आज पहले पन्ने की खबरों और उनके शीर्षकों की ही चर्चा, वोकल फॉर लोकल को समझिये

संजय कुमार सिंह
सरकारी प्रचार की दो खबरों, सहारा के खिलाफ जांच चलती रहेगी और अगले चार साल में हर रेल यात्री को कंफर्म टिकट मिलने लगेगा जैसी भविष्यउन्मुखी प्रचारात्मक खबरों के बीच आज के अखबारों में पहले पन्ने की खबरों में यह नहीं है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भाजपा के प्रधान प्रचारक नरेन्द्र मोदी का कैसा मजाक बना रहे हैं। हालांकि अखबारों ने (पहले पन्ने पर) यह भी नहीं बताया कि नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी को मूर्खों का सरदार कहा और राहुल गांधी ने मतदताओं से कहा है कि वे बुद्धू न बनें। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी के बारे में बिना नाम लिये कहा कि उन्हें यही नहीं पता है कि देश में क्या-क्या बन रहा है तो सोशल मीडिया पर यूरिया की बोरी की एक तस्वीर वायरल है जिसमें लिखा है कि भारत यूरिया का उद्गम चीन है। फिर भी प्रधानमंत्री लोकल फॉर वोकल की बात करते हैं और दीवाली के लिये बहुत सारी लाइट चीन से आई थी।

यूरिया का उद्गम चीन में होने की चर्चा से मैंने जानना चाहा कि ‘लोकल के लिए वोकल’ कैसे हुआ जाता है तो पता चला कि भारत में ऐसी बोरियां खूब बनती है जिनमें यूरिया आयात करके देश भर में किसानों को बांटा या बेचा जा सकता है। उसपर सरकारी पार्टी का अधिकतम संभव विज्ञापन तो है ही यूरिया चीन ही नहीं कतर और दूसरे देशों से भी आता है। एक बोरी और उसके निर्माता का विवरण यह रहा। हो सकता है, भारत यूरिया में नहीं, सरकारी पार्टी के प्रचार वाली यूरिया की बोरी के मामले में आत्मनिर्भर हो। पर वह मेरा मु्द्दा नहीं है। मैं यह बताना चाह रहा था कि अखबारों में कौन सी खबरें प्रमुखता पाती हैं और कौन सी नहीं। उत्तराखंड के निर्माणाधीन टनेल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने से संबंधित खबर आज तीन अखबारों में पहले पन्ने पर है। आइये इनके शीर्षक देख लें। जब एक ही खबर भिन्न अखबारों में हो तो शीर्षक का अंतर भी दिलचस्प रहता है –
1. इंडियन एक्सप्रेस
उत्तरकाशी, 5वां दिन : राहत कर्मी टनेल में फंसे लोगों की ओर बढ़ रहे हैं
2. हिन्दुस्तान टाइम्स
फंसे हुए 40 मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर डर बढ़ा तो नई ड्रिलिंग मशीन काम में लगाई गई
3. द टेलीग्राफ
100 घंटे और टिक-टिक जारी
इंडियन एक्सप्रेस की खबर फोल्ड से ऊपर, लीड से नीचे, बीच में प्रमुखता से है। आशावादी शीर्षक है। उत्तरकाशी डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के हवाले से खबर है कि वीरवार को सुबह 10.30 बजे काम शुरू हुआ और शाम 4.30 बजे तक मशीन ने मलबे में 9 मीटर तक ड्रिल कर दिया था और काम जारी था। इस खबर में यह नहीं बताया गया है कि अभी कितना और ड्रिल करना है और कितना समय लगने की संभावना है। खबर के अनुसार टनल में पांच दिन से फंसे 40 मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें ऑक्सीजन, भोजन, पानी एक पाइप के जरिये पहुंचाया जा रहा है – राहत अभियान बगैर बाधाओं के नहीं रहा है। और पहले जो सब हुआ उसकी चर्चा है।
हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर में बताया गया है कि 4.5 किलोमीटर लंबे टनल में मलबे की दीवार 70 मीटर चौड़ी (या मोटी) है। नई अपने किस्म की अनूठी मशीन शुरू के छह घंटे में नौ मीटर ड्रिल कर पाई है। इस रफ्तार से मजदूरों तक पहुंचने में कम से कम दो और दिन लगेंगे। इसी खबर में लिखा है कि फंसे मजदूरों के लिए कम ऑक्सीजन और छिटपुट पोषण के कारण उनके स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता बढ़ रही है। अधिकारी परिवार के लोगों को यह आश्वासन दे रहे हैं कि सभी जीवित हैं और उन्हें आवश्यक सप्लाई दी जा रही है।
द टेलीग्राफ ने सरकार के हवाले से खबर दी है और बताया है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने मौका मुआयना किया और बाद में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जमीनी स्थितियों के मद्देनजर राहत अभियान पूर्ण करने में अभी दो तीन दिन ‘और’ लगेंगे। कम समय भी लग सकता है लेकिन यह याद रखा जाना चाहिये कि हमलोग यहां जो लाये हैं वह एक मशीन ही है। इस बीच, खबर यह भी है कि ईडी ने न्यूजक्लिक मामले में अमेरिकी अरबपति नेविले राय सिंघम को विदेश मंत्रालय के जरिये नये सिरे से समन भेजा है। आपको याद होगा कि मेहुल चोकसी को अमृतकाल में विदेशी नागरिकता मिल गई थी और उसे वापस लाने के तमाम प्रयास (गंभीरता से हुए हों तब भी) नाकाम रहे हैं। 10,000 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का वीडियो घूम रहा है, जिससे संबंधित है वह केंद्रीय मंत्री है, लगातार 10 साल से, कह रहा है कि चुनाव के समय उसे बदनाम करने की कोशिश है लेकिन किसी जांच की कोई खबर नहीं है। आप इसे भाजपा का आंतरिक मामला मान लीजिये और चिन्ता छोड़ दीजिये। खबर यह है कि न्यूजक्लिक मामले में 10 करोड़ से कम के विदेशी फंड का ‘स्पष्टीकरण’ ढूंढ़ा जा रहा है।
