आशीष कुमार अंशू-
मुखर्जी नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक छात्र ने कहा कि बीए फेल की कहानी पूरी सच्चाई नहीं बताती है। आज मुखर्जी नगर में यूपीएससी कोचिंग सेंटर की कहानी थोड़ी अलग है। यहां यूपीएससी की तैयारी कराने वाला कोचिंग आईएएस से लेकर सिपाही भर्ती तक की किताबें छाप रहा है।
जिस सेलीब्रिटी शिक्षक को देखकर आप कोचिंग ज्वाइन करते हैं, वह रिल्स में, टीवी चैनल्स में और सिनेमा में दिखाई देता है। कक्षा में तो सिलेबस पूरा करने के नाम पर उसके पांच साल पुराने वीडियो ही चलाए जा रहे हैं।
बात इतनी ही नहीं है, मुखर्जी नगर के एक शिक्षक ने तो अपने सोशल मीडिया प्रमोशन के लिए 750 लोगों की पूरी आईटी सेल बना रखी है। 1000 के आस पास उनके प्रोक्सी यू ट्यूब चैनल चलते हैं। हर साल उनके चेहरे को देखकर 20,000 से अधिक छात्र पढ़ने के लिए उनकी कोचिंग के किसी ना किसी ब्रांच में दाखिला लेते हैं। डेढ़ से चार लाख तक की फीस जमा करते हैं। उनके दर्शन कभी-कभी ही प्रतियोगी छात्रों को हो पाता है। बाकि उनके रिकॉर्डेड वीडियो से तैयारी चल ही रही है।
बिहार, उप्र, झारखंड जैसे राज्यों से बच्चे दिल्ली मेंटर की तलाश में आते हैं और दुर्भाग्य यह है कि इतना पैसा खर्च करने के बाद भी उन्हें अच्छा शिक्षक तक नसीब नहीं होता। यह मुखर्जी नगर की वीभत्स सच्चाई की छाया मात्र है।
एक बार मेंस तक जो छात्रा आ जाते हैं, उन्हें सुविधा देने के लिए विभिन्न सरकारों की योजनाएं हैं। अब सरकारी योजना का पैसा लेकर मेंस के छात्रों से फॉर्म भरवाना और परीक्षा में सफलता पाने के बाद उन्हें अपना छात्र बताने की होड़। यह एक अलग ही चैप्टर है।
यदि यूपीएससी की तैयारी की इस कड़वी सच्चाई से फेसबुक से जुड़े कुछ मित्र गुजरे हैं तो उन्हें 12वीं फेल की सफलता के बाद गांव और कस्बों में जमीन बेचकर मुखर्जी नगर की तरफ दौड़ पड़ने की जो होड़ लग रही है, उसे रोकने के लिए कुछ प्रयास करना चाहिए।