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पत्रकार रविशंकर रवि सहित पांच लोगों को मिलेगा विष्णु प्रभाकर सम्मान

नई दिल्ली। इस साल का विष्णु प्रभाकर समाजसेवा सम्मान मध्य प्रदेश के विदिशा रेलवे स्टेशन पर पिछले बत्तीस सालों से लगातार जनसाधारण को निशुल्क जल वितरण करने वाली संस्था सार्वजनिक भोजनालय समिति को देने का फैसला किया गया है। संस्था को यह सम्मान विष्णु प्रभाकर के 104वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में 20 जून को नई दिल्ली में गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान और अनिल संदेश(राष्ट्रीय मासिक पत्रिका) की ओर से होने वाले समारोह में दिया जाएगा।

<p>नई दिल्ली। इस साल का विष्णु प्रभाकर समाजसेवा सम्मान मध्य प्रदेश के विदिशा रेलवे स्टेशन पर पिछले बत्तीस सालों से लगातार जनसाधारण को निशुल्क जल वितरण करने वाली संस्था सार्वजनिक भोजनालय समिति को देने का फैसला किया गया है। संस्था को यह सम्मान विष्णु प्रभाकर के 104वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में 20 जून को नई दिल्ली में गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान और अनिल संदेश(राष्ट्रीय मासिक पत्रिका) की ओर से होने वाले समारोह में दिया जाएगा।</p>

नई दिल्ली। इस साल का विष्णु प्रभाकर समाजसेवा सम्मान मध्य प्रदेश के विदिशा रेलवे स्टेशन पर पिछले बत्तीस सालों से लगातार जनसाधारण को निशुल्क जल वितरण करने वाली संस्था सार्वजनिक भोजनालय समिति को देने का फैसला किया गया है। संस्था को यह सम्मान विष्णु प्रभाकर के 104वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में 20 जून को नई दिल्ली में गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान और अनिल संदेश(राष्ट्रीय मासिक पत्रिका) की ओर से होने वाले समारोह में दिया जाएगा।

फैसले की जानकारी देते हुए गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा की मंत्री कुसुम ने बताया कि सन्निधि संगोष्ठी की ओर से समाजसेवा के लिए फरीदाबाद की रंजना, पत्रकारिता के लिए गुवाहाटी के रविशंकर रवि, शिक्षा के लिए अयोध्या की बिंदु पांडेय और साहित्य के लिए जींद महिला महाविद्यालय की प्राध्यापिका डा सुधा को देने का फैसला किया गया है। रविशंकर रवि 80 के दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। नवभारत टाइम्स से इन्होंने पत्रकारिता आरंभ की और वर्तमान में असम से प्रकाशित दैनिक पूर्वोदय में संपादक हैं।

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पूर्वोतर के चर्चित पत्रकारों में उनका नाम शुमार है। वहीं मध्यप्रदेश की संस्था सार्वजनिक भोजनालय समिति पानी के बाजार पर सेवा के जज्वे को कायम रखा है। सेवा का क्षेत्र सिर्फ पानी तक नहीं सीमित नहीं है। अस्पताल में मरीजों के सहायकों के लिए भोजन, वजूर्गों के लिए दादा दादी का चौपाल जैसे कई कार्यक्रमों से न सिर्फ अपनी पहचान बनायी है बल्कि दूसरों के लिए सेवा का मार्ग प्रशस्त किया है।  इस पूरे कार्यक्रम की परिकल्पना अतुल प्रभाकर और चर्चित पत्रकार प्रसून लतांत की है। इन दोनों का प्रयास हर क्षेत्र की प्रतिभा को सम्मान मिले और आगे वे समाज के लिए वेहतर कर सकें।

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