Jitendra Narayan : तमिलनाडु के तुतीकोरिन में जिस स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 11 लोगों की जानें गईं हैं, उसी स्टरलाइट कंपनी के मूल मालिक वेदान्ता कंपनी के दिए चन्दों के कारण काँग्रेस और भाजपा दोनों को दिल्ली उच्च न्यायालय ने विदेशी चन्दा क़ानून के उल्लंघन का दोषी पाया था…और, इन दोनों के खिलाफ चुनाव आयोग को कार्रवाई करने का आदेश दिया था… इसके बाद मोदी सरकार ने मार्च 2018 में विदेशी चंदा एक्ट को ही समाप्त कर दिया!
Himanshu Kumar : पुलिस ने तमिलनाडु में दर्जन भर नागरिकों की गोली मार कर हत्या कर दी… ये नागरिक स्टरलाईट कम्पनी द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण का विरोध कर रहे थे… जिस कम्पनी के लिए सरकार अपने नागरिकों की हत्या कर सकती है उस कम्पनी के बारे में आपको ज़रूर जानना चाहिए… क्योंकि आप जब इस कम्पनी के बारे में जानेंगे तो आपको देश के विकास के नाम पर किये जाने वाले अपराधों लूट और गुंडागर्दी के बारे में सच जानने को मिलेगा…
स्टरलाईट कम्पनी का मालिक अनिल अग्रवाल है… इसकी मूल कम्पनी वेदांता है… अनिल अग्रवाल ब्रिटिश नागरिक है.. अनिल अग्रवाल कलकत्ता में रेलवे का चोरी का लोहा खरीदता था… चोरी का पैसा इकट्ठा होने के बाद वह रिश्वत और जालसाज़ी के दम पर आगे बढ़ता गया… इसकी ताकत इस बात से पता चलती है कि कांग्रेसी वित्त मंत्री चिदम्बरम इस का वकील था… खुद को सुरक्षित रखने के लिए अनिल अग्रवाल इंग्लैण्ड भाग गया… बाद में इसने वेदांता कम्पनी बनाई… कांग्रेस के समय में इस कम्पनी को राजस्थान के ताम्बे की खदानें और कम्पनियां सौंप दी गई… छत्तीसगढ़ में इस कम्पनी को एल्युमिनियुम कम्पनी कौड़ियों के मोल बेच दी गई…
जिस सरकारी कम्पनी के बैंक में पांच सौ करोड़ रुपया जमा था उस कम्पनी को वेदांता को पांच सौ करोड़ में बेचा गया… एक बार इस कम्पनी की बड़ी चिमनी गिर गई जिसके नीचे सैंकड़ों मजदूर दब गये… छत्तीसगढ़ का भाजपा का गृह मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने आकर खुद हाजरी रजिस्टर फाड़ डाला था… ताकि पता ना चल सके कि आज काम पर कौन कौन से मजदूर हाज़िर थे और मुआवजा ना देना पड़े… इसके बाद मजदूरों को निकाले बगैर बुलडोज़र लगा कर वहीं दबा दिया गया था… इस वेदान्ता कम्पनी के लिए उड़ीसा के नियमगिरि पहाड़ पर रहने वाले आदिवासियों को पुलिस ने बहुत सताया… आखिर में कोर्ट ने बीच में आकर अनिल अग्रवाल की इस वेदांता कम्पनी को वहाँ से भगाया था…
एक बार इस बदनाम कम्पनी ने अपने लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए दिए जाने वाला गोल्डन पीकाक अवार्ड हथिया लिया था… यह अवार्ड पालमपुर हिमाचल में दिया जाना था… लेकिन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह कार्यक्रम भंग कर दिया था… यह कम्पनी लूट रिश्वत बेईमानी पर्यावरण को नष्ट करने के लिए बदनाम है… सरकारें इस कम्पनी को बचाने के लिए अपने नागरिकों पर वैसे ही गोलियां नहीं चलातीं… बदले में नेता और पुलिस अधिकारी इस कम्पनी से बड़ी रिश्वतें लेते हैं… आप जिस विकास के झांसे में आकर इन पूंजीपतियों का समर्थन देते हैं और अपने नेताओं की बातों में आकर मूर्ख बनते हैं वह भ्रष्टाचार लूट और शुद्ध गुंडागर्दी है… इस गुंडागर्दी में पुलिस, लुटेरे पूंजीपति के स्वार्थों की हिफाज़त करने के लिए सबसे आगे रहकर जनता पर हमला करती है…
पत्रकार जितेंद्र नारायण और सोशल एक्टिविस्ट हिमांशु कुमार की एफबी वॉल से.
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