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राजस्थान पत्रिका समूह ने अपनी वेबसाइट के प्रधान संपादक पद से शोमा चौधरी को हटाया, पढ़िए शोमा का कर्मियों को लिखा गया पत्र

राजस्थान पत्रिका वाले अंग्रेजी और हिंदी में एक न्यूज वेबसाइट चलाते हैं. कैच न्यूज डॉट कॉम नाम से. इसे लांच हुए साल भर भी नहीं हुआ. इसका प्रधान संपादक शोमा चौधरी को बनाया गया. अब राजस्थान पत्रिका के मालिकों को शोमा चौधरी पच नहीं रही हैं. शोमा को तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा गया.

राजस्थान पत्रिका वाले अंग्रेजी और हिंदी में एक न्यूज वेबसाइट चलाते हैं. कैच न्यूज डॉट कॉम नाम से. इसे लांच हुए साल भर भी नहीं हुआ. इसका प्रधान संपादक शोमा चौधरी को बनाया गया. अब राजस्थान पत्रिका के मालिकों को शोमा चौधरी पच नहीं रही हैं. शोमा को तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहा गया.

उन्हें आदेश दिया गया है कि वे 29 फरवरी के बाद काम पर न आएं. राजस्थान पत्रिका ग्रुप से जुड़ने से पहले शोमा ‘तहलका’ मैग्जीन की मैनेजिंग एडिटर थीं. शोमा के अलावा मेल टुडे के पूर्व एडिटर भारत भूषण भी कैच न्यूज से नेतृत्वकारी भूमिका में जुड़े थे. शोमा ने एक पत्र लिखकर कर्मचारियों को पूरे प्रकरण की जानकारी दी है, जिसे आप उपर पढ़ सकते हैं.

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0 Comments

  1. Lakchaya pandey

    March 1, 2016 at 9:44 am

    Giri hali soch ka news paper hai patrika patrikarita ko kalankit kar raha hai majithia na dena pade isliye kar raha hai ye sab

  2. prem.mishra

    March 5, 2016 at 8:02 am

    ये कोई नई बात नहीं है। राजस्थान पत्रिका ने अब कमीनगी की हद कर दी है। पूरे गु्रप में कुत्तीगीरी चल रही है। मप्र पत्रिका में तो सब खत्म करने की कोषिष की जा रही है। इंदौर, भोपाल, जबलपुर पत्रिका में ऐसे-ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं कि काम करने वाले डर के मारे मरे जा रहे हैं। जबलपुर पत्रिका के हाल तो ऐसे हैं कि चाटुकारों की बल्ले-बल्ले है। बाकी मर रहे हैं। आलोक मिश्रा ने कुछ दिन पहले यहां जो माहौल बनाया था, वह संस्थान को डुबाने के लिए काफी था। अब नए संपादक भी जोनल हेड के कहने पर उन्हीं की राह चल रहे हैं। जिस क्राइम रिपोर्टर ने आलोक मिश्रा के जमाने में जबलपुर में अपने को स्टार बता रखा था, वही अब गोंविंद ठाकरे को साध रहा है। उसकी घटिया से घटिया खबर भी बाईलाइन दी जाती है। मनोज दीक्षित के जाने के बाद संपादक को यह नहीं पता कि वीरेंद्र अब फिर से षहर में कहने लगा है कि वह पत्रिका का सबसे मजबूत आदमी है। आलोक मिश्रा के जमाने में प्लस की जिस रिपोर्टर को वीरेंद्र अपनी लुगाई बताता था, अब भी भरे कार्यालय में उसे लुगाई की तरह ही बताता है। गोंविंद ठाकरे साहब को षायद अकल आ जाए। क्योंकि वे सज्जन हैं। वीरेंद्र जैसे लोग इसी का फायदा उठा रहे हैं।

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