागज या ‘मजीठिया की आवश्यकता नहीं’ होने वाले कागजों  पर हस्ताक्षर कराएं हैं, उन्हें पूरी तरह खारिज कर हमें मजीठिया दिलाने की कृपा करें। जिन पत्रकारों के ट्रांसफर किए जा चुके हैं, उन्हें रद़द कराकर राहत प्रदान कराने की कृपा करें। जिन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है उन्हें नौकरी पर रखने के आदेश देकर उनके परिवारों पर कृपा करें।  जिन अखबारों ने मजीठिया वेज बोर्ड को लागू नहीं किया, उन अखबारों के सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाने की कृपा करें।

इस पते पर भेजें…
राष्ट्रपति
राष्ट्रपति सचिवालय
राष्ट्रपति भवन,
नई दिल्ली, 004 110.
फोन: 011-23015321
फैक्स: 011-23017290/011-23017824

यहां आनलाइन भी भेज दें…
फेसबुक: https://www.facebook.com/presidentofindiarb

ट्विटर: https://twitter.com/rashtrapatibhvn

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पोस्टकार्ड नंबर तीन

माननीय,
श्री नरेन्द्र मोदीजी
प्रधानमंत्री, भारत सरकार
देश का पत्रकार वर्ग वर्षों से देश की सेवा कर रहा है लेकिन अखबार मालिक उनका शोषण कर रहे हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय ने मजीठिया वेज बोर्ड को लागू कर आदेश दिया कि सभी पत्रकार और गैर-पत्रकार जो मीडिया में काम कर रहे हैं, उन्हें मजीठिया बोर्ड का लाभ नवंबर 2011 से एरियर और अप्रैल 2014 से निर्धारित सैलरी के रूप में दिया जाए लेकिन अखबारों के मालिक अपनी हठधर्मिता और प्रभाव का इस्तेमाल कर इसे लागू नहीं कर रहे हैं।  अधिकांश अखबार मालिकों ने अपने कर्मचारियों  पर दबाव डालकर उनसे ‘मजीठिया लाभ की आवश्यकता नहीं’ होने वाले कागजों  पर हस्ताक्षर कराएं हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश करने की योजना है। इससे पत्रकार वर्ग परेशान है।  पत्रकार को डराया और धमकाया जा रहा है कि अगर वो मजीठिया कि मांग करेगा तो उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। कुछ पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने की मांग की तो उन्हें प्रताड़ित कर सजा देते हुए उनका ट्रांसफर किया जा रहा है।  हमें आप  पर पूरा भरोसा है कि आप हमें न्याय दिलाएंगे। जिन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों  पर दबाव डालकर खाली कागज या ‘मजीठिया की आवश्यकता नहीं’ होने वाले कागजों  पर हस्ताक्षर कराएं हैं, उन्हें पूरी तरह खारिज कर हमें मजीठिया दिलाने  की कृपा करें। जिन पत्रकारों के ट्रांसफर किए जा चुके हैं, उन्हें रद़द कराकर राहत प्रदान कराने की कृपा करें। जिन लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है उन्हें नौकरी पर रखने के आदेश देकर उनके परिवारों पर कृपा करें।  जिन अखबारों ने मजीठिया वेज बोर्ड को लागू नहीं किया, उन अखबारों के सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाने की कृपा करें।

इस पते पर भेजें….
श्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री कार्यालय
साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल
नई दिल्ली -110011
फोन: +91-11-23012312
फैक्स: +91-11-23019545, 23016857

यहां आनलाइन भी भेज दें…
फेसबुक: https://www.facebook.com/narendramodi

ट्विटर: https://twitter.com/narendramodi

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आप को करना क्या है

ये तीनों फार्मेट आप के क्षेत्र में जितने पत्रकार हैं, उनके तीन गुना पोस्टकार्डों  पर अलग-अलग  प्रिंट कराने हैं। इन्हें उनके हस्ताक्षर करा कर माननीय चीफ जस्टिस, माननीय राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित करना है।

कदम तो बढ़ाना होगा

दोस्तो! हमें कदम तो बढ़ाना ही होगा। आप में से कोई भी अपनी जिम्मेदारी खुद तय कर ले। पोस्टकार्ड को प्रिंट करा लें और उन्हें पत्रकारों तक पहुंचाकर पोस्ट कराएं। मैंने एक कहानी सुनी है। एक राजा था। उसने नगर में एक तालाब बनवाया लेकिन उसमें पानी नहीं था। सलाह कर राजा ने प्रजा से अपील की कि रात के समय सभी लोग एक एक लोटा पानी इस तालाब में डालें। रात बीती,  सुबह आई तो तालाब खाली मिला। कारण था-उस नगर के सभी व्यक्तियों ने सोचा कि हमारे एक लोटा पानी से क्या होगा, यही सोचकर किसी ने भी पानी नहीं डाला। मित्रों मैं न तो राजा हूं। न ही आप प्रजा। लेकिन यह कहानी हम  सभी पत्रकार साथियों को एक बड़ा संदेश दे रही है। आप  किसी दूसरे के लिए इस महाक्रांति में योगदान देने से मत रुकना। दो जनवरी (सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का दिन) को इतिहास बनने जा रहा है। हो सकता है कुछ और समय भी लग जाए। आप चिंता मत करना।

मजीठिया हमारा हक है, यह हमें हर हाल में मिलेगा।

धन्यवाद!!
रजनीश रोहिल्ला
09950954588

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Comments on “मजीठिया वेजबोर्ड चाहिए तो 24 नवंबर से शुरू होने वाले पोस्टकार्ड अभियान में जरूर हिस्सा लें

  • Kashinath Matale says:

    Dear Sir, Jee,
    Hamare organisation me Majithia Wage Board April 2014 se implement ho gaya hai. Parntu Fitment/Fixation barabar nahi huya hai. DA ka calculation galat kiya hai. 189 poits ka aadhar rakhkar DA calculate kar rahe hai, Jabki Notification me 167 points ka aadar banaya hai, Isse 22 points ka DA kam mil raha hai. Service increments stop diye hai. Annual increment stop kar diye hai. Total improper tarikese implement huya hai.

    1. Kya aap bata sakte hai ki DA ke liye konse points ka aadahr lena chahiye. ?

    2. Kya DA ka calculation ke liye VP (Variable Pay) Basic me addition karana Chahiye?

    3. Kya Service increment nahi milne chahiye?

    4. Kya Jis karmachari ka basic max. par gaya hai, use annual increment Milna chahiye?

    5. 11-11-2011 me jis emplouees ke existing emoluments, revised maximum basic se bhi jyada hote hai, to us employee ka basic kya Rahega?

    6. Us employee ka basic revised max. basic rahega ya existing emoluemts ke barabar ya jyada hona chahiye?

    Management ke calculation ke tarikese old employees ka loss ho raha hai.

    Majithia ne Factory Staff and Administrative Staff ke basic bahot hi kam banay hai.
    7. Kya iske liye kuch kar sakte hai?

    Ho sake to mujhe mere emails kgmmatale@gmail.com or bhadas4media.com par details bhejneka kasth kare.

    Kashinath Matale, Nagpur

    Reply
  • varsha vishwakarma says:

    Kya jin karmchariyon se mansika mansik pratadna dekar istifa liya gaya hai wah bhi majithiya ke hakdar hai.

    Reply

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