मुंबई : देश भर के मीडियाकर्मियों के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ पाने का सपना देखने वाले मुम्बई के श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस की न्यूज़ पेपर वितरण कंपनी श्री अम्बिका एजेंसी के कर्मचारियों को जस्टिस मजीठिया वेज का लाभ अब नहीं मिल पायेगा। 21 अक्टूबर 2016 को श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के पर्सनल आफिसर दयानेश्वर विठ्ठल रहाणे ने मुंबई के कामगार आयुक्त कार्यालय को एक पत्र लिखकर जानकारी दी है कि श्री अम्बिका एजेंसी पार्टनरशिप फर्म है। ये कोई कंपनी नहीं है। श्री अम्बिका एजेंसी कई समाचार पत्रों का, जिसमें श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के समाचार पत्र भी शामिल हैं, का वितरण करती है।
श्री रहाणे ने लिखा है कि श्री अम्बिका एजेंसी की शुरुवात श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशन्स के पहले की गयी थी और श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस एक स्वतंत्र उपक्रम है और इसका श्री अम्बिका एजेंसीज से कुछ भी लेना देना नहीं है। यही नहीं, इसकी धनराशि का निवेश भी श्री अम्बिका एजेंसी में नहीं होता है। आपको बता दें कि श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के 10 से ज्यादा मीडियाकर्मियों ने कम्पनी के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए 17 (1) का रिक्वरी क्लेम कामगार आयुक्त कार्यालय में लगा रखा है।
इस क्लेम में दावा किया गया था कि श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस और श्री अम्बिका एजेंसीज एक ही प्रबंधन की फर्म हैं। श्री अम्बिका एजेंसीज के कर्मचारियों की लिस्ट और उसकी वर्ष 2007 से 2010 तक की बैलेंसशीट भी मांगी गयी थी लेकिन कंपनी ने वह भी नहीं दिया और साफ़ कह दिया कि मजीठिया वेज बोर्ड के लाभ का हकदार श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के कर्मचारी ही है और इसके कर्मचारियों को वह लाभ दे रहा है। फिलहाल क्लेम करने वाले सभी मीडियाकर्मियों ने प्रबंधन के इस तर्क पर अपना लिखित रूप से विरोध जताया है और आगे की रणनीति तय करने के लिए बैठक बुलाई है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
मुंबई
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