लखनऊ से खबर आ रही है कि विश्ववार्ता अखबार में काम करने वालों को कई महीनों से वेतन नहीं दिया जा रहा है. इस अखबार के एमडी आशीष नामक कोई शख्स है जो लोगों को झांसे देकर अखबार से जोड़ रहा है पर उनको वेतन नहीं दे पा रहा है.
इस अखबार में अशोक पांडेय नामक शख्स संपादक है जो मीठी मीठी बातों में लोगों को बहलाने फुसलाने का मास्टर है. बताया जाता है कि कुछ ऐसे लोगों को जो संपादक के चहेते हैं, चुपके से सैलरी दे दी गई. जो मक्खनबाज किस्म के लोग हैं वो सेलरी पा जाते हैं.
पोर्टल वाले चार महीने से रो रहे हैं. अखबार वालों के आंसू पोछने वाला कोई नहीं है. एकांउट में जाने के बाद सब एक दूसरे से खुसर फुसर कर बगले झांकते हैं. इसमें कुछ खास लोग वेतन पाने में सफल रहे.
मालिक को बस परवाह है कि उनका अखबार छपता रहे, बाकी जाए भांड़ में. और तो और, बेचारे मार्केटिंग मैनेजर का पैसा भी नहीं दे रहे. नए लोग ज्वाइन तो कर रहे लेकिन सेलरी न मिलने पर भाग भी रहे.
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
उपरोक्त पत्र पर विश्व वार्ता में काम करने वाले एक मीडियाकर्मी का रिप्लाई कुछ यूं आया है-
कोरोनाकाल में अखबार निकाला। लोगों को नौकरी दी। सरकार ने अखबार को अपना विरोधी मानकर विज्ञापन रोक दिए हैं। मार्केटिंग टीम फ़ेल साबित हो रही है। मैनेजर को पिछले महीने जाने को कह दिया। लेकिन जा नहीं रहे। बड़े अखबार सरकार की चमचागीरी कर रहे हैं। केवल विश्ववार्ता तेवर के साथ निकल रहा है। ऐसे में जैसे-जैसे धन की व्यवस्था होती जाती है, सेलरी देते जा रहे हैं। अखबार बड़ी मेहनत से खड़ा किया गया है। लगातार मांग बढने से प्रिंटिंग खर्च भी बढ़ रहा है। कुछ दिन में सबको सेलरी मिल जाएगी। एक्चुअल में किसी माफिया या बिल्डर का पैसा इसमें नहीं लगा है। जो निकाल रहे हैं अमर उजाला के पूर्व संपादक अशोक पांडेय और अमर उजाला व जागरण में लंबे समय तक रहे आशीष बाजपेई मिलकर निकाल रहे हैं। इनका मकसद प्रॉफिट कमाना नहीं। लेइसे कुछ लोग असफल करने में लगे हैं। यदि वे कोशिश में सफल हो गए तो करीब पचास पत्रकार-कर्मी बेरोजगार हो जाएंगे।
Mukesh soni
January 7, 2024 at 3:59 pm
Sir my name is Mukesh soni aur mein Apki news me kaam kerna chahata hu my contact number 7236808098