Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

तेरा क्या होगा जी न्यूज… सोशल मीडिया पर किसिम किसिम के कमेंट्स….

Nazeer Malik

Nazeer Malik : वो इंटरव्यू तो आपको याद ही होगा. जी न्यूज को इंटरव्यू देते मोदी जी. तब उन्होंने पकौड़ा दर्शन बता कर भारत में बढ़ते रोज़गार का डंका पीटा था. सामने बैठे पत्रकार जी तब ‘जी सर, यस सर, बिकुल सर’ कह कर उनके पकौड़ा रोज़गार योजना को विश्व की सर्वाधिक पापुलर और रोजगारपरक योजना का सर्टीफिकेट दे रहे थे.

उस इंटरव्यू को अभी ज़्यादा दिन नहीं हुए, मगर रोज़ी रोज़गार की हालत क्या हो गई है. चैनल के मालिक सुभाष चंद्रा जी जो मोदी जी के दोस्त और राज्यसभा सदस्य भी हैं, का आर्थिक साम्राज्य ढह रहा है, हालत ये है कि उनके इस न्यूज़ चैनल के बिकने की नौबत की खबरें सामने आने लगीं हैं.

ज़रा सोचिए देश की आर्थिक स्थिति? मुल्क की आर्थिक पॉलिसी कि हालत ये है कि अंगुलियों पर गिने जाने वाले चन्द उद्योगपतियों को छोड़ कर सभी की राह कठिन हो गई है, यहां तक कि मझौले पूंजीपतियों का कारोबार चला पाना कठिन हो गया है. जी न्यूज के मालिक सुभाष चंद्रा इसकी मिसाल हैं. यही नहीं, जिस आदमी और पार्टी की मदद के लिए इस चैनल ने भारतीय पत्रकारिता को कलंकित तक कर डाला वो भी उसे बचा पाने में मजबूर है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

सुना है अब सुभाष चंद्रा कांग्रेस से संपर्क साधने के प्रयास में हैं. कुछ लोग राहुल गांधी से बात कर सुभाष चन्द्रा से हाथ मिलवाने के प्रयास में हैं, लेकिन प्रियंका गांधी इस गठजोड़ के सख्त खिलाफ हैं. खैर इस प्रकार के संकट से किसी को भी घबराना नहीं चाहिए. सारा व्यापार चला जाए तो भी पकौड़ा रोज़गार का विकल्प तो खुला ही है.

Naved Shikoh : राष्ट्रवादी भारतीयों से अपील… जी न्यूज को एक रूपये का सहयोग दें… राष्ट्रवादी सरकार राष्ट्रवादी टीवी चैनल जी न्यूज की मदद करे। नहीं तो आम भारतीय एक-एक रुपया सहयोग कर देंगे। और देश का सबसे निष्पक्ष, सच्चा चैनल बच जायेगा। ताकतवर मोदी सरकार की चाटुकारिता तो दूर सरकार की हर कमी का आईना दिखाकर निर्भीक पत्रकारिता का दायित्व निभाने वाले ज़ी को हम सबको बचाना है। नहीं तो निष्पक्ष, निर्भीक, गैरचाटुकार और इमानदार पत्रकारिता का बड़ा नुकसान हो जायेगा। इतना जरूर है की जी ग्रुप क्या हजारों ग्रुप भी बंद हो जायें तो बेरोजगार तो कोई नही होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी न्यूज से ही कहा था कि जी न्यूज के दफ्तर के बाहर पकौड़े बेचने वाला बेरोजगार नहीं है। यानी कोई ग्रुप बंद भी हो जाये तो क्या हर्ज है। जी न्यूज के आफिस के बाहर पकौड़े बेच कर भी जीविका का इंतजाम कर सकते हैं।

