मनीष दुबे-
आख़िर वही हुआ जिसका डर था। बहुत सारे लोगों को अधर में छोड़ कर शमशेर सिंह ने इंडिया डेली लाइव चैनल के प्रधान संपादक पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने अपने संदेश में मालिकों की तारीफ़ की है। सवाल है कि जब मालिक अच्छे हैं तो आप चैनल क्यों छोड़ गए? आपके नाम पर जो लोग आये उन्हें दांव पर क्यों लगा आए। अंदर रह कर लड़ते हुए स्थितियों को ठीक करने की जगह इस्तीफ़ा देकर भाग जाने का रास्ता क्यों अपनाया?
ये पहली बार नहीं है। बार बार ऐसा ही शमशेर करते रहे हैं। भारत24, ज़ी हिंदुस्तान चैनल के हाल फिलहाल के उदाहरण बिलकुल सामने हैं। हर जगह उनके लाये लोगों को मुश्किल दौर झेलना पड़ा। उन्हें पहले चैनल में उत्पीड़न फिर बेरोज़गारी का शिकार होना पड़ा।
जितने शोर-शराबे के बीच शुरू हुआ था न्यूज़ चैनल इंडिया डेली लाइव, अब उतनी ही तेज़ी के साथ पतन की तरफ़ जा रहा है। मालिकों का पैसा चैनल लांचिंग पर पानी की तरह बहाया गया। ग़ैर ज़रूरी विज्ञापनों के ज़रिये चैनल की बजाय व्यक्तियों का चेहरा चमकाया गया। भारी भरकम पैकेज पर ढेर सारे लोगों को रखा गया। ऐसे में चैनल के मालिकों को एक दिन नींद से जगना ही था। सब्ज़बाग दिखा कर कब तक चैनल चलाया जा सकता है।
शमशेर के इस्तीफ़े के बाद प्रबंधन का ज़ोर अब चैनल का मासिक खर्च कम करने का रहेगा। इसके लिए बहुत सारे लोगों की बलि ली जाएगी। इसकी शुरुआत हो चुकी है। दर्जनों लोग निकाले जा चुके हैं। मालिकों को झांसा देकर चैनल शुरू कराने का अंजाम यही होता है। चैनल को एक दिन गड्ढे में गिरना ही पड़ता है। चैनल के मालिकों का पैसा इतना खर्च करा दिया जाता है कि वे जब होश में आते हैं तब वास्तविकता देख उनका चैनल चलाने का उत्साह ठंढा पड़ चुका होता है। और इस सबके बीच में चैनल को शुरू करने वाले लोग खुद को हर स्तर पर चमका कर चुपके से चल देते हैं।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि चैनल से मीडियाकर्मियों को बिना नोटिस बाहर कर दिया गया है लेकिन इस छँटनी के ख़िलाफ़ शमशेर ने एक शब्द नहीं बोला है। उल्टे मालिकों की तारीफ़ करते हुए उन्हें अच्छा बताया है। इसको लेकर चैनल के कर्मियों के मन में सवाल है।
शमशेर ने अपने लंबे चौड़े मैसेज में मालिकों की तारीफ़ में लिखा है- “साथियों, हमारे दोनों प्रोमोटर्स काफ़ी अच्छे हैं, नया फाइनेन्सर जो आया है वो भी अच्छा है।”
यही शमशेर सिंह आगे लिखते हैं- “मेरे कुछ वसूल हैं, मेरे कुछ संस्कार हैं, मेरे कुछ अपने नियम हैं जिससे समझौता ना तो मैंने किया है ना ही कर सकता। लिहाज़ा ख़ुद को आप सबों से अलग कर रहा हूँ।”
उपरोक्त दोनों बयान ख़ुद में अंतर्विरोधी है। या तो मालिक ग़लत हैं या आप उनसे लड़ना नहीं चाहते, अपनी ख़ुद की इमेज मालिकों के मन में बचाये बनाये रखना चाहते हैं, भले ही इसके लिए अपने कर्मियों को दांव पर लगाना पड़ जाये।
चैनल के एडिटर इन चीफ शमशेर सिंह के इस्तीफा देने के बाद चैनल के सोशल मीडिया एकाउंट पेजों के कवर से उन्हें गायब कर दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि चैनल के मालिकान ने आय और व्यय को लेकर जब जवाब तलब किया तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसके बाद ही छँटनी का फ़ैसला ले लिया गया। सबसे पहले चैनल की भारी भरकम डिजिटल टीम की छंटनी की गई।
ख़ुद को अजीब स्थिति में पाकर शमशेर ने साहस के साथ मालिकों के फ़ैसले का विरोध करने की जगह उनकी तारीफ़ करते हुए ख़ुद अकेले ही चैनल से अलग हो गये। उनके इस तरह जाने से चैनल की उनकी टीम स्तब्ध है। नये नये चैनलों से बहुत जल्दी जल्दी इस्तीफ़ा देने वाले शमशेर सिंह के साथ भविष्य में काम करने से पहले लोग अब सौ बार सोचेंगे।
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शमशेर के इस्तीफे और इंडिया डेली लाइव चैनल की वर्तमान हालत को लेकर आप क्या सोचते हैं, अपनी राय लिखकर मेल करिए, अनुरोध करने पर आपका नाम पहचान गोपनीय रखा जाएगा. भड़ास की मेल आईडी है- [email protected]