दैनिक जागरण समूह के डिजिटल वेंचर जागरण डॉट कॉम से दो खबरें हैं. एक तो ये कि प्रत्यूष रंजन का दैनिक जागरण छोड़ना जागरण प्रबंधन को पच नहीं पा रहा है. एक अगस्त को जागरण डॉट कॉम के मैनेजिंग एडिटर प्रत्यूष रंजन के इस्तीफे के बाद मैनेजमेंट बिलबिला रहा है.
मैनेजिंग एडिटर पद से इस्तीफा देकर प्रत्यूष रंजन ने पीटीआई ज्वाइन करने से पहले अपनी तीन महीने की तनख्वाह जागरण को सौंप दिया. ऐसा सेवा शर्तों के कारण किया. अगर दैनिक जागरण उन्हें निकालता तो तीन महीने की सेलरी देता. वे खुद छोड़ते हैं तो तीन महीने की सेलरी जागरण को देंगे. प्रत्यूष ने यही किया. उन्होंने तीन महीने की तनख्वाह दैनिक जागरण को थमा कर अलविदा कह दिया. लेकिन दैनिक जागरण इससे नहीं माना. पता चला है कि जागरण प्रबंधन ने जाने क्या क्या हिसाब कर के लाखों की देनदारी प्रत्यूष रंजन पर निकाल दी है. इस देनदारी को लेकर केस कर दिया है.
दूसरी खबर जागरण डाट काम से ये है कि यहां प्रत्यूष रंजन के जाने के बाद कमान संभाले हुए अनिल पांडेय के राज में कर्मचारियों का भरपूर शोषण हो रहा है. वेबसाइट पेज व्यूज से रैंकिंग हासिल करती है और जब से अमर उजाला से आए अनिल पांडे को कमान दी गई है तब से अराजकता का माहौल है.
विभिन्न टीम के कई लोग पिछले एक महीने में इस्तीफा दे चुके हैं. मानव संसाधन विभाग (HR) की एवीपी नेहा वर्मा को किसी के घर में हुई दुर्घटना, व्यक्तिगत अस्वस्थता आदि से कोई मतलब नहीं. उन्हें महीने में स्टोरीज की निर्धारित संख्या चाहिए तो चाहिए.
अनिल पांडेय की तरफ से शुक्रवार को फरमान जारी किया गया कि सब के सब कल ऑफिस में होने चाहिए और उस पर नेहा वर्मा ने मुहर भी लगा दी. शनिवार और रविवार दो दिन अवकाश होता है यहां. पर अब शनिवार को अवकाश के दिन सबको बुला लिया गया है. इससे कर्मचारियों में काफी रोष है.
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