जादूगोड़ा। भारत के अति सुरक्षित एवं बड़े स्कूलों में से एक परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय में दो शिक्षको ने दावारा मासूम बच्चियो के साथ छेड़खानी का मामला सामने आया है। बच्चियाँ कक्षा दो से पाँच तक की छात्राएं हैं। स्कूल प्रबंधन जांच के नाम पर मामला सलटाने मे लगा है। अभी तक शिक्षको पर कोई कार्यवाई नहीं की गई है। एक बच्ची इतनी डर गयी है की पिछले दो दिनो से बीमार पड़ी है और कुछ बच्चियाँ डिप्रेशन में हैं। ये बच्चियां स्कूल नहीं जाना चाहती। सबसे बड़ी समस्या ये है कि अभिभावक बदनामी के डर से एफआईआर भी नहीं करा रहे हैं। केवल थाना प्रभारी से मिलकर कार्यवाई की मांग कर रहे हैं।
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के जादूगोड़ा यूसिल कॉलोनी स्थित परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय(दो) में तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भाजपा नेता अशोक विश्वकर्मा के नेतृत्व में स्कूल पहुँचकर जमकर हंगामा किया। सभी अभिभावक आरोपी दोनों शिक्षको पर कड़ी कार्यवाई, उन्हे तत्काल स्कूल से हटाने और गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
अभिभावकों के स्कूल पहुँचने की खबर से सुरक्षा के मद्देनज़र स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया हुआ था। जादूगोड़ा पुलिस दलबल के साथ मौजूद थी। जब अभिभावक, जिनमे महिलाएं अधिक थीं, स्कूल परिसर में प्रवेश करने लगे तो जादूगोड़ा थाने के बाबू अरुण कुमार ने केवल चार पाँच अभिभावकों को की अंदर जाने को कहा लेकिन कोई भी उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुआ। आक्रोशित अभिभावक सीधे प्रिंसिपल के कक्ष मे घुस गए।
स्कूल के प्रिंसिपल एस शेषन ने सभी को बैठा कर वार्ता करने की कोशिश की लेकिन अभिभावक आरोपी शिक्षकों एन महान्ती एवं रमेश प्रसाद को तत्काल स्कूल से हटाने की मांग पर अड़े रहे। अभिभावक उस समय स्कूल के प्रिन्सिपल पर नाराज़ हो गए जब उन्होने कहा की वे दोनों शिक्षको पर कोई कार्यवाई नहीं कर सकते। जो कारवाई होगी मुंबई से होगी। प्रंसिपल ने ये भी कहा कि दोनों शिक्षकों को स्कूल आने से भी नहीं रोका जा सकता। यह पावर केवल एलएमसी चेयरमेन के पास है।
प्रिंसिपल के इस बात से वहां उपस्थित सभी अभिभावक गुस्से में आ गए और उन्होने दो टूक कहा कि जब तक स्कूल के एलएमसी चेयरमेन घोष हाज़रा स्कूल नहीं आते है तब तक उनमें से कोई भी घर नहीं जाएगा। सभी यहीं धरने पर बैठ जाएँगे। अभिभावकों के रौद्र रूप को देखते हुए प्रिंसिपल ने तुरंत एलएमसी चेयरमेन घोष हाज़रा से करीब 10 मिनट बात की। इसके बाद उन्होने अभिभावकों से कहा कि वे एक लेटर फैक्स कर रहे हैं जिसके बाद दोनों शिक्षको को स्कूल से हटा दिया जाएगा।
यह कार्यवाई चल ही रही थी कि प्रिन्सिपल को एक फोन आया और वे बाहर चले गए। उनके बाहर जाते ही अचानक से बिजली चली गयी और कार्यवाई रुक गयी। अभिभावक करीब एक घंटे तक स्कूल में रुके रहे लेकिन स्कूल की बिजली नहीं आई। अभिभावकों ने बताया की यह स्कूल प्रबंधन और एलएमसी की चाल है जिसके तहत बिजली काट दी गयी। भूखे प्यासे अभिभावक घंटो स्कूल परिसर में रहे। इस दौरान यूसिल के सुरक्षा अधिकारी भी मौजूद थे।
महिलाओं ने प्रिंसिपल के सामने बताया कि दोनों शिक्षक विगत दो वर्षो से स्कूल की बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करते आ रहे हैं। बच्चियां डरी हुई थीं इसलिए उन्होनें अभी तक कुछ नहीं बताया था। मामला प्रकाश मे आने के बाद यह पता चला की दोनों शिक्षको ने कई बच्चियो के साथ ऐसी हरकत की है। एक महिला अभिभावक ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की स्कूल में शिक्षको द्वारा छोटी-छोटी बच्चियों को चॉक लाने, बूक पहुंचाने और अन्य कार्यो के लिए अलग रूम या स्टाफ ऑफिस में भेजा जाता है। ऐसे मे कोई भी बच्चियो के साथ गलत हरकत कर सकता है।
स्कूल प्रबंधन से कोई ठोस आश्वासन और शिक्षको पर कार्यवाई नहीं किए जाने से आक्रोशित अभभावकों ने जादूगोड़ा थाने पहुँचकर थाना प्रभारी को पूरी घटना की जानकारी दी। एक अभिभावक ने थाना प्रभारी को बताया की स्कूल से आने के बाद बच्ची ने बताया की स्कूल के शिक्षक महान्ती सर और प्रसाद सर हम बच्चियों के शरीर को इधर-उधर छूते और पकड़ते हैं। बच्ची ने शरीर के जिन भागो के बारे मे बताया उससे पता चलता है कि बच्चियो का शारीरिक शोषण हो रहा है।
इस संबंध में स्कूल के प्रिंसिपल से बात की गई, अन्य अभिभावकों ने भी बताया की हमारी बच्चियों के साथ भी दोनों शिक्षक गलत हरकत करते आ रहे हैं। इस संबंध मे स्कूल प्रबंधन से 21 अगस्त को शिकायत की गयी थी। स्कूल प्रबंधन ने पाँच सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर जांच भी की और शिक्षको को दोषी भी पाया है लेकिन अभी तक दोषी शिक्षको पर कोई कार्यवाई नहीं हुई है।
थाना प्रभारी अरविंद प्रसाद यादव ने अभिभावकों को आश्वासन दिया है कि आरोपी शिक्षको पर उचित कारवाई की जाएगी। भाजपा नेता अशोक विश्वकर्मा ने बताया की यहाँ के लोग कानून पर विश्वास बनाए हुए हैं। जल्द से जल्द आरोपी शिक्षको पर कार्यवाई की जानी चाहिए ताकि लोग कानून को अपने हाथो मे न लें। उन्होने स्कूल प्रबंधन को भी चेतावनी देते हुए कहा की जल्द से जल्द दोनों शिक्षको को स्कूल से हटाया जाए।
जादूगोड़ा से संतोष अग्रवाल की रिपोर्ट।