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उत्तर प्रदेश

एसएचओ ने कहा जांच जल्दी करानी है तो मामला दूसरे थाने में ट्रांसफर करा लो

मैं मंगलवार को लोनी थाने के एसएचओ से मिलना चाहता था. इसीलिए एसएचओ गौरखनाथ यादव को दिन में 11 बजकर 28 मिनट पर उनके मोबाईल पर कॉल किया. उनके मोबाईल पर घंटी जाती रही लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई.

<p>मैं मंगलवार को लोनी थाने के एसएचओ से मिलना चाहता था. इसीलिए एसएचओ गौरखनाथ यादव को दिन में 11 बजकर 28 मिनट पर उनके मोबाईल पर कॉल किया. उनके मोबाईल पर घंटी जाती रही लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई.</p>

मैं मंगलवार को लोनी थाने के एसएचओ से मिलना चाहता था. इसीलिए एसएचओ गौरखनाथ यादव को दिन में 11 बजकर 28 मिनट पर उनके मोबाईल पर कॉल किया. उनके मोबाईल पर घंटी जाती रही लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई.

दोबारा कॉल लगाई. कॉल रिसीव हुई. पर कॉल पर एसएचओ गौरखनाथ यादव नहीं बल्कि उनका कोई सिपाही हरिओम यादव था. मैंनें कहा– गौरखनाथ जी से बात करवाईये. जबाव मिला– वो कोर्ट में गये हैं गवाही के लिए. मैंनें कहा– उनसे मिलना है, कब तक बात हो पायेगी? जबाव मिला– पता नहीं. मैंनें उसको अपने मामले का संदर्भ बताते हुए कहा कि बताइयेगा उनको कि वहां से कॉल थी.
 
मैंनें एसएचओ गौरखनाथ यादव को 3 बज़कर 13 मिनट पर फिर कॉल की. रिंग गई पर कॉल रिसीव नहीं हुई. मैंनें दोबारा कॉल लगाई. इस बार कॉल रिसीव हुई और कॉल रिसीव करने वाले व्यक्ति एसएचओ गौरखनाथ यादव थे.
 
मैंनें एसएचओ गौरखनाथ यादव जी से कहा– सर मेरे मामले में कहां तक पहुंचे हैं आप? जबाव मिला– चल रही है कार्यवाई, कर रहे हैं हम जांच. मैंने अगला सवाल किया– अभी तक क्या स्टेटस है आपकी जांच का? आपने जांच के नाम पर क्या कार्रवाई की है अभी तक, ज़रा बताईये. एसएचओ साहब ज़रा गुस्सा हुए और बोले– हम जांच कर रहे हैं. बहुत पेचीदा होते हैं ये मामले.
 
मैं एसएचओ साहब को चुपचाप सुनता रहा. सुनते-सुनते एसएचओ साहब एक बार उफ़ान में आये और बोले– अगर आप हमारी तफ़्तीश से संतुष्ट नहीं हैं तो दूसरे थाने में ट्रांसफर करा लीजिये मामला. मैंनें कहा- वैसे आपने तफ़्तीश के नाम पर किया ही क्या है पिछले 6 दिनों में, जो मैं संतुष्ट होंऊ या असंतुष्ट… बताइये आप.
 
इतना कहने के बाद एसएचओ साहब की कॉल कट हो गई.
 
अब आप सभी से पूछना चाहता हूं कि जब मेरे थाना क्षेत्र में ही पुलिस मामले में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है तो दूसरे थाने में केस सुलझ पाएगा, इस बात की क्या गारंटी है…?
 
क़ानून और यूपी पुलिस के जानकार बतायें कि क्या मुझे अपने मामले को दूसरे थाने में ट्रांसफर करा लेना चाहिए..? कृप्या उचित मार्गदर्शन करें. माता-पिता के ग़मगीन चेहरों को देख-देख कर और यूपी पुलिस की कार्यशैली से दो-चार होने के बाद दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है.

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रहीसुद्दीन
संवाददाता- न्यू डेल्ही पोस्ट
मो. 9555023323
ईमेलः [email protected]

 

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मूल ख़बरः

पत्रकार के यहां लाखों की चोरी, पहले रिपोर्ट लिखने में आनाकानी अब कार्यवाही करने में ढीली यूपी पुलिस

 

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