यूपी के बरेली जिले में पुलिस कप्तान रोहित सजवाण ने पत्रकारों के खिलाफ सफाई अभियान चला दिया है. जिस पत्रकार के खिलाफ जनपद के किसी थाने में कोई मुकदमा दर्ज है तो उस पत्रकार को जिले में पत्रकारिता नहीं करने देने का ऐलान कर दिया गया है. अपवाद स्वरूप केवल उन दागी पत्रकारों को ही वाट्सअप के एसएसपी मीडिया सेल में जोड़ा जाएगा जो एसएसपी या डीआईजी या आईजी या एडीजी के करीबी हैं.
मामला बरेली में पत्रकारों की राजनीति से जुड़ा होने का है. नेटवर्क18 के पत्रकार हरीश शर्मा और कुछ अखबारों व पोर्टलों के पत्रकारों की आपसी गुटबाजी का नतीजा है कि जिले में मीडिया वालों की बेइज्जती पुलिसवाले करने लगे हैं. हरीश शर्मा के अभद्र व्यवहार के कारण उनकी एंट्री एसपी सिटी बरेली ने अपने कार्यालय में बन्द करा रखी है. हालिया कारनामा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही एक टीवी चैनल के पत्रकार और एक न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार के बीच कहा सुनी का है. इसके बाद चुगलखोर पत्रकारों ने बरेली के एसएसपी को चढ़ा कर छोटे न्यूज़ चैनल के पत्रकारों और पोर्टल के पत्रकारों को एसएसपी के मीडिया ग्रुप से बाहर निकलवा दिया.
हरीश शर्मा खुद हापुड़ जनपद के रहने वाले हैं और मीडिया के नाम पर भरपूर ऐश की जिंदगी जीते हैं. कहा तो ये भी जा रहा है कि हरीश शर्मा के हिसाब से जनपद में पत्रकारिता करने पर ही आपको एसएसपी बरेली के मीडिया ग्रुप में जगह मिलेगी नहीं तो ये पत्रकार और इसकी टीम में शामिल दो चार अन्य पत्रकार मिल कर किसी भी अधिकरी को चढ़ा के कुछ भी करा सकते हैं.
एसएसपी बरेली रोहित सिंह सजवाण के मीडिया ग्रुप से निकाले जाने वाले पत्रकारों की लंबी लिस्ट है. वो सभी पत्रकार हरीश शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं. एसएसपी के ग्रुप से निकाले जाने वाले पत्रकारों की एसएसपी बरेली हर थाने से जाँच भी करा रहे हैं कि किस पत्रकार पर जनपद के किस किस थाने में कितने कितने मुकदमे दर्ज हैं.
बरेली से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.