अमर उजाला हरिद्वार के ब्यूरो चीफ और एक रिपोर्टर का स्टिंग एक खनन माफिया ने किया. इस काम में खनन माफिया ने कुछ पत्रकारों से भी मदद ली.
स्टिंग के बाद पत्रकारों ने वीडियो एडिटिंग कराई. वीडियो में खनन माफिया का चेहरा ढंक दिया गया. अमर उजाला के रिश्वतखोर पत्रकारों का चेहरा तो खुला रखा ही गया, उनका नाम व पद भी अलग से अंकित किया गया.
यहां सवाल उठता है कि जो खनन माफिया सबसे बड़ा चोर है, जो मंत्री, अफसर, पुलिस, मीडिया सबको सेट करता है, उसने आखिर एक पत्रकार का स्टिंग करने का हिम्मत कैसे किया?
ये भी सवाल है कि आखिर ये स्टिंगबाज खनन माफिया है कौन जो वीडियो में बातचीत करते दिख रहा है लेकिन एडिटिंग के जरिए चेहरा ब्लर कर दिया गया है.
अगर इस खनन माफिया के बारे में आपको कुछ पता हो तो जरूर भड़ास तक पहुंचाएं. इनकी भी कुंडली सामने लाने की जरूरत है क्योंकि रिश्वत लेने वाले जितना ही दोषी है रिश्वत देने वाला. खासकर खनन माफिया तो सबसे बड़े वाले दबंग किस्म के महाभ्रष्ट हैं. देश में खनन माफियाओं के सौजन्य से ईमानदार पत्रकारों को गोली मरवाने, ईमानदार अफसरों पर गाड़ियां चढ़वा देने का चलन रहा है. मीडिया हाउसेज के लोग खनन माफियाओं का कलंकित इतिहास जानने के बावजूद इनके द्वारा प्रदत्त प्रचंड घूस के कारण चुप्पी साधे रहते हैं.
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