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सुख-दुख

स्टेट बैंक वाले तो लुटेरे हैं भाई!

दुर्गेश गौर-

कुछ दिन पहले State Bank of India में एक नया Saving Account खुलवाया। मुझसे 3000₹ जमा करवाये, जिसमे से 1000₹ तुरंत काट लिए ये बोल कर कि एक साल का Accident Insurance (in auto-renewable mode) दिया जा रहा है जो कि mandatory है।

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अगले दिन वित्त मंत्रालय की एक सूचना पढ़ी जिसमे बैंकों को निर्देश दिया गया था कि बैंकिंग सेवाओं के अतिरिक्त वे अपने लोन और इन्सुरेंस स्कीम/प्रोडक्टस जबर्दस्ती बेचना बंद करें।

SBI General Insurance से पूछने पर उन्होंने बताया कि ये इन्सुरेंस mandatory नहीं हैं। अगर इन्सुरेंस कैंसिल करवा कर रिफंड चाहिए तो बैंक का NOC ईमेल करो।

अगले दिन बैंक मैनेजर से पूछा तो वो बोला कि इन्सुरेंस से क्या दिक्कत है, अगर दिक्कत है तो अगले साल बंद करवा देना। मैंने बोला कि जब चाहिए ही नहीं तो बंद की बात कहाँ से आई। जमकर बहस हुई तब जा कर उसने NOC दिया। इन्सुरेंस कंपनी को NOC भेज दिया है, उनका कहना है कि 10 दिन के अंदर रिफंड आ जाएगा।

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नोट: अब चिंता की बात ये है कि ऐसे कितने ही गरीब, मजदूर, ग्रामीण, अनपढ़ या बेखबर लोगों को SBI या अन्य बैंक लूट रही हैं।

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2 Comments

2 Comments

  1. Dipak kumar

    December 29, 2022 at 9:35 pm

    मुझे बैंक वाले से कोई हमदर्दी नहीं है वो भी एसबीआई से लेकिन बैंक ने आज तक गलत सूचना देकर बीमा नहीं बेचा.

    बचत खाता खोलने के लिए बीमा पॉलिसी लेना जरूरी होता है. यह भ्रामक तथ्य बैंक देता है तो आपको बैंक अफसर पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस में एक फर्जीवाड़े का केस भी कर सकते थे.

    पुलिस केस न भी करना चाहें तो आरबीआई और बैंक लोकपाल में भी शिकायत किया जा सकता है. बैंक अफसर को सबक सीखाने के लिए जरूरी भी है.

  2. Dipak kumar

    December 29, 2022 at 9:35 pm

    मुझे बैंक वाले से कोई हमदर्दी नहीं है वो भी एसबीआई से लेकिन बैंक ने आज तक गलत सूचना देकर बीमा नहीं बेचा.

    बचत खाता खोलने के लिए बीमा पॉलिसी लेना जरूरी होता है. यह भ्रामक तथ्य बैंक देता है तो आपको बैंक अफसर पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस में एक फर्जीवाड़े का केस भी कर सकते थे.

    पुलिस केस न भी करना चाहें तो आरबीआई और बैंक लोकपाल में भी शिकायत किया जा सकता है. बैंक अफसर को सबक सीखाने के लिए जरूरी भी है.

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