Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

साउथ एशियन कम्युनिटी रेडियो कॉन्फ्रेंस नेपाल में गूंजेगा असुर मोबाइल रेडियो

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर 8 से 10 अगस्त को काठमांडू, नेपाल में आयोजित साउथ एशियन कम्युनिटी रेडियो कॉन्फ्रेंस में झारखंड की वंदना टेटे को आमंत्रित किया गया है। श्रीमती टेटे असुर अखड़ा मोबाइल रेडियो की कोऑर्डिनेटर और देश की जानीमानी आदिवासी लेखिका हैं। इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन ‘वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी रेडियो ब्रॉडकास्टर’ की एशिया-पैसेफिक रीजनल चैप्टर द्वारा किया जा रहा है।

एशिया-पैसेफिक रीजनल चैप्टर के डायरेक्टर सुमन बासनेट ने आमंत्रण में कहा है कि इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन दक्षिण एशिया में सामुदायिक प्रसारण के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में हो रहा है। यह एक अवसर है कि हम कम्युनिटी रेडियो की उपलब्धियों की समीक्षा और भविष्य के कार्यक्रम पर चिंतन कर सकें। मुझे विश्वास है कि आपका सहभागी होना सम्मेलन के महत्व और परिणाम को बहुत बढ़ा देगा। कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य रूप से इंटरनेट पर सामुदायिक रेडियो के प्रसारण, लैंगिक समानता, आदिवासी कम्युनिटी रेडियो और जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। हमारा अनुरोध है कि सभी सत्रों में सक्रिय भागीदारी के अलावा, विशेष रूप से आप ‘आदिवासी रेडियो के सशक्तिकरण के लिए मीडिया नीति पैरवी’ सत्र में अपने विचार साझा करें।

वंदना टेटे ने कहा कि यह आमंत्रण असुर जैसे पीवीटीजी समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। हालांकि हमलोग न तो फ्रीक्वेंसी आधारित ब्रॉडकास्टर हैं और न ही हमारे पास अपना कोई व्यवस्थित स्टूडियो है। न ही इसको चलाने के लिए हमें कहीं से सरकारी या गैर-सरकारी मदद मिलती है। पर खतरे में पड़ी अपनी भाषा और पुरखौती ज्ञान परंपरा को बचाने के लिए हम यह रेडियो चला रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ध्यातव्य है कि असुर अखड़ा मोबाइल कम्युनिटी रेडियो की शुरुआत 2020 की जनवरी में की गई थी। बिना फ्रीक्वेंसी वाला यह देश का एकमात्र और अनूठा रेडियो है जिसका प्रसारण पारंपरिक रूप से लगने वाले स्थानीय साप्ताहिक बाजारों में पीए सिस्टम और इंटरनेट के साउंडक्लाउड, यूट्यूब आदि माध्यमों के द्वारा किया जाता है। रोपनी असुर, असिंता असुर, सुखमनिया असुर, रोशनी असुर, मनिता असुर, चैत असुर, मेलन असुर और अजय असुर इसके प्रोग्रामर हैं जबकि सुषमा असुर, विवेक असुर और रमेश असुर इस अनूठे रेडियो के जॉकी हैं। विलुप्त होती असुर भाषा-संस्कृति के संरक्षण और प्रसार के लिए झारखंड की राजधानी रांची से करीब 180 किलोमीटर दूर दुर्गम नेतरहाट के पहाड़ी गांवों में इसका संचालन भारत के सामुदायिक रेडियो के इतिहास में एक अतुलनीय उदाहरण है।

केएम सिंह मुंडा
प्रवक्ता
झारखंडी भाषा साहित्य संस्कृति अखड़ा

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement