संजय शर्मा-
एक बात पर चर्चा कोई नहीं कर रहा कि अतीक के राजनैतिक और व्यापार के रिश्ते किस हद तक किससे थे ? ED का छापा अतीक के करीबी संजीव के यहां पड़ा और हजारों करोड़ के फर्जी निवेश की बात पता चल गई. लेकिन ED की हिम्मत नहीं है जो सारी बातें खोल दें क्योंकि प्रयागराज के किसी भी जागरूक इंसान से इस धंधे की बात कर लीजिये तो मामला हाईकोर्ट के जजों तक जा पहुंचता है.
हाईकोर्ट ही नहीं बात सुप्रीम कोर्ट के एक जज तक जा पहुंचती है. हो सकता है यह बात गलत हो पर अगर प्रयागराज में दर्जनों लोग यह बात कहते है कि संजीव अग्रवाल, अतीक का आदमी था और संजीव के यहां जजों का भी पैसा लगा है तो यह चर्चा भी बहुत खतरनाक है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को तत्काल इस एनकाउंटर की जांच के साथ इस बात की भी जांच अपने ही जज से करवाना चाहिए कि प्रयागराज में ऐसी बातें क्यों हो रही है. अगर मेरी बात से किसी न्यायाधीश के सम्मान को ठेस पहुंची हो तो क्षमा करें. एक पत्रकार होने के नाते मेरा यह लिखना जरुरी था.
सीएम योगी के दाहिने खड़े शख़्स का नाम राजीव अग्रवाल है ! इसके भाई संजीव अग्रवाल के यहॉ आज सुबह से ED की छापेमारी चल रही है ! प्रयागराज में अतीक के क़रीबियों के यहॉ चल रही इस छापेमारी का नेतृत्व खुद ED के ज्वाइंट कमिश्नर कर रहे है ! यह सारे छापे अतीक के क़रीबियों के यहॉ मारे जा रहे है ! सीएम के मिट्टी में मिला दूँगा वाले बयान के बाद कौन वो शख़्स था जिसने अतीक के करीबी कहे जाने वाले इन लोगों को सीएम के मठ तक पहुँचा दिया ! इंटेलिजेंस विभाग कहॉ था ! इतनी बड़ी बदनामी सीएम की किसने करा दी ! राइट और लेफ़्ट खड़े लोगों की जन्मपत्री राजनीति में तूफ़ान मचा देगी !
उपरोक्त फ़ोटो तीन चार दिन पुरानी है ! गोरखपुर में मठ में एक कार्यक्रम की ! सीएम के बायें खड़े शख़्स अमित गोयल है ! प्रयागराज के बहुत बड़े बिल्डर है ! कुछ साल पहले अंडर गारमेन्ट्स बेचा करते थे आज करोड़ों के मालिक है ! एक स्कूल के उद्धाटन कार्यक्रम में सीएम तक पहुँच गये ! आपके प्रयागराज में कोई भी परिचित हो तो पूछ लीजिये के इनके पास किसका पैसा लगा है ! इनके नक़्शे पास होना हो या कोई और परेशानी तो कौन सिफ़ारिश करता था ! STF को भी पड़ताल करना चाहिए कि आख़िर इस बेशुमार दौलत के पीछे की कहानी के तार कहीं उस शख़्स से तो नहीं जुड़े जिसको मिट्टी में मिला देने की बात सीएम ने की थी ! अगर यह बात सच है तो यह शख़्स सीएम तक कैसे पहुँचा इसकी भी पड़ताल होना चहिये ! प्रयागराज के माननीय न्यायमूर्ति जी लोगों को भी ऐसी पार्टी से दूरी बना कर रखना चाहिए क्योंकि आज प्रयागराज में जिस बिल्डर के यहॉ ED का छापा पड़ा है सभी लोग जानते हैं कि उसके तार न्यायाधीश लोगों तक जुड़े है ! मेरी इन बातों का प्रमाण भले काग़ज़ों पर ना हो पर प्रयागराज में छोटे से लेकर बडे पद पर तैनात रहा और शहर का हर व्यापारी यह सच जानता है ! यह इंटेलिजेंस की नाकामी है कि ऐसा शख़्स सीएम तक पहुँच गया जिसका नाम अतीक से आम तौर पर लोग जोड़ते है ! सच क्या है यह जानना सरकार का काम है !