यह खबर और किसी अखबार के पहले पन्ने पर नहीं दिखी हालांकि विदेशी नागरिक को ईडी के समन के शीर्षक के कारण ही इस खबर पर मेरा ध्यान गया। आज जब शीर्षक की बात चल रही है तो एक और शीर्षक गौरतलब है।
1. इंडियन एक्सप्रेस
तमिलनाडु के राज्यपाल ने 10 विधेयक वापस किये, राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाया
2. द हिन्दू
राज्यपाल ने जो विधेयक वापस किये उन्हें तमिलनाडु विधानसभा फिर पास करेगी
3. टाइम्स ऑफ इंडिया
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के कुछ ही दिन बाद तमिलनाडु के गवरनर ने 10 विधेयक राज्य सरकार को लौटाये
शुरू की दो खबरें दोनों अखबारों में दो कॉलम में है जबकि तीसरी खबर सिंगल कॉलम में ही है। कहने की जरूरत नहीं है कि खबरें वैसे ही लिखी होती हैं जैसा शीर्षक होता है और कई बार इसका कोई कारण नहीं होता है।
आज सभी अखबारों में लीड अलग है। आइये, आज इनका शीर्षक भी देख लें
1. इंडियन एक्सप्रेस
खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय संघटन की खबर की तीसरी किस्त लीड है। इसके अनुसार साइप्रेस के प्रेसिडेंट ने कहा है, देश की छवि दांव पर है : जांच करूंगा
2. टाइम्स ऑफ इंडिया
आरबीआई ने जोखिमों को रेखांकित किया इसलिए पर्सनल लोन महंगे हो जा सकते हैं। इंट्रो है, होम, ऑटो और एजुकेशन लोन प्रभावित नहीं होंगे।
3. द हिन्दू
यूएनएससी ने गाजा में ‘मानवीय विराम, कॉरिडोर्स’ की जरूरत बताई।
4. हिन्दुस्तान टाइम्स
दिल्ली को कोई राहत नहीं क्योंकि खेतों का धुंआ हवा में है। (अधपन्ने पर) बाइडेन और शी ने बैठक में तनाव कम करने का प्रणा लिया। (पहले पन्ने पर लीड)
5. द टेलीग्राफ
राहुल ने मतदाताओं से कहा : बु्द्धू मत बनिये, फ्लैग शीर्षक है, मोदी की ‘गारंटी’ पर सवालिया निशान
आप जानते हैं कि इन दिनों चुनाव प्रचार चल रहा है और आज जब कोई बड़ी खबर नहीं थी तो भी चुनाव प्रचार की लीड सिर्फ टेलीग्राफ में ही है। दूसरे अखबारों में चुनाव प्रचार की खबर है और ऐसी ही एक खबर हिन्दुस्तान टाइम्स में लीड के बराबर में है। राजस्थान के चुनावी वायदों में सस्ती एलपीजी, सरकारी नौकरियां। बात इतनी ही नहीं है, इन दिनों छठ में बिहार जाने के लिए रेल टिकट की मुश्किलें चर्चा में हैं तो रेल मंत्री नई दिल्ली स्टेशन पर ट्रेन में यात्रियों का हाल लेने चले गये। यह खबर तो पहले पन्ने पर नहीं दिखी लेकिन नवोदय टाइम्स ने यह जरूर बताया है कि अगले चार साल में हर रेल यात्री को कंफर्म टिकट मिलने लगेगा। इस खबर का जो हिस्सा पहले पन्ने पर है उसमें यह नहीं बताया गया है कि यह जानकारी किसने दी पर सुनील पाण्डेय की यह खबर बताती है कि 2027 तक 3000 नई ट्रेनें जोड़ी जायेंगी और एक हजार करोड़ यात्रियों के परिवहन की क्षमता विकसित करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम चल रहा है।
वैसे, पहले पन्ने की आज की सबसे दिलचस्प खबरों का खिताब हिन्दुस्तान टाइम्स में सिंगल कॉलम में छपी खबर को दिया जा सकता है। इसके अनुसार, सेबी के प्रमुख ने कहा है कि सहारा की जांच सुब्रत राय के निधन के बाद भी चलती रहेगा। इससे आप समझ सकते हैं कि अखबार में छपी खबरों का महत्व कितना रह गया है। आप जानते हैं कि सेबी के एक प्रमुख ने अदाणी के खिलाफ जांच के लिए कहने पर क्या किया उन्हें याद नहीं है और अब अदाणी के नए खरीदे चैनल में नौकरी पर हैं। सेबी के मौजूदा प्रमुख सहारा समूह के खिलाफ अपनी जांच उनके निधन के बाद भी जारी रखने की घोषणा कर रहे हैं और हिन्दुस्तान टाइम्स सिंगल कॉलम में ही सही, पहले पन्ने पर छाप रहा है जबकि आज ही हिन्दुस्तान टाइम्स सहित कई अखबारों में सहाराश्री के निधन पर समूह की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देने वाला विज्ञापन पहले पन्ने पर छपा है। ऐसे खेल और खबरों के बीत दिल्ली की प्रदूषित हवा की चिन्ता दीवाली पर पटाखे चलाने से कम है और कारण पंजाब की पराली को बताने पर जोर है जबकि उसे रोकना भी सरकार का ही काम है।