खुदा ना करे कि जी न्यूज बंद हो। ये मीडिया ग्रुप दिन दूनी रात चौगुनी आगे बढ़े। इस चैनल ने हम सब को बहुत ज्ञान दिया है। नोटबंदी के बाद से चैनल पर बताया जाता रहा है कि नोटबंदी चोरों-चकारों, भ्रष्टाचारियों और काला धन रखने वालों की कमर तोड़ देगा। चोर-लुटेरे आर्थिक संकट में आ जायेंगे। पता नहीं क्यों जी ग्रुप आज आर्थिक संकट में कैसे आ गया ! इस ग्रुप की ना जाने क्यों कमर टूट गयी। जबकि जी न्यूज तो ये कहता था कि नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचारियों, भ्रष्ट राजनीति दलों और आतंकियों की कमर टूटेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बाकी पूरा देश खुशहाली और आर्थिक विकास की तरफ बढ़ रहा है। मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों/नोटबंदी/जीएसटी से छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यवसायिक ग्रुप आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। ये बातें हम सब ने जी न्यूज में अक्सर सुनी। नोटबंदी के वक्त तो जी न्यूज के स्टार एंकर और संपादक सुधीर चौधरी ने नये नोटों की उस चिप की भी जानकारी दी थी जिन नोटों को छिपा दो तो वो चिल्लायेंगे। इन नये गुलाबी नोटों की चीखें (आवाज) सुनकर इनकम टैक्स वाले भागे चले आयेंगे। इन बातों के सिवा तीन तलाक, पाकिस्तान, भारत माता-गौमाता, वन्देमातरम और भारतमाता की जय वाले जी न्यूज ने 67 साल बाद पहली बार हम सब भारतवासियों ने राष्ट्रवाद का मतलब समझा। पहली बार हमारे अंदर देशप्रेम की भावना जागृत हुयी। इतना सब कुछ किया हमारे लिए।

आज ये ग्रुप इतने संकट मे है कि इसे अपने शरीर के हिस्से (जी ग्रुप का खास हिस्सा है जी इंटरटेनमेंट) बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ये बात कोई और नहीं, ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा कह रहे हैं। बाकायदा इस आशय मे लिखा अपना पत्र वायरल करके वो देश से सहयोग की अपेक्षा कर रहे होंगे। सरकार का फर्ज बनता है कि वो इस राष्ट्रवादी ग्रुप का आर्थिक सहयोग करे। और हम भारतीय नागरिकों का भी ये कर्तव्य है कि जो हमसे हो सके वो सहयोग करें।

Advertisement. Scroll to continue reading.
https://www.facebook.com/bhadasmedia/videos/2026152174119723

बारह हजार करोड़ के घाटे पर चल रहा राष्ट्रवादी टीवी चैनल जी ग्रुप जबरदस्त आर्थिक संकट मे है। हम सब जानते हैं कि इस टीवी चैनल ग्रुप के जी न्यूज ने घर घर राष्ट्रवाद की अलख जलायी है। खासकर पिछले साढ़े चार वर्षों से तो ये चैनल राष्ट्रवाद का पर्याय बन गया था। ये इत्तेफाक है कि इस अर्से में ही ये हमारे दिलो दिमाग को राष्ट्र प्रेम की भावना से धनवान कर रहा था और खुद अंदर ही अंदर कंगाल होता जा रहा था। हम देशवासियों का फर्ज बनता है कि हम सब जी ग्रुप को एक-एक रुपये का आर्थिक सहयोग देकर इसे आर्थिक संकट से निकाल लें। गरीब से गरीब आदमी एक रुपये का सहयोग तो कर ही सकता है। सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश के दस प्रतिशत लोग भी एक-एक रूपये की सहयोग राशि जी ग्रुप को दे दें तो एक मिनट में जी ग्रुप बारह हजार करोड़ के संकट से बाहर आ जायेगा। और राष्ट्रवाद का रक्षक ये मीडिया ग्रुप बच जायेगा। इसलिए आपसे सिर्फ़ एक रूपये की मदद का सवाल है।
छुट्टा नहीं है, ये बहाना मत कीजियेगा।

वरिष्ठ पत्रकार नज़ीर मलिक और नवेद शिकोह की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन्हें भी पढ़ें….

सुभाष चंद्रा एंड कम्पनी ख़ुद ही अपने को निपटाने की राह पर है : ओम थानवी

सुभाष चंद्रा के कमजोर वक्त में उनके लिए तल्ख बात न करूंगा : रवीश कुमार

क्या सुभाष चंद्रा भी दिवालिया होने की तरफ बढ़ चले हैं?

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement