न्यूज चैनलों के पतन की पराकाष्ठा का वक्त है ये. न्यूज चैनलों में होड़ मची हुई है कि तू सबसे घटिया या मैं सबसे घटिया. इसी अंदाज में एक चैनल ने अपने एक एंकर को इसलिए नौकरी से निकाल दिया क्योंकि इस एंकर ने रिपोर्टिंग के दौरान उगाही करने से इनकार कर दिया.
चैनल का नाम है प्राइम टीवी. ये कथित न्यूज चैनल लखनऊ से संचालित किया जाता है. इसमें एक युवा महिला एंकर काम करती थी. उसे एंकरिंग के अलावा रिपोर्टिंग का काम भी दिया जाता था. जब वह इंटरव्यू के लिए किसी विशिष्ट व्यक्ति के पास जाती तो चैनल के प्रबंधन की तरफ से उस पर दबाव दिया जाता कि वह उस विशिष्ट व्यक्ति से चैनल के लिए पैसे मांगे.
संपन्न घर से ताल्लुक रखने वाली युवा महिला एंकर ने इस तरह के घटिया काम करने से इनकार कर दिया. बस इसी के बाद चैनल के प्रबंधन की भृकुटि तन गई. महिला एंकर को नौकरी से निकालने के लिए बहाना खोजा जाने लगा.
आखिरकार एक झूठा आरोप लगाया गया कि वह चैनल में देर से आती है और जल्दी चली जाती है. टर्मिनेशनल लेटर में यह भी कहा गया है कि अगर उसने चैनल की बातें कहीं बाहर शेयर की तो उस पर मुकदमा चलाया जाएगा.
मतलब जबरा मारे और रोवे भी न दे. अपने मीडियाकर्मियों से दलाली करवाओ. जब वो इनकार करें तो नौकरी से झूठे आरोप लगाकर निकालो और फिर धमकाओ कि अगर बाहर किसी से कुछ कहा तो कानूनी कार्रवाई झेलना.
इतना घटियापा आजकल के न्यूज चैनलों में ही हो सकता है. खासकर प्राइम टीवी जैसे कुकुरमुत्ते न्यूज चैनलों में जिसका सुबह और शाम सिर्फ दलाली के नाम ही होता है. यहां काम करने वाले हर शख्स पर अघोषित-घोषित दबाव होता है पैसे लाने का.
एक बड़ा सवाल ये भी है कि क्या प्राइम टीवी नाम से किसी चैनल का लाइसेंस केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय से जारी हुआ है या नहीं? भड़ास के पाठकों से अनुरोध है कि वे लखनऊ से संचालित प्राइम टीवी चैनल की कुंडली के डिटेल भड़ास के पास भेजें ताकि युवा पत्रकारों पर उगाही का दबाव बनाकर उनका जीवन व करियर नष्ट करने के अपराधी इस चैनल की असलियत सामने लाने का काम किया जा सके.
देखें एंकर का टर्मिनेशन लेटर-
महिला एंकर अपने टर्मिनेशन के बाद दलाली के लिए कुख्यात इस चैनल के खिलाफ विभिन्न मंचों पर कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है.
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