Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

भारत में वामपंथी हमेशा मुस्लिम कट्टरपंथियों के समर्थक बने रहे!

-राम जनम पाठक-

कट्टरपंथ, मुसलमानों को खत्म कर देगा। कट्टरपंथ की यही खूबी है। कट्टरपंथ ऐसा जहर है जो सबसे पहले अपने रचयिता और अपने धारक को नष्ट करता है। लेकिन कट्टरपंथ केवल इस्लाम में हो, ऐसा नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रकारांतर से दुनिया के सारे धर्म कमोबेश अपनी खोल में कट्टर होते हैं। ईशनिंदा को ईसाई भी सही नहीं मानते। ईसाई धर्म ने दुनिया में सबसे ज्यादा खून बहाया है। इस्लाम से भी ज्यादा। नए दौर में हिंदुओं में भी एक खास किस्म की कट्टरता देखी जा रही है। नव हिंदुत्व का यह उभार यह मानता है कि दूसरे धर्मों की कट्टरता से लड़ने के लिए खुद का कट्टर होना जरूरी है।

आर एस एस और विश्व हिंदू परिषद अपनी इसी विचारधारा के कारण मुसलमानों और ईसाइयों से अपना प्रतिशोध लेना चाहती है और उन्हें सबक सिखाना चाहती। लेकिन विरोधाभास यह है कि एक कट्टरता कभी दूसरी कट्टरता को पराजित नहीं कर सकती। आप नमक से नमक नहीं खा सकते।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कट्टरता दूसरों को खाने के बाद खुद को खाने लगती है। कुछ लोग सोचते हैं कि एक कट्टरता का समर्थन किया जाए और दूसरी कट्टरता का विरोध। यह रास्ता भी एकांगी है। भारत के वामपंथियों ने यही किया।

वामपंथियों ने हिंदू कट्टरवाद का तो सख्ती से मुकाबला किया लेकिन मुस्लिम कट्टरपंथियों का समर्थन करते रहे। पश्चिम बंगाल में वामपंथी सरकार ने बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन को सिर्फ इसलिए रहने से इंकार कर दिया था क्योंकि वहां के कट्टरपंथी मुसलमान ऐसा ही चाहते थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ज्योति बसु को प्रधानमंत्री न बनाना अगर वामपंथियों की एक बड़ी भूल थी तो तस्लीमा नसरीन को पनाह न देना उससे भी बड़ी भूल थी। कांग्रेस की राज्य सरकार ने इससे भी बड़ी भूल की। राजीव सरकार ने दुनिया में सबसे पहले सलमान रुश्दी की किताब सैटेनिक वर्सेस पर पाबंदी लगाई। इससे भारत में कट्टरपंथी मुसलमानों का हौसला बढ़ता रहा।

शाहबानो केस तो कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकने की पराकाष्ठा थी। कांग्रेस ने मुस्लिम कट्टरपंथ के सामने अगर इतने अधिक घुटने नहीं टेके होते तो शायद भारत में आज जो हिंदुत्व का कट्टरपंथ फनफनाया हुआ है, वह नहीं होता।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस देश के वामपंथियों और सेकुलरों को यह समझना होगा कि सिर्फ हिंदू कट्टरपंथ से लड़ने से कल्याण नहीं होगा, बल्कि मुस्लिम कट्टरपंथियों को भी परास्त करना होगा। और इसाई मिशनरियों से भी लड़ना होगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement