-गोलेश स्वामी-
हिन्दुस्तान लखनऊ व पटना में संपादक और राष्ट्रीय सहारा लखनऊ में संपादक तथा दैनिक जागरण कानपुर में संयुक्त संपादक रहे वरिष्ठ पत्रकार श्री सुनील दुबे का शुक्रवार को निधन हो गया।
सुनील दुबे राष्ट्रीय सहारा नोएडा के भी संपादक रहे।
उनका अनुशासन मशहूर था। आज भी उनके साथ लोग काम किए लोग उनके अनुशासन के कायल हैं। वे बाहर से सख्त और अंदर से बहुत नरम दिल इंसान थे। वे जहां भी रहे, लंबी पारी खेली।
वे दिल्ली हिन्दुस्तान से करीब डेढ़ दशक पूर्व रिटायर होने के बाद लखनऊ के विकासनगर में निवास कर रहे थे। मुझे अमर उजाला से हिन्दुस्तान लाने वाले वही थे। वे ईमानदारी और निष्ठा से काम करने वालों को मानते भी थे और सम्मान भी करते थे।
लंबी बीमारी के कारण उनका निधन हो गया। बहुत याद आएंगे दुबे जी। हार्दिक श्रद्धांजलि।
-गोलेश स्वामी
-शम्भूनाथ शुक्ल-
सुनील दुबे नहीं रहे। कानपुर में जब मैं दैनिक जागरण में बतौर प्रशिक्षु नियुक्त हुआ था, सुनील जी तब वहाँ संवाददाता थे और रोज़ उनकी बाई-लाइन होती। एक ट्रेनी के लिए यह बहुत विस्मयकारी होता! और अच्छा भी लगता कि इन लोगों के साथ मैं भी काम करता हूँ। लेकिन दैनिक जागरण में अपनी पारी बहुत छोटी थी।
1983 में मैं दिल्ली आ गया, जनसत्ता में। परंतु सुनील जी याद आते रहे। बाद में वे दैनिक जागरण के गोरखपुर संस्करण में प्रभारी रहे और उसके बाद वे हिंदुस्तान के पटना तथा लखनऊ संस्करण के संपादक भी रहे। बीच में वे दिल्ली आए। तब वे नोएडा के जलवायु विहार में रहते थे। जब मैं कानपुर में अमर उजाला का संपादक था, तब हफ़्ते में एक दिन लखनऊ स्थित ब्यूरो ऑफ़िस में भी जाकर बैठता।
उन दिनों सुनील जी लखनऊ हिंदुस्तान में संपादक थे। अक्सर मिलना हो जाता। वे जब कानपुर आते तो अमर उजाला के दफ़्तर मिलने ज़रूर आते। उसके लंबे समय बाद वे फ़ेसबुक पर मिले। उन्हें कानपुर के इतिहास पर मेरी सिरीज़ बहुत पसंद आती थीं। उनका आग्रह था, कि इसे जल्द ही पुस्तक रूप में आना चाहिए। मैं हाँ-हाँ तो करता रहा, लेकिन अपने आलस के चलते पांडुलिपि ही नहीं तैयार कर सका।
आज थोड़ी देर पहले देवप्रिय जी ने फ़ोन पर बताया कि सुनील जी नहीं रहे। वे अपनी डायबिटीज पर क़ाबू नहीं पा सके।
सुनील दुबे जी की स्मृतियों को नमन!
आनंद कुशवाहा, औरैया
October 24, 2020 at 11:22 am
हिंदुस्तान लखनऊ में संपादक रहते सुनील जी ने 2001 में मुझे औरैया जिले का संवाददाता नियुक्त किया था. वे सुयोग्य संपादक, कलमकार और बहुत अच्छे इंसान थे. भगवान उन्हें अपने चरणों में स्थान दें. ओम् शांति, सादर नमन.